Indore News : स्मार्ट सिटी में प्लॉट बेचेगा नगर निगम | Municipal Corporation Will Sell Plots In Smart City | Patrika News h3>
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहर के दो क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। इसमें एक 742 एकड़ का राजबाड़ा क्षेत्र और दूसरा 55 एकड़ का महू नाका से गंगवाल बस स्टैंड (एमओजी लाइन ) तक का एरिया है। एमओजी लाइन में बाधक मकान और अन्य निर्माणों को तोड़ा जा रहा है। इनमें 316 सरकारी मकान, सरकारी स्कूल और अन्य निर्माण हैं। एमओजी लाइन में अधिकतर निर्माण टूट गए हंै। दो-चार और बचे हैं। इनको तोडऩे की कार्रवाई चल रही है। एमओजी लाइन में निगम ने तोडफ़ोड़ ठेके पर करवाई है। तोडफ़ोड़ के बाद खाली हुई जमीन पर अब प्लॉट काटकर बेचने की तैयारी है। यहां 11 प्लॉट हैं। इनकी साइज 10, 12 और 20 हजार वर्ग फीट तक है।
बेचने का अधिकार खरीदार को इन प्लॉट्स को बेचने के लिए मध्य प्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग भोपाल से टेंडर जारी किए जाएंगे। किसी भी सरकारी विभाग की संपत्ति बेचने को लेकर यह विभाग ही कार्रवाई करता है। एमओजी लाइन के प्लॉट बेचने के लिए निगम ने इस विभाग को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है, जल्द ही पहुंचाएंगे। भोपाल से टेंडर जारी होने और फिर प्लॉट बिकने के बाद एमओजी लाइन में कमर्शियल, मिश्रित उपयोग और आवासीय बिल्डिंग बनेगी। इनमें फ्लैट और ऑफिस का निर्माण किया जाएगा। इनको बेचने का अधिकार प्लॉट खरीदने वाली कंपनी या बिल्डर का ही रहेगा। निगम सिर्फ गलत निर्माण होने पर कार्रवाई करेगा।
तीन प्लॉट पहले ही बेचे एमओजी लाइन में निगम 3 प्लॉट पहले ही बेच चुका है। अब नियम बदल गए हैं, इसलिए देखा जा रहा है कि नया नियम इन पर लागू होगा या नहीं। इस कारण तीनों प्लॉट को अभी होल्ड पर रखा गया है। मामले में राज्य सरकार से निर्णय होने के बाद इन प्लॉट्स को लेकर आगामी कार्रवाई की जाएगी। बताया जाता है कि ये प्लॉट राजनीतिक और रसूखदार लोगों ने खरीदे हैं।
इन विभागों से मिली जमीन एमओजी लाइन में कमर्शियल, मिश्रित उपयोग व रेसिडेंसल बिल्डिंग बनाने के लिए निगम के पास खुद की जमीन नहीं थी। एमओजी लाइन में दूसरे सरकारी विभाग जैसे पीडब्ल्यूडी, नजूल, हाउसिंग बोर्ड और पशु चिकित्सालय सहित कुक्कुट केंद्र की जमीन है, जो राज्य सकार के जरिए निगम को आवंटित हो गई है। हालांकि इन विभागों की जमीन लेने के लिए निगम को लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी और राज्य शासन स्तर तक मामला गया। कैबिनेट की मंजूरी पर निगम को इन विभागों की जमीन मिली है।
इसी महीने शुरू हो जाएगा काम इधर, एमओजी लाइन में मूलभूत सुविधा के लिए ड्रेनेज, पानी, अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिक बिजली लाइन, पानी निकासी के लिए स्टॉर्म वाटर लाइन डालने और सडक़ बनाने के टेंडर पहले ही बुलाकर ठेका दे दिया गया है। मकान और अन्य निर्माण न हटने से काम अटका पड़ा था। अब बाधक निर्माण हटने के साथ साइट क्लीयर होने पर निगम ने यह काम करने की तैयारी कर ली है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों की मानें तो यह काम संभवत: इसी महीने में शुरू हो जाएगा। हालांकि एमओजी लाइन में काम करने की योजना तकरीबन चार वर्ष पहले बनी थी, लेकिन काम अब शुरू हुआ।
पहले डेवलपमेंट, फिर बेचेंगे एमओजी लाइन में अभी निर्माण हटाकर जमीन खाली करने का काम चल रहा है। जल्द ही डेवलपमेंट के काम शुरू किए जाएंगे और फिर प्लॉट बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रोसेस शुरू हो गई है। प्लॉट बेचने को लेकर टेंडर भोपाल से निकाले जाएंगे।
– ऋषभ गुप्ता, सीईओ, स्मार्ट सिटी कंपनी इंदौर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए शहर के दो क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं। इसमें एक 742 एकड़ का राजबाड़ा क्षेत्र और दूसरा 55 एकड़ का महू नाका से गंगवाल बस स्टैंड (एमओजी लाइन ) तक का एरिया है। एमओजी लाइन में बाधक मकान और अन्य निर्माणों को तोड़ा जा रहा है। इनमें 316 सरकारी मकान, सरकारी स्कूल और अन्य निर्माण हैं। एमओजी लाइन में अधिकतर निर्माण टूट गए हंै। दो-चार और बचे हैं। इनको तोडऩे की कार्रवाई चल रही है। एमओजी लाइन में निगम ने तोडफ़ोड़ ठेके पर करवाई है। तोडफ़ोड़ के बाद खाली हुई जमीन पर अब प्लॉट काटकर बेचने की तैयारी है। यहां 11 प्लॉट हैं। इनकी साइज 10, 12 और 20 हजार वर्ग फीट तक है।
बेचने का अधिकार खरीदार को इन प्लॉट्स को बेचने के लिए मध्य प्रदेश लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग भोपाल से टेंडर जारी किए जाएंगे। किसी भी सरकारी विभाग की संपत्ति बेचने को लेकर यह विभाग ही कार्रवाई करता है। एमओजी लाइन के प्लॉट बेचने के लिए निगम ने इस विभाग को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर ली है, जल्द ही पहुंचाएंगे। भोपाल से टेंडर जारी होने और फिर प्लॉट बिकने के बाद एमओजी लाइन में कमर्शियल, मिश्रित उपयोग और आवासीय बिल्डिंग बनेगी। इनमें फ्लैट और ऑफिस का निर्माण किया जाएगा। इनको बेचने का अधिकार प्लॉट खरीदने वाली कंपनी या बिल्डर का ही रहेगा। निगम सिर्फ गलत निर्माण होने पर कार्रवाई करेगा।
इन विभागों से मिली जमीन एमओजी लाइन में कमर्शियल, मिश्रित उपयोग व रेसिडेंसल बिल्डिंग बनाने के लिए निगम के पास खुद की जमीन नहीं थी। एमओजी लाइन में दूसरे सरकारी विभाग जैसे पीडब्ल्यूडी, नजूल, हाउसिंग बोर्ड और पशु चिकित्सालय सहित कुक्कुट केंद्र की जमीन है, जो राज्य सकार के जरिए निगम को आवंटित हो गई है। हालांकि इन विभागों की जमीन लेने के लिए निगम को लंबी लड़ाई लडऩी पड़ी थी और राज्य शासन स्तर तक मामला गया। कैबिनेट की मंजूरी पर निगम को इन विभागों की जमीन मिली है।
पहले डेवलपमेंट, फिर बेचेंगे एमओजी लाइन में अभी निर्माण हटाकर जमीन खाली करने का काम चल रहा है। जल्द ही डेवलपमेंट के काम शुरू किए जाएंगे और फिर प्लॉट बेचे जाएंगे। इसके लिए प्रोसेस शुरू हो गई है। प्लॉट बेचने को लेकर टेंडर भोपाल से निकाले जाएंगे।
– ऋषभ गुप्ता, सीईओ, स्मार्ट सिटी कंपनी इंदौर