Indore News : बढ़ी तपन…पंखे-कूलर की हवा खा रहे बिजली ग्रिड और ट्रांसफॉर्मर | Heat Wave : Efforts Are Being Made To Save The Grid From Overheating | Patrika News h3>
शहर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार चल रहा है। ऐसे में हम जहां अपने शरीर की ङ्क्षचता करते हुए गर्मी से बचने के लिए ज्यादा पानी पीने के साथ ठंडक पाने के लिए एसी, कूलर, पंखे व फ्रीज चला रहे हैं। वहीं दोपहर में 12 से 4 बजे के बीच घरों से बाहर निकलने से बचते हैं। इसी प्रकार गर्मी में बिजली उपकरणों को बचाने के लिए भी व्यवस्थाएं करना पड़ रही हैं ताकि वे गर्मी सहन कर सकें, नुकसानी न हो और बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से चलती रहे। अधिक बाहरी तापमान और बिजली की अधिक मांग के चलते ग्रिड के मुख्य अंग पॉवर ट्रांसफॉर्मरों के लिए भी शीतलता के इंतजाम किए गए हैं। ग्रिड के पास पंखे-कूलर लगाए गए हैं ताकि हवा से ग्रिड का तापमान बहुत ज्यादा न हो।
यहां लगाए गए पंखे दक्षिण शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री डीके तिवारी का कहना है कि ग्रिडों के तापमान का संतुलन सतत व गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति के लिए बहुत जरूरी होता है, इसलिए शहर के ग्रिडों के पास पंखे लगाकर पीटीआर का तापमान संतुलित किया जा रहा है। मयूर नगर, साधु वासवानी नगर, सिंधी कॉलोनी सहित अन्य स्थानों के ग्रिडों के पास पंखे लगाए गए हैं। इसी तरह के जतन शहर के विजय नगर, देवास रोड, उज्जैन रोड, धार रोड आदि में भी किए गए हैं। ग्रिड के अर्थिंग वाले स्थान में नमी के लिए रोज पानी डाला जा रहा है। कहीं-कहीं नमक भी डाला गया है, ताकि ज्यादा अवधि तक नमी बरकरार रहे। ग्रिड की व्यवस्थाएं भीषण गर्मी में बिजली की अत्यधिक मांग के बाद भी सामान्य चलती रहे।
500 फीडर व 119 ग्रिड से हो रही आपूर्ति शहर में वर्तमान में 5550 मेगावाट से ज्यादा बिजली मांग है। इसकी आपूर्ति 11 केवी लाइनों के 500 फीडरों व 119 ग्रिडों के माध्यम से की जा रही है। बिजली वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने भी आपूर्ति के संबंध में उच्च अधिकारियों को भीषण गर्मी में सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिए ताकि आपूर्ति निर्बाध रहे।
शहर में हो रही कटौती डिमांड के हिसाब से बिजली आपूर्ति करने का दावा कंपनी करती है, लेकिन शहर में कटौती भी जा रही है। मेंटेनेंस के चलते कटौती हो रही है। इससे गर्मी में लोगों का हाल बुरा है। कभी-कभी तो बिना मेंटेनेंस के भी बिजली गुल हो जाती है। 15 से 20 मिनट या फिर आधे घंटे से ज्यादा बंद रहती है। कारण लाइन पर फाल्ट होना या फिर ट्रांसफॉर्मर का जलना बताया जाता है।
ढाई से 8 हजार घरों में आपूर्ति शहर में 3,15, 5, 8, 10 मेगावाट क्षमता के पॉवर ट्रांसफॉर्मर लगे हैं। प्रत्येक ट्रांसफॉर्मर से ढाई से 8 हजार घरों तक बिजली आपूर्ति होती है। इससे इन ट्रांसफॉर्मरों के महत्व व रखरखाव के प्रति जवाबदेही का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर में तापमान में बढ़ोतरी के बाद सभी ग्रिड के पास पंखे लगाए गए हैं। आसपास पानी अलग डाला जा रहा है ताकि ठंडक बनी रहे। तापमान में और वृद्धि की स्थिति में अब कूलर भी लगना शुरू हो गए हैं।
शहर का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पार चल रहा है। ऐसे में हम जहां अपने शरीर की ङ्क्षचता करते हुए गर्मी से बचने के लिए ज्यादा पानी पीने के साथ ठंडक पाने के लिए एसी, कूलर, पंखे व फ्रीज चला रहे हैं। वहीं दोपहर में 12 से 4 बजे के बीच घरों से बाहर निकलने से बचते हैं। इसी प्रकार गर्मी में बिजली उपकरणों को बचाने के लिए भी व्यवस्थाएं करना पड़ रही हैं ताकि वे गर्मी सहन कर सकें, नुकसानी न हो और बिजली आपूर्ति निर्बाध रूप से चलती रहे। अधिक बाहरी तापमान और बिजली की अधिक मांग के चलते ग्रिड के मुख्य अंग पॉवर ट्रांसफॉर्मरों के लिए भी शीतलता के इंतजाम किए गए हैं। ग्रिड के पास पंखे-कूलर लगाए गए हैं ताकि हवा से ग्रिड का तापमान बहुत ज्यादा न हो।
यहां लगाए गए पंखे दक्षिण शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री डीके तिवारी का कहना है कि ग्रिडों के तापमान का संतुलन सतत व गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति के लिए बहुत जरूरी होता है, इसलिए शहर के ग्रिडों के पास पंखे लगाकर पीटीआर का तापमान संतुलित किया जा रहा है। मयूर नगर, साधु वासवानी नगर, सिंधी कॉलोनी सहित अन्य स्थानों के ग्रिडों के पास पंखे लगाए गए हैं। इसी तरह के जतन शहर के विजय नगर, देवास रोड, उज्जैन रोड, धार रोड आदि में भी किए गए हैं। ग्रिड के अर्थिंग वाले स्थान में नमी के लिए रोज पानी डाला जा रहा है। कहीं-कहीं नमक भी डाला गया है, ताकि ज्यादा अवधि तक नमी बरकरार रहे। ग्रिड की व्यवस्थाएं भीषण गर्मी में बिजली की अत्यधिक मांग के बाद भी सामान्य चलती रहे।
शहर में हो रही कटौती डिमांड के हिसाब से बिजली आपूर्ति करने का दावा कंपनी करती है, लेकिन शहर में कटौती भी जा रही है। मेंटेनेंस के चलते कटौती हो रही है। इससे गर्मी में लोगों का हाल बुरा है। कभी-कभी तो बिना मेंटेनेंस के भी बिजली गुल हो जाती है। 15 से 20 मिनट या फिर आधे घंटे से ज्यादा बंद रहती है। कारण लाइन पर फाल्ट होना या फिर ट्रांसफॉर्मर का जलना बताया जाता है।