Indore News : नगर निगम अब खुद कर रहा कॉलोनियां वैध | Municipal Corporation Is Legalizing Illegal Colonies | Patrika News

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Indore News : नगर निगम अब खुद कर रहा कॉलोनियां वैध | Municipal Corporation Is Legalizing Illegal Colonies | Patrika News

Indore News : नगर निगम अब खुद कर रहा कॉलोनियां वैध | Municipal Corporation Is Legalizing Illegal Colonies | Patrika News

चार वर्ष से अवैध कॉलोनी वैध करने की रुकी प्रक्रिया को फिर से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए राज्य सरकार ने नया नियम कॉलोनी विकास अधिनियम-2021 बना दिया है। इसका गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशन 13 जनवरी को हो गया है। इसके आधार पर निगम कॉलोनी सेल ने अवैध कॉलोनी वैध करने के लिए आवेदन बुलाना फरवरी से शुरू कर दिए। चार माह होने के बावजूद अभी तक 10 आवेदन ही आवेदन निगम कॉलोनी सेल में आए हैं। आवेदन न आने पर अब निगम ने खुद अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके चलते शहर की 18 कॉलोनियों में योजना बनाने से पहले दावे-आपत्ति बुलाई गई हैं, जो कि आज से 15 दिन के अंदर कॉलोनी सेल में ऑफिस टाइम में देना है। जमीन को लेकर विवाद तो नहीं है, किसी भूखंडधारी और मकान मालिक का कोर्ट में केस तो नहीं चल रहा, आदि को लेकर ये दावे-आपत्ति बुलाए हैं। इनका निराकरण करने के बाद कॉलोनी का लेऑउट प्लान तैयार करने के साथ ट्रेङ्क्षसग पेपर उतार दिया जाएगा। टाउन एंड कंट्री प्लाङ्क्षनग विभाग (टीएंडसीपी) को ट्रेस लेआउट भेजा जाएगा, ताकि कॉलोनियों के लेआउट में नदी-नाले, सडक, मार्ग और लैंडयूज चिह्नित हो जाएं। जिन कॉलोनियों को निगम अवैध से वैध करने जा रहा है, वहां पर 90 प्रतिशत तक मकान बने हुए हैं। कॉलोनी वैध होने के बाद जहां खाली प्लॉट पर नक्शे पास होने लगेंगे, वहीं नए नियम के तहत बने मकानों के नक्शे भी पास होने लगेंगे। बैंक से लोन मिलने लगेगा। साथ ही लोगों को मूलभूत सुविधा भी मिलने लगेंगी।

इन कॉलोनियों से बुलाए खजराना की कैलाशपुरी, ममता कॉलोनी, विश्वनाथधाम कॉलोनी, आशा पैलेस, गरीब नवाज कॉलोनी, भाग्यश्री कॉलोनी, गणेश नगर, श्रीराम नगर, स्वर्णबाग, ग्राम चिदावत की देव नगर कॉलोनी, मदीना नगर, मूसाखेड़ी की फिरदौस नगर, साटम पार्क, चौधरी पार्क कॉलोनी, पंचशील नगर, ग्राम सिरपुर की सागर पैलेस, गुलाब बाग, छोटा बांगड़दा की न्यू जगन्नाथ नगर और राखी नगर को अवैध से वैध करने को लेकर दावे-आपत्ति बुलाए गए हैं। इनके अलावा निगम अभी और कॉलोनियों को लेकर दावे-आपत्ति बुला रहा है।

परीक्षण कर प्रक्रिया शुरू इधर, अभी तक निगम कॉलोनी सेल को जिन 10 अवैध कॉलोनियों के आवेदन मिले हैं, उनको परीक्षण कर वैध करने की प्रक्रिया की जा रही है। मालूम हो कि चार वर्ष पहले अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर चली प्रक्रिया के तहत निगम कॉलोनी सेल ने लेआउट तैयार करवाए थे। यह लेआउट वर्ष-1998 के नियम के हिसाब से तैयार हुए थे, लेकिन राज्य सरकार ने वर्ष-2021 में नया नियम बना दिया। अब इसके आधार पर लेआउट तैयार होंगे।

तय प्रारूप में आवेदन न आने पर लौटाए अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए कॉलोनी सेल ने आवेदन लेना शुरू कर दिया है। शहर में 31-12-2016 के पहले अस्तित्व में आई अवैध कॉलोनियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें कॉलोनाइजर के नाम, पता, ग्राम, सर्वे क्रमांक, रकबा और विस्तृत नक्शा मांगा गया है। इसके लिए प्रारूप तय है। जो आवेदन प्रारूप में नहीं आए, उन्हें वापस लौटाकर लेटर जारी कर तय प्रारूप में जानकारी मांगी गई है।

…इसलिए नहीं आ रहे आवेदन राज्य सरकार के नियम बदलने के बाद फिर से अवैध कॉलोनी वैध होने लगी, लेकिन कोई आगे नहीं आ रहा है। आवेदन कम आने की वजह अवैध कॉलोनी काटने वाले पर पुलिस में प्रकरण दर्ज करना भी बताया जा रहा है। इसके अलावा निगम की तरफ से प्रचार-प्रसार नहीं करना अलग है। इससे निगम को राजस्व की हानि हो रही है और लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।



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