रविवार को एक बार उसी ऐतिहासिक लॉडर्स के मैदान में इंग्लैंड से मुकाबला करने उतरी भारतीय महिला क्रिकेट टीम सिर्फ कुछ ही कदम से ही जीत हासिल करने से चूक गई। इंग्लैंड ने महज 9 रनो से हराकर चौथी बार विश्व कप पर कब्जा कर लिया । हालाँकि कप न सही मगर टूर्नामेंट में अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर भारतीय खिलाडियों ने पूरे देश का दिल जीत लिया है ।
पूरी टूर्नामेंट के दौरान भारतीय टीम अपनी जान लगा कर खेली । इंग्लैंड को पहले ही लीग मैच में हराकर जो सफर शुरू किया था वो फाइनल में उसी टीम के हाथो बहुत ही करीबी अंतर से हारकर खत्म हुआ । विश्व कप फाइनल में इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया । पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम इंग्लैंड सात विकेट गवाकर 228 रन का स्कोर बना पाई । जवाब में उतरी भारतीय टीम की शुरुआत कुछ ज्यादा अच्छी नहीं रही मगर हरमनप्रीत कौर (51) और ओपनर पूनम राउत (86) की कमाल की साझेदारी ने टीम को फिर से जीत की उम्मीद दिलाई। मगर जीत की तरफ आते आते भारत ने आखिरी में एक के बाद एक विकेट खो दिए और जीत के करीब पहुंच कर चूक गई।
पूनम-हरमन की साझेदारी
खराब शुरुआत होने के बावजूद हरमनप्रीत कौर और पूनम राउत ने टीम को मजबूती दी। ओपनर स्मृति मंधाना 0 पर और कैप्टन मिताली राज 17 रन बनाकर दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट हो गई। शुरूआती झटको से हरमनप्रीत कौर और पूनम राउत ने निकाला और कमाल की सांझेदारी के साथ 21.2 ओवर में 95 रन जोड़े ।
स्पिनर्स का कमाल
भारतीय गेंबाजो का प्रदर्शन काबिले तारीफ़ रहा। पहले बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान इंग्लैंड टीम के ओपनर लॉरेन विनफिल्ड को बोल्ड कर स्पिनर राजेश्वरी गायकवाड़ ने इंग्लैंड को पहला झटका दिया। दूसरे ओपनर ब्यूमोंट को लेगब्रेक गेंदबाज पूनम यादव ने पवेलियन भेज दिया। इसके बाद तीन रन के अंदर ही पूनम ने इंग्लैंड कैप्टन हीदर नाइट को भी सस्ते में ही वापस पवेलियन भेज दिया। इसके साथ ही भारतीय टीम की तेज़ गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने भी मात्र 23 रन देकर इंग्लैंड टीम के तीन विकेट चटकाए। वही दूसरी तरफ शिखा पांडेय का प्रदर्शन भी शानदार रहा और पूनम यादव भी 2 विकेट अपने नाम करने में सफल रही ।
मिताली का नेतृत्व
इंग्लैंड टीम की ओपनर विनफिल्ड और ब्यूमोंट ने मैच को अच्छी शुरुआत दी हालाँकि इस बीच इन दोनों का भाग्य ने भी साथ दिया जिससे 11 ओवर तक इंग्लैंड ने बिना किसी नुक्सान के स्कोर 46 रन तक पहुंचाया। विकेट न मिलने पर किसी भी तरह के दबाव में आने की बजाय काफी समझदारी से भारतीय कप्तान मिताली राज बोलिंग में परिवर्तन किये, उन्होंने बीच के ओवरों में स्पिनर राजेश्वरी और पूनम को भेज अच्छे फैसले का उदहारण दिया।