नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत बड़ा कदम उठाने जा रहा है और घुसपैठ का पता लगाने के लिए निगरानी सिस्टम (Surveillance System) को मजबूत करने की योजना है. सीमा पर ड्रोन, सेंसर, टोही और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरण के जरिए चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की हरकतों पर चौबीसों घंटे नजर रखी जाएगी.
भारत मजबूत करेगा निगरानी और खुफिया तंत्र
लद्दाख में पिछले साल मई में चीन के साथ टकराव शुरू हुआ था और अब तक कई बार दोनों देशों के सैनिकों की भिड़ंत हो चुकी है. इस बीच चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तेजी के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने में जुटा है. इसी को देखते हुए अब भारत ने भी सीमा पर निगरानी सिस्टम और खुफिया जानकारियां एकत्र करने के तंत्र को उच्च कोटि का बनाने का फैसला किया है.
निगरानी तंत्र को अपग्रेड करने का बड़ा कारण
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पाकिस्तान के साथ 778 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा (LoC) की तरह लगातार सैनिक तैनात नहीं किए जा सकते हैं. इसलिए एलएसी पर गैप फ्री कवरेज और वास्तविक समय की जानकारी के लिए मौजूदा निगरानी तंत्र को तत्काल अपग्रेड करने की जरूरत है.
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सीमा पर लगाए जाएंगे ये सिस्टम
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए मिनी ड्रोन और अल्ट्रा-लॉन्ग-रेंज सर्विलांस कैमरों से लेकर दूर से संचालित होने वाले एयक्राफ्ट सिस्टम से निगरानी क्षमता बढ़ाने की योजना है. इसके साथ ही सेना के लिए इजराइल से तीन से चार उपग्रह संचार-सक्षम हेरोन यूएवी (मानवरहित हवाई वाहन) को लीज पर लेने की भी बात चल रही है. इसके अलावा, वायुसेना के लिए हैरॉप कमिकेज अटैक ड्रोन भी खरीदे जाने हैं.
डीआरडीओ ने तैयार किया सर्विलांस सिस्टम
सूत्रों के अनुसार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बॉर्डर ऑब्जर्वेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (BOSS) को लगभग तैयार कर लिया है, जिसमें कई सेंसर सिस्टम लगे हैं. इसके अलावा, भारतीय सेना ने पिछले महीने एक भारतीय कंपनी के सथ 140 करोड़ रुपये का समझौता किया था, जिसके तहत अडवांस वर्जन के स्विच ड्रोन खरीदे जाएंगे.
9 महीने से चल रहा है भारत-चीन विवाद
बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया. इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला (Nathu La) में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं.
इसके बाद 15 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत और चीन के बीच कई स्तर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन गतिरोध पर कोई हल नहीं निकला है. 20 जनवरी 2021 को सिक्किम में नाकू ला (Naku La) में घुसपैठ की कोशिश की. इसके बाद जब भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सैनिकों को रोकने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में झड़प हो गई और दोनों देशों के कई सैनिक जख्मी हुए थे.