IND vs AUS Kolkata Test 2001: जब वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और हरभजन ने तोड़ा था ऑस्ट्रेलिया का गुरूर, फॉलोऑन खेल जीता था भारत h3>
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के इतिहास के पन्नों में 14 मार्च (IND vs AUS, 14 March 2001) का दिन बेहद खास माना जाता है। इसी दिन ‘द वॉल’ के नाम से मशहूर भारतीय कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) और दिग्गज वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने 21 साल पहले कोलकाता में पार्टनरशिप का रिकॉर्ड बनाया था, जो आज भी भारतीय क्रिकेट इतिहास में दर्ज है। यही नहीं, उनकी इस साझेदारी के दम पर भारत ने फॉलोऑन खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया को हराया था।
ऑस्ट्रेलिया 1999 के बाद से लगातार जीत रही थी और 16 मुकाबले जीतते हुए कंगारू टीम कोलकाता पहुंची थी। ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम में द्रविड़ और लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में मिलकर पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 376 रन जोड़े, जिसने ऑस्ट्रेलिया के विजय अभियान को रोक दिया। इसके साथ ही उसका गुरूर भी टूट गया था।
गांगुली थे कप्तान, फॉलोऑन का सामना
मौजूदा बीसीसीआई चीफ सौरभ गांगुली तब टीम इंडिया के कैप्टन थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का पहला टेस्ट मैच हारा लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में लक्ष्मण और द्रविड़ का बल्ला ऐसा चला कि मेहमानों के छक्के छूट गए। मुंबई में पहला टेस्ट हार चुकी भारतीय टीम कोलकाता के ईडन गार्डंस में फॉलोऑन का सामना कर रही थी। तीसरे दिन तक भारत ने 4 विकेट पर 254 रन बनाए थे।
मंडराने लगे थे भारत पर हार के बादल
11 मार्च से शुरू हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम पहली पारी में केवल 171 रन बना सकी। उसे फॉलोऑन करना पड़ा और तीसरे दिन तक भारत पर हार के बादल मंडरा रहे थे।
589 तक पहुंचा दिया स्कोर
तब मैच के चौथे दिन लक्ष्मण और द्रविड़ ऐसा टिके कि दिन में भारत का एक भी विकेट नहीं गिरा और स्कोर 589 रन तक पहुंच गया। पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण (281) और द्रविड़ (180) ने 376 रन जोड़े। भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी। लक्ष्मण ने 631 गेंदों की अपनी पारी में 44 चौके लगाए जबकि द्रविड़ ने 446 गेंदों पर 20 चौके जड़े।
हरभजन, सचिन ने भी निभाई भूमिका
इस तरह ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन का टारगेट मिला। फिर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का जादू चला और उन्होंने 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। उनके अलावा सचिन तेंदुलकर ने 3 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलियाई टीम की दूसरी पारी 68.3 ओवरों में 212 रन पर सिमट गई और भारत ने यह टेस्ट मैच 171 रनों से जीत लिया।
भज्जी ने पहली पारी में झटकी थी हैट्रिक
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में उन्होंने तीन गेंदों पर लगातार तीन विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 252 रन था और रिकी पॉन्टिंग के साथ कप्तान स्टीव वॉ क्रीज पर थे। तीन गेंद के अंदर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 252 रनों पर सात विकेट हो गया। हरभजन ने गेंद को फुल लैंग्थ पर डाला और पोंटिंग और एडम गिलक्रिस्ट ने क्रीज में पीछे जाते हुए गेंद को खेला और लाइन में नहीं आ पाए। शेन वॉर्न ने बल्ले से गेंद को खेला लेकिन वह गेंद को नीचे नहीं रख सके और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर सदागोपन रमेश ने उनका कैच पकड़ा।
ऑस्ट्रेलिया 1999 के बाद से लगातार जीत रही थी और 16 मुकाबले जीतते हुए कंगारू टीम कोलकाता पहुंची थी। ऐतिहासिक ईडन गार्डंस स्टेडियम में द्रविड़ और लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में मिलकर पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड 376 रन जोड़े, जिसने ऑस्ट्रेलिया के विजय अभियान को रोक दिया। इसके साथ ही उसका गुरूर भी टूट गया था।
गांगुली थे कप्तान, फॉलोऑन का सामना
मौजूदा बीसीसीआई चीफ सौरभ गांगुली तब टीम इंडिया के कैप्टन थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज का पहला टेस्ट मैच हारा लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में लक्ष्मण और द्रविड़ का बल्ला ऐसा चला कि मेहमानों के छक्के छूट गए। मुंबई में पहला टेस्ट हार चुकी भारतीय टीम कोलकाता के ईडन गार्डंस में फॉलोऑन का सामना कर रही थी। तीसरे दिन तक भारत ने 4 विकेट पर 254 रन बनाए थे।
मंडराने लगे थे भारत पर हार के बादल
11 मार्च से शुरू हुए इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 445 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम पहली पारी में केवल 171 रन बना सकी। उसे फॉलोऑन करना पड़ा और तीसरे दिन तक भारत पर हार के बादल मंडरा रहे थे।
589 तक पहुंचा दिया स्कोर
तब मैच के चौथे दिन लक्ष्मण और द्रविड़ ऐसा टिके कि दिन में भारत का एक भी विकेट नहीं गिरा और स्कोर 589 रन तक पहुंच गया। पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण (281) और द्रविड़ (180) ने 376 रन जोड़े। भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी। लक्ष्मण ने 631 गेंदों की अपनी पारी में 44 चौके लगाए जबकि द्रविड़ ने 446 गेंदों पर 20 चौके जड़े।
हरभजन, सचिन ने भी निभाई भूमिका
इस तरह ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 384 रन का टारगेट मिला। फिर ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह का जादू चला और उन्होंने 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी। उनके अलावा सचिन तेंदुलकर ने 3 विकेट लिए। ऑस्ट्रेलियाई टीम की दूसरी पारी 68.3 ओवरों में 212 रन पर सिमट गई और भारत ने यह टेस्ट मैच 171 रनों से जीत लिया।
भज्जी ने पहली पारी में झटकी थी हैट्रिक
ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में उन्होंने तीन गेंदों पर लगातार तीन विकेट लिए थे। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर चार विकेट पर 252 रन था और रिकी पॉन्टिंग के साथ कप्तान स्टीव वॉ क्रीज पर थे। तीन गेंद के अंदर ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 252 रनों पर सात विकेट हो गया। हरभजन ने गेंद को फुल लैंग्थ पर डाला और पोंटिंग और एडम गिलक्रिस्ट ने क्रीज में पीछे जाते हुए गेंद को खेला और लाइन में नहीं आ पाए। शेन वॉर्न ने बल्ले से गेंद को खेला लेकिन वह गेंद को नीचे नहीं रख सके और फॉरवर्ड शॉर्ट लेग पर सदागोपन रमेश ने उनका कैच पकड़ा।