Income tax: अगले महीने से ऊंची दरों पर टीडीएस वसूलने के लिए व्यवस्था तैयार, जानिए कौन आएंगे इसके दायरे में
हाइलाइट्स:
- आयकर विभाग ने स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह की एक नई व्यवस्था विकसित की है
- इससे उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिनसे आगामी एक जुलाई से ऊंची दर से आयकर वसूला जाएगा
- यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को दी है
- वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में इस तरह का प्रावधान कर दिया गया है
नई दिल्ली
आयकर विभाग ने स्रोत पर कर कटौती (TDS) और स्रोत पर कर संग्रह (TCS) की एक नई व्यवस्था विकसित की है। इससे उन व्यक्तियों की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिनसे आगामी एक जुलाई से ऊंची दर से आयकर (Income Tax) वसूला जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सोमवार को दी है। वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में इस तरह का प्रावधान (Budget Provision) कर दिया गया है।
सीबीडीटी ने दी जानकारी
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने सोमवार को इस बारे में एक सरकुलर जारी किया। इसमें आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले ऐसे लोगों के मामले में उच्च दर से कर कटौती/संग्रह को लेकर धारा 206एबी अैर 206सीसीए के क्रियान्वयन को लेकर जानकारी है। गौरतलब है कि इस वर्ष के बजट में प्रावधान कर दिया गया है कि पिछले दो वित्त वर्षों में आयकर रिटर्न नहीं भरने वाले उन लोगों के मामले में स्रोत पर कर कटौती और स्रोत पर कर संग्रह अधिक दर से होगा, जिन पर दो वर्षों में प्रत्येक में 50,000 रुपये या उससे अधिक कर कटौती बनती है।
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अनुपालन बोझ कम होगा
आयकर विभाग ने ट्विट पर लिखा है, ‘‘धारा 206एबी और 206सीसीए के लिये अनुपालन जांच को लेकर नई व्यवस्था जारी की गयी है। इससे स्रोत पर कर काटने वाले तथा टीसीएस संग्रहकर्ता के लिये अनुपालन बोझ कम होगा।’’ सीबीडीटी ने कहा कि चूंकि टीडीएस काटने वाले या टीसीएस संग्रहकर्ता को व्यक्ति की पहचान को लेकर इस पर उचित ध्यान और कार्य करने की आवश्यकता होगी, अत: इससे उन पर अतिरिक्त अनुपालन बोझ पड़ सकता है। बोर्ड ने कहा कि नई व्यवस्था – धारा 206एबी और 206सीसीए के लिए अनुपालन जांच’ – उन पर इस अनुपालन बोझ को कम करेगा।
नई व्यवस्था से पता चल जाएगा
नई व्यवस्था के तहत टीडीएस अथवा टीसीएस संग्रहकर्ता को उस भुगतानकर्ता अथवा टीसीएस देनदार का पैन प्रक्रिया में डालना है जिससे यह पता चल जायेगा कि वह ‘‘विशिष्ट व्यक्ति’’ है अथवा नहीं। आयकर विभाग ने 2021- 22 की शुरुआत में ‘विशिष्ट व्यक्तियों’ की सूची तैयार कर ली है। यह सूची तैयार करते समय 2018- 19 और 2019- 20 को पिछले दो संबंधित वर्षों पर गौर किया गया है। इस सूची में उन करदाताओं के नाम हैं जिन्होंने आकलन वर्ष 2019- 20 और 2020- 21 के लिये रिटर्न दाखिल नहीं की है और इन दोनों वर्ष में प्रत्येक में उनका कुल टीडीएस और टीसीएस 50,000 रुपये अथवा इससे अधिक रहा है।
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