Imran Khan: ‘परीक्षा’ में हुए पास लेकिन अब प्रधानमंत्री नहीं, इमरान खान के हाथों से छिना पाकिस्तान के पीएम का पद h3>
इस्लामाबाद: राष्ट्रपति द्वारा नेशनल असेंबली को भंग किए जाने के बाद इमरान खान (Imran Khan) को रविवार को पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया। हालांकि, पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत, वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक 15 दिनों तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य जारी रख सकते हैं, मगर उन्हें फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा।
जियो न्यूज ने यह जानकारी दी। कैबिनेट सेक्रेटेरिएट की एक अधिसूचना के अनुसार, ‘पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा नेशनल असेंबली के विघटन के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान के इस्लामी गणराज्य के संविधान के अनुच्छेद 58 (1) के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 58 (1) के अनुसार, मंत्रालय के माध्यम से संसदीय मामलों के एसआरओ नंबर 487(1)/2022, दिनांक 3 अप्रैल, 2022, इमरान अहमद खान नियाजी ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद से हट गए।’
हालांकि, अभी भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि किसी कार्यवाहक प्रधानमंत्री को कैसे नियुक्त किया जाएगा और नियुक्ति करने वाले विपक्ष के नेता, नेशनल असेंबली भंग होने के बाद अब अपने पद पर नहीं हैं। कैबिनेट सचिव के नोट से इस बात की पुष्टि होती है कि इमरान अब पीएम नहीं हैं। और पाकिस्तान की कमान फिलहाल ब्यूरोक्रेसी के हाथों में है।
संसद में हुए घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद डी-नोटिफिकेशन आया है। इससे पहले पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ के रूप में खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह ‘विदेशी शक्तियों’ द्वारा समर्थित था। अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया।
इमरान खान ने सत्र के स्थगन के तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए नए चुनाव की मांग की और पाकिस्तानियों को चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उधर विपक्ष ने प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ के रूप में खारिज करने के सरकार के कृत्य पर हमला किया।
इमरान खान ने एकजुट विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव अपनी एक चाल से फेल कर दिया। विपक्ष ने उम्मीद लगा रखी थी कि इमरान संसद में हार जाएंगे और उनकी जगह पर हम अगले डेढ़ साल तक सत्ता में रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्पीकर ने केवल विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया बल्कि इमरान खान ने संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान में अब 90 दिन में चुनाव होंगे।
इमरान खान (फाइल फोटो)
अगला लेख‘असंवैधानिक कदम उठाने से बचें’, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन के लिए स्थगित की नेशनल असेंबली भंग मामले की सुनवाई
हालांकि, अभी भी इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि किसी कार्यवाहक प्रधानमंत्री को कैसे नियुक्त किया जाएगा और नियुक्ति करने वाले विपक्ष के नेता, नेशनल असेंबली भंग होने के बाद अब अपने पद पर नहीं हैं। कैबिनेट सचिव के नोट से इस बात की पुष्टि होती है कि इमरान अब पीएम नहीं हैं। और पाकिस्तान की कमान फिलहाल ब्यूरोक्रेसी के हाथों में है।
संसद में हुए घटनाक्रम के कुछ घंटे बाद डी-नोटिफिकेशन आया है। इससे पहले पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ के रूप में खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि यह ‘विदेशी शक्तियों’ द्वारा समर्थित था। अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पूर्व प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया।
इमरान खान ने सत्र के स्थगन के तुरंत बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए नए चुनाव की मांग की और पाकिस्तानियों को चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा। उधर विपक्ष ने प्रस्ताव को ‘असंवैधानिक’ के रूप में खारिज करने के सरकार के कृत्य पर हमला किया।
इमरान खान ने एकजुट विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव अपनी एक चाल से फेल कर दिया। विपक्ष ने उम्मीद लगा रखी थी कि इमरान संसद में हार जाएंगे और उनकी जगह पर हम अगले डेढ़ साल तक सत्ता में रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्पीकर ने केवल विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया बल्कि इमरान खान ने संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। पाकिस्तान में अब 90 दिन में चुनाव होंगे।
इमरान खान (फाइल फोटो)