Imran Khan: क्रिकेट में रिकॉर्ड्स की झड़ी…सियासी पिच पर बिना खाता खोले बोल्ड हुए ‘कैप्टन’, 174 आवाजों से हारा इमरान का सन्नाटा! h3>
इस्लामाबाद : ‘आखिरी गेंद’, ‘धमकी भरा पत्र’, ‘अविश्वास प्रस्ताव’… ये तमाम शब्द पाकिस्तान की सियासत में कई दिनों से गूंज रहे थे। शनिवार को यह संकट हाई-वोल्टेज ड्रामा के बाद काफी हद तक थम गया। ‘लास्ट बॉल’ तक लड़ने का दावा करने वाले इमरान नेशनल असेंबली में बुरी तरह ‘हिट विकेट’ हो गए। आधी रात को पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान की सियासी पारी का बेहद शर्मनाक अंत हुआ। जब इमरान की विदाई हो रही थी तब पीटीआई का कोई भी सांसद सदन में मौजूद नहीं था, लिहाजा विपक्ष ने एकतरफा जीत हासिल की।
क्रिकेट में कई रिकॉर्ड्स अपने नाम करने वाले इमरान खान नेशनल असेंबली में खाता भी नहीं खोल पाए और शून्य मतों के साथ ‘सत्ता की पिच’ से उनकी विदाई हो गई। सरकार बचाने के लिए इमरान खान ने तमाम कोशिशें की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्पीकर ने शनिवार रात वोटिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया। असद कैसर ने कहा कि इमरान खान और उनके बीच 30 साल पुराने रिश्ते हैं इसलिए वह वोटिंग नहीं होने दे सकते।
आधी रात खुल गईं अदालतें, सदन के बाहर पहुंची कैदी वैन
हालांकि अधिकारियों ने उन्हें समझाया जिसके बाद वह राजी हो गए। वोटिंग शुरू होने ही वाली थी कि स्पीकर और डेप्युटी स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद पीटीआई के सभी सांसद हाउस से बाहर चले गए। इस बीच पाकिस्तान की अदालतें खुल गईं और सदन के बाहर कैदी वैन आकर खड़ी हो गई। विपक्ष पहले ही साफ कर चुका था कि बिना वोटिंग वह आज सदन से नहीं जाएगा। पीएमएल-एन के सांसद अयाज सादिक को स्पीकर का चार्ज दिया गया और वोटिंग शुरू हो गई।
बिना पीटीआई सांसदों के हुई वोटिंग
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 174 विपक्षी सांसदों ने वोट दिया जबकि इसके खिलाफ पीटीआई खेमे में सन्नाटा पसरा रहा। लिहाजा इमरान को शून्य वोट मिले और शर्मनाक तरीके से वह सत्ता से बाहर हो गए। लेकिन क्या एक पक्ष (पीटीआई) की गैर-मौजूदगी में हुई वोटिंग मान्य है? और क्यों इसे एकतरफा फैसला नहीं माना जा रहा है? इन सवालों के जवाब के लिए हमें पाकिस्तान की नेशनल के नियमों को समझना होगा।
क्या कहता है नेशनल असेंबली का नियम
भारत के एक न्यूज चैनल से बात करते हुए पाकिस्तानी पत्रकार अदनान हैदर ने बताया, ‘नेशनल असेंबली के नियमों के मुताबिक अगर आपने अविश्वास प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा है, जो जाहिर तौर पर विपक्ष ही लेकर आता है, तो इसे लाने वाले पक्ष को अपने नंबर पूरे करने होते हैं। जिसके खिलाफ वोटिंग होती है उसका हॉल में मौजूद होना या न होना जरूरी नहीं है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी तब जरूरी होती है जब विश्वास मत पर वोटिंग होती है। इसलिए पीटीआई की पहले दिन से प्लानिंग थी कि जिस दिन भी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, ये तमाम लोग फ्लोर पर मौजूद नहीं होंगे।’
क्रिकेट में हीरो लेकिन सियासत में ‘जीरो’ खान
1971 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेलने वाले इमरान खान ने अपनी कप्तानी में 1992 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को पहला और एकलौता वर्ल्ड कप दिलाया। वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने ने 72 रन बनाने के अलावा एक विकट भी लिया था। पाकिस्तान ने वर्ल्डकप फाइनल में 22 रनों से इंग्लैंड को हराया था। इमरान खान ने अपने करियर में 88 टेस्ट मैच खेले हैं। 88 टेस्ट मैचों में इमरान खान ने 3,807 रन बनाए और 362 विकेट चटकाए। वहीं 175 एकदिवसीय मुकाबलों में 3,709 रन बनाए और 182 विकेट हासिल किए। लेकिन शनिवार को ‘कप्तान’ का खाता भी नहीं खुला और उनकी शर्मनाक हार हुई।
क्रिकेट में कई रिकॉर्ड्स अपने नाम करने वाले इमरान खान नेशनल असेंबली में खाता भी नहीं खोल पाए और शून्य मतों के साथ ‘सत्ता की पिच’ से उनकी विदाई हो गई। सरकार बचाने के लिए इमरान खान ने तमाम कोशिशें की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद स्पीकर ने शनिवार रात वोटिंग की अनुमति देने से इनकार कर दिया। असद कैसर ने कहा कि इमरान खान और उनके बीच 30 साल पुराने रिश्ते हैं इसलिए वह वोटिंग नहीं होने दे सकते।
आधी रात खुल गईं अदालतें, सदन के बाहर पहुंची कैदी वैन
हालांकि अधिकारियों ने उन्हें समझाया जिसके बाद वह राजी हो गए। वोटिंग शुरू होने ही वाली थी कि स्पीकर और डेप्युटी स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद पीटीआई के सभी सांसद हाउस से बाहर चले गए। इस बीच पाकिस्तान की अदालतें खुल गईं और सदन के बाहर कैदी वैन आकर खड़ी हो गई। विपक्ष पहले ही साफ कर चुका था कि बिना वोटिंग वह आज सदन से नहीं जाएगा। पीएमएल-एन के सांसद अयाज सादिक को स्पीकर का चार्ज दिया गया और वोटिंग शुरू हो गई।
बिना पीटीआई सांसदों के हुई वोटिंग
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 174 विपक्षी सांसदों ने वोट दिया जबकि इसके खिलाफ पीटीआई खेमे में सन्नाटा पसरा रहा। लिहाजा इमरान को शून्य वोट मिले और शर्मनाक तरीके से वह सत्ता से बाहर हो गए। लेकिन क्या एक पक्ष (पीटीआई) की गैर-मौजूदगी में हुई वोटिंग मान्य है? और क्यों इसे एकतरफा फैसला नहीं माना जा रहा है? इन सवालों के जवाब के लिए हमें पाकिस्तान की नेशनल के नियमों को समझना होगा।
क्या कहता है नेशनल असेंबली का नियम
भारत के एक न्यूज चैनल से बात करते हुए पाकिस्तानी पत्रकार अदनान हैदर ने बताया, ‘नेशनल असेंबली के नियमों के मुताबिक अगर आपने अविश्वास प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा है, जो जाहिर तौर पर विपक्ष ही लेकर आता है, तो इसे लाने वाले पक्ष को अपने नंबर पूरे करने होते हैं। जिसके खिलाफ वोटिंग होती है उसका हॉल में मौजूद होना या न होना जरूरी नहीं है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी तब जरूरी होती है जब विश्वास मत पर वोटिंग होती है। इसलिए पीटीआई की पहले दिन से प्लानिंग थी कि जिस दिन भी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, ये तमाम लोग फ्लोर पर मौजूद नहीं होंगे।’
क्रिकेट में हीरो लेकिन सियासत में ‘जीरो’ खान
1971 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेलने वाले इमरान खान ने अपनी कप्तानी में 1992 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम को पहला और एकलौता वर्ल्ड कप दिलाया। वर्ल्ड कप फाइनल में उन्होंने ने 72 रन बनाने के अलावा एक विकट भी लिया था। पाकिस्तान ने वर्ल्डकप फाइनल में 22 रनों से इंग्लैंड को हराया था। इमरान खान ने अपने करियर में 88 टेस्ट मैच खेले हैं। 88 टेस्ट मैचों में इमरान खान ने 3,807 रन बनाए और 362 विकेट चटकाए। वहीं 175 एकदिवसीय मुकाबलों में 3,709 रन बनाए और 182 विकेट हासिल किए। लेकिन शनिवार को ‘कप्तान’ का खाता भी नहीं खुला और उनकी शर्मनाक हार हुई।