कैसे हुई थी रक्षाबंधन त्योहार की शुरुआत? जानिए सुबह समय और मुहूर्त.

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रक्षाबंधन का त्योहार बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पावन त्यौहार भाई-बहन के अटूट रिश्ते को दर्शाता है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भी है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधती हैं। इस त्यौहार के जरिये भाई अपनी बहन की सुरक्षा का दायित्व लेता है। और साथ ही अपनी बहन को उपहार देता है। हिंदूओं के लिए इस त्योहार का विशेष महत्व होता है। आपको बताते है की रक्षाबंधन का त्योहार कब मनाया जाएगा और इस पर्व का मुहूर्त क्या रहेगा।

रक्षाबंधन बनाने के पीछे कई कथा मशहूर है। पौराणिक कथा के अनुसार, राजसूर्य यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप में अपने आंचल का टुकड़ा बांधा था. इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बांधने की परंपरा शुरू हो गई। रक्षाबंधन के दिन ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानों को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है। इस दिन विद्या आरंभ करना भी शुभ माना जाता है।

अगर रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त के बारें में बात करें तो

राखी बांधने का मुहूर्त : 09:27:30 से 21:11:21 तक

अवधि : 11 घंटे 43 मिनट

रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक

रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक

इस पावन त्यौहार को सुबह-सुबह उठकर स्नान जाता है। नए कपड़े पहनें जाते है। इसके बाद घर की साफ-सफाई होती है। चावल, कच्चे सूत का कपड़ा, सरसों, रोली को एकसाथ मिलाया जाता है और फिर पूजा की थाली तैयार कर दीप जलाई जाती है। थाली में मिठाई रखें। इसके बाद भाई को पीढ़े पर बैठाया जाता है और उसकी आरती उतरी जाती है , उसके हाथ में राखी बंधी जाती है और भाई इसके बदले अपनी भें को उपहार देता है और उसकी सुरक्षा का वादा करता है।

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