IMA Vs Ramdev : मुश्किल में योगगुरु रामदेव, बिहार से आईएमए की एक साथ 105 केस दर्ज कराने की बड़ी तैयारी h3>
हाइलाइट्स:
- बिहार से योगगुरू रामदेव के लिए बड़ी मुश्किल के आसार
- बिहार से आईएमए की एक साथ 105 केस दर्ज कराने की बड़ी तैयारी
- आईएमए ने बिहार की सभी ईकाईयों को केस दर्ज कराने का दिया आदेश
- IMA बिहार की बैठक के बाद लिया गया बड़ा फैसला
पटना: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की बिहार शाखा ने रविवार को 38 जिलों में फैली अपनी सभी 105 इकाइयों को योगगुरु रामदेव के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज करने का निर्देश दिया।
रामदेव पर बिहार से 105 केस दर्ज कराने की तैयारी
आईएमए बिहार के सचिव डॉ सुनील कुमार ने कहा कि राज्य शाखा कुछ दिनों के भीतर मामला दर्ज करेगी और अन्य सभी इकाइयां जल्द ही ऐसा करेंगी। पटना में IMA की 13 शाखाएं हैं। अलग-अलग मामले दर्ज करने का निर्णय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की अध्यक्षता में आईएमए के एक कॉल के बाद हुई बैठक में लिया गया। बैठक में आईएमए के निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह के मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
इधर आईएमए की राष्ट्रीय संस्था ने भी नई दिल्ली की एक सरकारी प्रयोगशाला में कोरोनिल की रासायनिक जांच शुरू कर दी है। यह रामदेव के प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में प्रचारित एक आयुर्वेदिक दवा है और श्वसन समस्याओं और बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाले बुखार के खिलाफ प्रभावी है।
क्या कहना है IMA का
IMA के अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद के मुताबिक ‘कोविड -19 महामारी दुनिया की चिकित्सा प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में आई और सभी देशों ने अधिकांश सामान्य उपायों, दवाओं और उपचार की रेखा के साथ लड़ाई लड़ी। भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और टीकों को विकसित करने और टीकाकरण अभियान शुरू करने में भी अग्रणी बन गया।’
Muzaffarpur News : योगगुरु रामदेव पर मुजफ्फरपुर में परिवाद दायर, डॉक्टरों पर टिप्पणी को लेकर 7 जून को सुनवाई
उन्होंने अफसोस जताया कि रामदेव के अपमानजनक लहजे और एलोपैथिक उपचार, गंभीर कोविड रोगियों को ऑक्सिजन देने और यहां तक कि लोगों की रक्षा के लिए लगाए जा रहे टीकों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी ने ऐसे समय में समाज में संदेह और संदेह का माहौल पैदा कर दिया, जब चिकित्सा जगत कोरोना से लड़ रहा था। इस दौरान कई डॉक्टरों और उनके घरवालों की मौत तक हो गई।
सहजानंद ने कहा ‘रामदेव को कई निजी अस्पतालों की तरह एक कोविड अस्पताल स्थापित करना चाहिए और आधुनिक चिकित्सा पर संदेह करने के बजाय लोगों को मुश्किल समय में मदद करनी चाहिए।’
कोरोना से डॉक्टर की मृत्यु पर मदद
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय निर्वाचित अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने मृत चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह (मुजफ्फरपुर) की पत्नी होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. सुंगन्धी कुमारी को राष्ट्रीय आईएमए कोविड शहीद फंड से 10 लाख का चेक अनुदान स्वरूप दिया। रविवार को आईएमए, बिहार के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें चेक दिया गया।
बैठक में डॉक्टरों ने प्रस्ताव पारित कर बाबा रामदेव पर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान, पद्धति, कोविड टीकाकरण एवं अन्य एलोपैथी दवाओं के खिलाफ भ्रामक बयान देने एवं कोविड शहीदों के अपमान का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्य की विभिन्न शाखाओं के सदस्यों की तरफ से मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया गया।
हाइलाइट्स:
- बिहार से योगगुरू रामदेव के लिए बड़ी मुश्किल के आसार
- बिहार से आईएमए की एक साथ 105 केस दर्ज कराने की बड़ी तैयारी
- आईएमए ने बिहार की सभी ईकाईयों को केस दर्ज कराने का दिया आदेश
- IMA बिहार की बैठक के बाद लिया गया बड़ा फैसला
रामदेव पर बिहार से 105 केस दर्ज कराने की तैयारी
आईएमए बिहार के सचिव डॉ सुनील कुमार ने कहा कि राज्य शाखा कुछ दिनों के भीतर मामला दर्ज करेगी और अन्य सभी इकाइयां जल्द ही ऐसा करेंगी। पटना में IMA की 13 शाखाएं हैं। अलग-अलग मामले दर्ज करने का निर्णय कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ अजय कुमार की अध्यक्षता में आईएमए के एक कॉल के बाद हुई बैठक में लिया गया। बैठक में आईएमए के निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों में भी इसी तरह के मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
इधर आईएमए की राष्ट्रीय संस्था ने भी नई दिल्ली की एक सरकारी प्रयोगशाला में कोरोनिल की रासायनिक जांच शुरू कर दी है। यह रामदेव के प्रतिरक्षा बूस्टर के रूप में प्रचारित एक आयुर्वेदिक दवा है और श्वसन समस्याओं और बैक्टीरिया या वायरस के कारण होने वाले बुखार के खिलाफ प्रभावी है।
क्या कहना है IMA का
IMA के अध्यक्ष डॉक्टर सहजानंद के मुताबिक ‘कोविड -19 महामारी दुनिया की चिकित्सा प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में आई और सभी देशों ने अधिकांश सामान्य उपायों, दवाओं और उपचार की रेखा के साथ लड़ाई लड़ी। भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और टीकों को विकसित करने और टीकाकरण अभियान शुरू करने में भी अग्रणी बन गया।’
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उन्होंने अफसोस जताया कि रामदेव के अपमानजनक लहजे और एलोपैथिक उपचार, गंभीर कोविड रोगियों को ऑक्सिजन देने और यहां तक कि लोगों की रक्षा के लिए लगाए जा रहे टीकों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी ने ऐसे समय में समाज में संदेह और संदेह का माहौल पैदा कर दिया, जब चिकित्सा जगत कोरोना से लड़ रहा था। इस दौरान कई डॉक्टरों और उनके घरवालों की मौत तक हो गई।
सहजानंद ने कहा ‘रामदेव को कई निजी अस्पतालों की तरह एक कोविड अस्पताल स्थापित करना चाहिए और आधुनिक चिकित्सा पर संदेह करने के बजाय लोगों को मुश्किल समय में मदद करनी चाहिए।’
कोरोना से डॉक्टर की मृत्यु पर मदद
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय निर्वाचित अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह ने मृत चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सिंह (मुजफ्फरपुर) की पत्नी होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. सुंगन्धी कुमारी को राष्ट्रीय आईएमए कोविड शहीद फंड से 10 लाख का चेक अनुदान स्वरूप दिया। रविवार को आईएमए, बिहार के वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें चेक दिया गया।
बैठक में डॉक्टरों ने प्रस्ताव पारित कर बाबा रामदेव पर आधुनिक चिकित्सा विज्ञान, पद्धति, कोविड टीकाकरण एवं अन्य एलोपैथी दवाओं के खिलाफ भ्रामक बयान देने एवं कोविड शहीदों के अपमान का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्य की विभिन्न शाखाओं के सदस्यों की तरफ से मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया गया।