IMA ने अब पीएम मोदी से की बाबा रामदेव की शिकायत, देशद्रोह का केस दर्ज करने की मांग h3>
ऐलोपैथी की आलोचना को लेकर बुरी तरह घिरे योगगुरु बाबा रामदेव ने अपना बयान भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) की नाराजगी खत्म नहीं हुई है। बाबा रामदेव पर 1 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का केस करने के बाद अब पीएम मोदी से भी शिकायत की गई है। आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि रामदेव को झूठी जानकारियां फैलाने से रोका जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।
आईएमए ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा, ”पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण पर गलत सूचनाओं के प्रचार को रोकना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि 10 हजार डॉक्टर और लाखो लोग दोनों डोज के बावजूद मर चुके हैं। उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”
आईएमए ने कहा है, ”हम स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर या नेशनल टास्क फोर्स की ओर से जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत अस्पतालों में आने वाले लाखों लोगों का इलाज कर रहे हैं। यदि कोई यह दावा करता है कि ऐलोपैथिक दवाओं की वजह से लोग मरे हैं तो यह मंत्रालय को चुनौती है जो हमें इलाज का प्रोटोकॉल देता है।”
लेटर में आगे कहा गया है पहली लहर में 753 डॉक्टरों ने फ्रंटलाइन में काम करते हुए अपनी जान गंवाई, जबकि दूसरी लहर में 513 डॉक्टरों की जान गई। पहली लहर जान गंवाने वाले किसी डॉक्टर का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि दूसरी लहर में भी जिन डॉक्टरों की मौत हुई, उनमें से अधिकतर का विभिन्न कारणों से टीकाकरण नहीं हुआ था। अब कहा जा रहा है कि दोनों डोज टीका लेने के बाद 10 हजार लोगों की मौत हुई, यह जानबूझकर टीकाकरण को बाधित करने का प्रयास है। इसे तुरंत रोका जाए।
IMA in a letter to PM Modi, “Misinformation campaign on vaccination by Patanjali owner Ramdev should be stopped. In a video he claimed that 10,000 doctors & lakhs of people have died despite taking both doses of vaccine. Action under sedition charges should be taken against him.” pic.twitter.com/kJ9inQQRJu
— ANI (@ANI) May 26, 2021
आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि जो लोग टीकाकरण पर डर फैला रहे हैं और अपनी कंपनी के उत्पादों के हित में सरकार की ओर से जारी इलाज के प्रोटोकॉल को चुनौती दे रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। यह देशद्रोह का मामला है और ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी देरी के देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
आईएमए (उत्तराखंड) ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी और ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाड़े के भीतर माफी मांगने या 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए 6 पन्नों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी और एसोसिएशन से जुड़े करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है।
योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत ‘आपराधिक कार्रवाई’ बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ‘लिखित माफी’ की मांग की गई है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रूपए का मुआवजा मांगा जाएगा। नोटिस में रामेदव से कहा गया है कि वह अपने सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो क्लिप बनाएं और उसे उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करें जिन पर उन्होंने अपने आरोपों के वीडियो क्लिप डाले थे।
इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है। सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी।
ऐलोपैथी की आलोचना को लेकर बुरी तरह घिरे योगगुरु बाबा रामदेव ने अपना बयान भले ही वापस ले लिया हो, लेकिन इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) की नाराजगी खत्म नहीं हुई है। बाबा रामदेव पर 1 हजार करोड़ रुपए का मानहानि का केस करने के बाद अब पीएम मोदी से भी शिकायत की गई है। आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि रामदेव को झूठी जानकारियां फैलाने से रोका जाए और उनके खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज होना चाहिए।
आईएमए ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा, ”पतंजलि के मालिक रामदेव की ओर से टीकाकरण पर गलत सूचनाओं के प्रचार को रोकना चाहिए। एक वीडियो में उन्होंने दावा किया कि 10 हजार डॉक्टर और लाखो लोग दोनों डोज के बावजूद मर चुके हैं। उनके खिलाफ देशद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”
आईएमए ने कहा है, ”हम स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर या नेशनल टास्क फोर्स की ओर से जारी गाइडलाइंस और प्रोटोकॉल के तहत अस्पतालों में आने वाले लाखों लोगों का इलाज कर रहे हैं। यदि कोई यह दावा करता है कि ऐलोपैथिक दवाओं की वजह से लोग मरे हैं तो यह मंत्रालय को चुनौती है जो हमें इलाज का प्रोटोकॉल देता है।”
लेटर में आगे कहा गया है पहली लहर में 753 डॉक्टरों ने फ्रंटलाइन में काम करते हुए अपनी जान गंवाई, जबकि दूसरी लहर में 513 डॉक्टरों की जान गई। पहली लहर जान गंवाने वाले किसी डॉक्टर का टीकाकरण नहीं हुआ था, जबकि दूसरी लहर में भी जिन डॉक्टरों की मौत हुई, उनमें से अधिकतर का विभिन्न कारणों से टीकाकरण नहीं हुआ था। अब कहा जा रहा है कि दोनों डोज टीका लेने के बाद 10 हजार लोगों की मौत हुई, यह जानबूझकर टीकाकरण को बाधित करने का प्रयास है। इसे तुरंत रोका जाए।
IMA in a letter to PM Modi, “Misinformation campaign on vaccination by Patanjali owner Ramdev should be stopped. In a video he claimed that 10,000 doctors & lakhs of people have died despite taking both doses of vaccine. Action under sedition charges should be taken against him.” pic.twitter.com/kJ9inQQRJu
— ANI (@ANI) May 26, 2021
आईएमए ने पीएम मोदी से कहा है कि जो लोग टीकाकरण पर डर फैला रहे हैं और अपनी कंपनी के उत्पादों के हित में सरकार की ओर से जारी इलाज के प्रोटोकॉल को चुनौती दे रहे हैं, उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। यह देशद्रोह का मामला है और ऐसे लोगों के खिलाफ बिना किसी देरी के देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
आईएमए (उत्तराखंड) ने बाबा रामदेव को ऐलोपैथी और ऐलोपैथिक चिकित्सकों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए उन्हें मानहानि का नोटिस देते हुए उनसे एक पखवाड़े के भीतर माफी मांगने या 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। आइएमए (उत्तराखंड) के सचिव अजय खन्ना की तरफ से दिए गए 6 पन्नों के नोटिस में उनके वकील नीरज पांडेय ने रामदेव की टिप्पणी को ऐलोपैथी और एसोसिएशन से जुड़े करीब 2000 चिकित्सकों की प्रतिष्ठा और छवि के लिए नुकसानदायक बताया है।
योग गुरू की टिप्पणी को भारतीय दंड विधान की धारा 499 के तहत ‘आपराधिक कार्रवाई’ बताते हुए नोटिस में रामदेव से नोटिस प्राप्ति के 15 दिन के भीतर ‘लिखित माफी’ की मांग की गई है और कहा गया है कि ऐसा न होने की स्थिति में 50 लाख रू प्रति आइएमए सदस्य की दर से उनसे 1000 करोड रूपए का मुआवजा मांगा जाएगा। नोटिस में रामेदव से कहा गया है कि वह अपने सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों का खंडन करते हुए एक वीडियो क्लिप बनाएं और उसे उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित करें जिन पर उन्होंने अपने आरोपों के वीडियो क्लिप डाले थे।
इस बीच, रामदेव के करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने इसे साजिश बताते हुए कहा कि आइएमए संगठन के तहत एलोपैथिक चिकित्सकों द्वारा रामदेव के जरिए आयुर्वेद को निशाना बनाया जा रहा है। सोमवार को अपने एक ट्वीट में बालकृष्ण ने कहा कि पूरे देश को इसाइयत में बदलने की साजिश के तहत रामदेव को निशाना बनाकर योग और आयुर्वेद को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशवासियों, अब गहरी नींद से जागो अन्यथा आने वाली पीढियां आपको माफ नहीं करेंगी।