ILD ग्रींस की प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने पर रोक, ब्लैक लिस्ट में जाएगा रियल एस्टेट कंपनी के डायरेक्टर का नाम
क्या है मामला
साल 2008 से साल 2011 तक जूबिलेंट मॉल प्राइवेट लिमिटेड को आईएलडी ग्रींस को विकसित करने का लाइसेंस टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट ने जारी किया था। साल 2016 में इस सोसायटी को ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) जारी कर दिया। ओसी की शर्त थी कि 15 दिन के अंदर इस कंपनी को पानी-बिजली का कनेक्शन डीएचबीवीएन और एचएसवीपी से लेना है। जब तक यह कनेक्शन नहीं लिया जाता है, तब तक इन बुनियादी सुविधाओं को मुहैया करवाने की जिम्मेदारी इस कंपनी की रहेगी।
सोसायटी में पानी-बिजली की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। पानी कनेक्शन नहीं होने से टैंकर पर रेजिडेंट्स आश्रित हैं। पेमेंट नहीं देने पर टैंकर सप्लायर की तरफ से पानी की सप्लाई कई बार बंद की जा चुकी है। बिजली बिल नहीं भरने पर बिजली कनेक्शन को अक्सर डीएचबीवीएन काट देता है। बुधवार को तो लीज पर लिए गए जनरेटर को पेमेंट नहीं देने पर जनरेटर प्रोवाइडर कंपनी उठाकर ले गई।
डायरेक्टर जनरल को इस कंपनी और इसके डायरेक्टर को ब्लैक लिस्ट करने और डीसी को इस कंपनी और इसके डायरेक्टर के नाम पर दर्ज प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त नहीं करने की सिफारिश भेजी है।
संजीव मान, एसटीपी, टीसीपी डिपार्टमेंट
क्यों उठाया गया सख्त कदम
आईएलडी ग्रींस के रेजिडेंट्स की शिकायत पर टीसीपी डिपार्टमेंट के एसटीपी ने कई बार बैठक बुलाई। एकाध बैठक में इस कंपनी के डायरेक्टर सलमान अकबर पहुंचें। उन्हें पानी-बिजली व अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए। आरोप है कि इनकी पालना इस रियल एस्टेट कंपनी की तरफ से नहीं की गई। इस कंपनी ने 33केवीए का सब स्टेशन तैयार करना है, जो नहीं बनाया गया। डीएचबीवीएन की तरफ से मंजूर बिजली लोड को नहीं लिया गया है। अभी तक यह सोसायटी निर्माण के दौरान लिए गए अस्थायी बिजली कनेक्शन पर आश्रित है।
नियमों की पालना नहीं करने का आरोप
एसटीपी ने डीटीपीई को लिखे पत्र में कहा है कि इस कंपनी पर इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्ट्रेट के नियमों की पालना नहीं करने का आरोप है। पिछले 10 दिन में कई बार लिफ्ट्स बीच में बंद पड़ चुकी हैं। इलेक्ट्रिकल इंस्पेक्ट्रेट से एनओसी नहीं ली गई है। फायर सेफ्टी नियमों की पालना नहीं करने का आरोप इस रियल एस्टेट कंपनी पर है।