IGI News: IGI एयरपोर्ट पर लगा अमेरिकी कंपनी का फुल बॉडी स्कैनर ट्रायल में हो गया फेल
नई दिल्ली: आईजीआई एयरपोर्ट के टी-2 पर लगाया गया अमेरिकी कंपनी का फुल बॉडी स्कैनर ट्रायल में फेल हो गया है। हाल यह है कि पसीने से भीगे शख्स को जांच के दौरान यह रेड सिग्नल दे रहा है। जबकि शरीर में छिपाकर ले जाए जा रहे ब्लेड, चाकू और गोला-बारूद वालों को यह ग्रीन सिग्नल दे रहा है।
सूत्रों ने बताया कि 28 जुलाई से शुरू किए गए स्कैनर के ट्रायल में कई तरह की गंभीर खामियां सामने आई हैं। इसमें चाकू, गोला-बारूद को डिटेक्ट न कर पाने के अलावा एक और बड़ी समस्या पकड़ में आई है। यह स्कैनर इससे गुजारने वाले शख्स की एड़ी से नीचे और कंधों से ऊपर की भी जांच कर पाने में कामयाब नहीं हो पाया। ऐसे में जितने भी जवानों को इसके अंदर से गुजारा गया। उन सभी के जूते उतरवाने पड़े। वरना, जिसके जूते में जो भी सामान छिपाकर रख दिया गया। उस सामान पर इसने कोई रेड सिग्नल या अलार्म नहीं बजाया। जिससे यह पता लग सके कि जूते के अंदर किसी ने पिस्टल, चाकू, गोला-बारूद या अन्य कोई ऐसा सामान तो नहीं छिपा रखा। जो प्लेन हाईजैक करने या एयरपोर्ट के अंदर अन्य किसी तरह की आतंकवादी घटना की वजह बन सके।
इसी तरह से इस बॉडी स्कैनर ने उन लोगों को भी नहीं पकड़ा, जो अपने सिर में कैप या अन्य कपड़े के अंदर कुछ प्रतिबंधित आइटम छिपाकर इससे पार हो रहे थे। यह स्कैनर लोगों के कंधे से उपर वाले शरीर के हिस्से को डिटेक्ट नहीं कर पाया। जो की बेहद गंभीर मामला है। सूत्रों ने बताया कि बॉडी स्कैनर कपड़ों की मोटी लेयर के अंदर छिपाकर ले जाए जा रहे प्रतिबंधित सामान को भी हर बार डिटेक्ट नहीं कर पाया। इसके अलावा इसने कई तरह के विस्फोटक को भी नहीं पकड़ा। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल बॉडी स्कैनर के ट्रायल में अभी यात्रियों को शामिल नहीं किया गया है।
ट्रायल में एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सीआईएसएफ, एयरपोर्ट चलाने वाली कंपनी डायल, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और बॉडी स्कैनर कंपनी के अधिकारी शामिल हैं। जो इसके ट्रायल के दौरान इस पर नजर रख रहे हैं कि यह क्या-क्या पकड़ पा रहा है और क्या-क्या नहीं। फिलहाल, सूत्रों का कहना है कि देश के सबसे व्यस्त दिल्ली एयरपोर्ट में इस तरह का फुल बॉडी स्कैनर चाहिए, जिससे यात्री के निकालने के बाद उसकी जांच करने के लिए हाथ लगाने की जरूरत ही न पड़े। लेकिन इस बॉडी स्कैनर में कई तरह की गंभीर खामियां सामने आ रही हैं।
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इसी तरह से इस बॉडी स्कैनर ने उन लोगों को भी नहीं पकड़ा, जो अपने सिर में कैप या अन्य कपड़े के अंदर कुछ प्रतिबंधित आइटम छिपाकर इससे पार हो रहे थे। यह स्कैनर लोगों के कंधे से उपर वाले शरीर के हिस्से को डिटेक्ट नहीं कर पाया। जो की बेहद गंभीर मामला है। सूत्रों ने बताया कि बॉडी स्कैनर कपड़ों की मोटी लेयर के अंदर छिपाकर ले जाए जा रहे प्रतिबंधित सामान को भी हर बार डिटेक्ट नहीं कर पाया। इसके अलावा इसने कई तरह के विस्फोटक को भी नहीं पकड़ा। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल बॉडी स्कैनर के ट्रायल में अभी यात्रियों को शामिल नहीं किया गया है।
ट्रायल में एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली सीआईएसएफ, एयरपोर्ट चलाने वाली कंपनी डायल, ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी और बॉडी स्कैनर कंपनी के अधिकारी शामिल हैं। जो इसके ट्रायल के दौरान इस पर नजर रख रहे हैं कि यह क्या-क्या पकड़ पा रहा है और क्या-क्या नहीं। फिलहाल, सूत्रों का कहना है कि देश के सबसे व्यस्त दिल्ली एयरपोर्ट में इस तरह का फुल बॉडी स्कैनर चाहिए, जिससे यात्री के निकालने के बाद उसकी जांच करने के लिए हाथ लगाने की जरूरत ही न पड़े। लेकिन इस बॉडी स्कैनर में कई तरह की गंभीर खामियां सामने आ रही हैं।