गलत बोल रहे हैं नीतीश के मंत्री, कौशल्या देवी की हालत पर SDM की जांच रिपोर्ट ही ध्यान से पढ़ते तो समझ जाते सच्चाई

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गलत बोल रहे हैं नीतीश के मंत्री, कौशल्या देवी की हालत पर SDM की जांच रिपोर्ट ही ध्यान से पढ़ते तो समझ जाते सच्चाई

गलत बोल रहे हैं नीतीश के मंत्री, कौशल्या देवी की हालत पर SDM की जांच रिपोर्ट ही ध्यान से पढ़ते तो समझ जाते सच्चाई

परिणय कुमार, बिहार शरीफ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के होम डिस्ट्रिक्ट नालंदा में कौशल्या देवी नामक महिला और उसकी आठ वर्षीय पोती के सार्वजनिक शौचालय में रहने की खबर नवभारत टाइम्स.कॉम में उजागर होने पर बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा गलत बयान देकर सरकार की साख बचाने में जुट गए हैं। बयान देने से पहले अगर मंत्री संजय झा नालंदा जिले के एसडीएम की कौशल्या देवी मामले में जांच रिपोर्ट को ही ध्यान से पढ़ लेते तो शायद गलत बयान देने से बच सकते थे। आइए एसडीएम की जांच रिपोर्ट का बिंदुवार अध्ययन करके समझने की कोशिश करते हैं कि मंत्री और नालंदा जिले के अफसर कैसे पूरे मामले में लीपापोती कर रहे हैं।

1. एसडीएम की जांच रिपोर्ट के तीसरे प्वाइंट में स्पष्ट रूप से लिखा है कि प्रशासन की टीम जब गांव पहुंची तो बुजुर्ग महिला और उसकी पोती शौचालय के बगल में करकट से बने एक छोटे कमरे में सोती पाई गई। अगले प्वाइंट में SDM ने लिखा कि नि:संदेह झोपड़ी टूटी-फूटी है। इस रिपोर्ट को पढ़कर अब इतना तो कोई भी समझ जाएगा कि बारिश होने पर कोई कैसे इस झोपड़ी में रहेगा। ये भी तो हो सकता है कि भीषण गर्मी में शौचालय में कौशल्या देवी और उसकी पोती को रात बिताना मुश्किल हो रहा होगा, इसलिए वह टूटी झोपड़ी में थोड़ी राहत के लिए सो रही होगी।

2. एसडीएम की रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि जब वह गांव पहुंचे तो बुजुर्ग महिला ने खुद शौचालय का दरवाजा खोलकर दिखाया। इस प्वाइंट को समझें तो साफ तौर से कह सकते हैं कि अगर सार्वजनिक शौचालय है तो भला वह कौशल्या देवी के कब्जे में क्यों है। और अगर उस शौचालय में कोई रहता नहीं है तो भला वह इतना साफ सुथरा कैसे दिख रहा है। स्वभाविक बात है कि अगर सार्वजनिक शौचालय है तो गांव वाले उसे यूज कर रहे होते।

3.
एसडीएम की रिपोर्ट में इस बात का कहीं जिक्र नहीं दिखा कि 2017 में जब आवास योजना में कौशल्या देवी का नाम आया था तो अब तक उनका घर क्यों नहीं बना। कौशल्या देवी ने साफ तौर से कहा है कि बीडीओ और आवास योजना के अधिकारी उनसे घूस मांग रहे हैं। इस बात का जवाब एसडीएम की रिपोर्ट में कहीं नहीं है। इतना ही नहीं जब एसडीएम कैमरे पर भी बोलने आए तो इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

खबर दिखाने के बाद मौके पर पहुंचे BJP नेता का बयान
नवभारत टाइम्स.कॉम पर कौशल्या देवी का दर्द दिखाए जाने के बाद मौके पर बीजेपी नेता अविनाश कुमार पहुंचे और उन्होंने कौशल्या देवी को शौचालय में जाकर ही जरूरत का सामान दिया। इतना ही नहीं अविनाश कुमार सत्ताधारी दल बीजेपी के नेता होने के बाद भी कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले का हाल जब ऐसा है तो अन्य जिलों का क्या हाल होगा। उन्होंने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द बुजुर्ग को सरकारी सहायता मुहैया कराने की अपील की है।

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खबर दिखाए जाने के बाद देर शाम कौशल्या देवी के गांव पहुंचा प्रशासन
पंचायत समिति सदस्य विकास कुमार ने बताया कि मंत्री संजय झा ने कहा है कि कौशल्या देवी के घर का निरीक्षण डीएम द्वारा किया गया है। जबकि यहां गुरुवार की देर शाम हिलसा के एसडीओ और स्थानीय बीडीओ ने आनन-फानन में यहां का दौरा किया। डीएम तो यहां अभी तक पहुंचे ही नहीं हैं। मंत्री संजय झा अपने ट्वीट में खुद कह रहे हैं कि जिला प्रशासन द्वारा महिला की झोपड़ी का जीर्णोद्धार और उससे लगती गली का पक्कीकरण करवाया जायेगा। सवाल तो यही है कि आखिर 2017 से कौशल्या देवी को अब तक आवास योजना का लाभ क्यों नहीं दिया गया।

पंचायत समिति सदस्य ने बताया कि आवास योजना में जब कौशल्या देवी का नाम आया तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने आठ हजार रुपये घूस की डिमांड की। गांव के लोग कौशल्या देवी की तरफ से 1500 रुपये घूस देने के लिए तैयार थे, लेकिन फिर भी सूची से नाम काट दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि एसडीओ साहब जिस करकट के कमरे का जिक्र कर रहे हैं उसमें सांप का निवास रहता है। उसी कमरे में कौशल्या देवी के बेटे को सांप काटा था जिससे उनकी मौत हुई थी। पिछले सप्ताह ही वहां एक खतरनाक सांप दिखा था, जिसे गांव के युवकों ने मारा था। बारिश और सांप के डर से कौशल्या देवी और उनकी पोती शौचालय में ही रहते हैं।

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क्या इस जमाने में 400 रुपये में दो लोगों का महीने भर पेट भर जाएगा?
एसडीएम की जांच रिपोर्ट और मंत्री संजय झा के ट्वीट में कहा गया है कि कौशल्या देवी को हर महीने 400 रुपये वृद्धा पेंशन मिलता है। सवाल उठता है कि क्या 400 रुपये में एक बुजुर्ग और बच्ची की जरूरतों को पूरे महीने पूरा किया जा सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि बुजुर्ग और बच्ची दोनों की तबियत भी तो खराब हो सकती है। वे 400 रुपये में अपना इलाज कैसे करा सकते हैं, ये तो सोचने वाली बात है।

एसडीओ के दौरे के बाद रिपोर्टर दोबारा कौशल्या देवी के घर पहुंचे
एसडीओ के दौरे के बाद नवभारत टाइम्स.कॉम के संवाददाता ने दोबारा कौशल्या देवी के घर पर पहुंचे। यहां उन्होंने देखा कि कौशल्या देवी ने भिंडी की सब्जी और चावल खाने में बना रखी थी। बना हुआ खाना शौचालय में ही रखा था। इसके अलावा खबर दिखाए जाने के बाद कौशल्या देवी को जो कुछ भी मदद के रूप में अनाज मिले थे वह भी शौचालय में ही रखा था। अब ये बात समझ से परे है कि भला कोई पका हुआ खाना शौचालय में क्यों रखेगा।

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क्या सीएम नीतीश की साख बचाने के लिए गलत बोल गए मंत्री संजय झा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ट्विटर हैंडल पर कौशल्या देवी का वीडियो टैग होने के बाद एसडीओ जब मौके पर पहुंचे तो सारी सच्चाई सामने आ गई। कौशल्या देवी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आवास योजना में रिश्वत मांगी गई थी। कौशल्या देवी ने यह भी बताया कि बीते दो साल में बिचौलिया दो बार उनसे कमीशन की डिमांड करने आ चुका है। सीएम को वीडियो टैग होने के बाद मंत्री संजय झा अधिकारियों के गलते बयान को सहारा बनाकर सीएम की साख बचाने के लिए गलत ट्वीट कर गए। अगर उन्होंने ध्यान से एसडीएम की रिपोर्ट को पढ लिया होता तो शायद पूरी कहानी खुद ही समझ जाते।

क्या है पूरा मामला
नालंदा जिले मकरौता पंचायत के गांव दिरीपर वार्ड नंबर 3 में कौशल्या देवी और उनकी पोती सार्वजनिक शौचालय में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। गौर करने वाली बात यह है कि दिरीपर के बगल का गांव मौजूदा विधायक कृष्ण मुरारी शरण का है। कौशल्या देवी का इस दुनिया में कोई देखने वाला नहीं है। दादी पोती शौचालय में रहने के लिए मजबूर हैं। उसका यही ठिकाना है। 10 साल की पोती के सिर से माता पिता का साया पहले ही उठ चुका है। लाचार दोनों दादी पोती अपने गांव में घर-घर खाना मांगकर जीवन यापन कर रही हैं। कौशल्या देवी और उनकी पोती सपना कुमारी ने बताया परिवार के कमाऊ सदस्य के नहीं रहने के कारण मजबूरन भीख मांग कर किसी तरह से तो जिंदगी काट रही है। धूप और पानी से बचने के लिए महिला ने शौचालय में रहकर जीवन यापन कर रही, इसे ही अपना आशियाना बना लिया है।

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2017 में आवास योजना में कौशल्या देवी का नाम आवास योजना में आया था। तत्कालीन आवास पर्यवेक्षेक ने आवास योजना का लाभ दिलाने के एवज में कौशल्या देवी से नकदी की डिमांड की थी। गरीब होने के चलते कौशल्या देवी पैसे नहीं दे पाईं, इसलिए शुद्धिकरण के बहाने इनका नाम काट दिया गया। इनके घर में कोई जेंट्स नहीं है। कौशल्या देवी 75 वर्ष की हैं और उनकी पोती करीब आठ साल की हैं।

पंचायत समिति सदस्य विकास कुमार ने कहा कि कौशल्या देवी की बात प्रखंड में कई बार उठाया जा चुका है। अधिकारी प्रेमराज, मीनु श्रीवास्तव समेत तीन बीडीओ आ चुके हैं। उनसे कई बार इनकी बात रखी जा चुकी है लेकिन बिना नकदी दिए कोई बात नहीं सुना।

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