IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का दर्ज किया एक और मामला

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IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का दर्ज किया एक और मामला

IAS संजीव हंस और पूर्व MLA गुलाब यादव की बढ़ी मुश्किलें, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का दर्ज किया एक और मामला

आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे IAS संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती है। प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का एक और मामला दोनों के खिलाफ दर्ज किया है। ईडी ने पीएमएलए के तहत दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पांच स्थानों पर छापेमारी की है।

आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को 2002 के धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है। डीए (आय से अधिक संपत्ति) मामले से संबंधित विशेष सतर्कता इकाई (एसवीयू) की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए, ईडी ने 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हंस, पूर्व विधायक यादव और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू करने के लिए ईसीआईआर दर्ज की।

संजीव हंस, जो पहले बिहार राज्य पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के प्रधान सचिव-सह-मुख्य प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात थे। ईडी की सर्च के बाद सामान्य प्रशासन विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया है। संजीव के परिवार के अलावा व्यापारिक साझेदारों ने कथित तौर पर करोड़ों से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। इस मामले से परिचित अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने डीए मामले से संबंधित एसवीयू एफआईआर का अध्ययन करने के बाद ईसीआईआर दर्ज की।

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ईडी के निर्देश के बाद एसवीयू प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में ‘अपराध की आय’ की जांच करेगी। ईडी ने पहले दानापुर अदालत के निर्देश पर पटना पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। जो इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक वकील की शिकायत पर कार्रवाई कर रही थी। वकील ने आरोप लगाया कि हंस और यादव ने वर्षों तक उसका यौन उत्पीड़न किया। हालांकि पटना उच्च न्यायालय ने 6 अगस्त को हंस के खिलाफ मामला रद्द कर दिया था। लेकिन यादव और हंस के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी है।

ईडी ने पीएमएलए के तहत 10, 11 और 12 सितंबर को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में पांच स्थानों पर छापेमारी की। ईडी के अधिकारी के मुताबिक, हंस कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है और अवैध वित्तीय गतिविधियों में सहायता कर रहा है। जांच में कुछ निजी व्यक्तियों के साथ उसके करीबी संबंधों का भी पता चला, जिनके साथ उसका वित्तीय लेन-देन था। जो संभावित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग से वित्तीय लेनदेन के एक गहरे नेटवर्क की तरफ इशारा कर रहा है।

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इन छापों के दौरान, ईडी ने 87 लाख रुपये नकद, 13 किलोग्राम चांदी की सिल्लियां, जिनकी कीमत लगभग 11 लाख रुपये, 2 किलोग्राम सोने की सिल्लियां और आभूषण, जब्त किए। जिनकी अनुमानित कीमत 1.5 करोड़ रुपये है। इसके अलावा ईडी ने ऐसे दस्तावेज भी बरामद किए। जिसमें हवाला और अन्य बैंकिंग लेनदेन का ब्यौरा शामिल है। छापेमारी के दौरान तमाम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए।

ईडी के अधिकारियों ने इस साल 23 अगस्त को हंस और उनके बिजनेस पार्टनर-सह-पूर्व विधायक गुलाब यादव और अन्य के पटना, दिल्ली, पुणे, हरियाणा और पंजाब स्थित परिसरों पर छापेमारी की और 80 लाख रुपये के सोने के आभूषण और लक्जरी घड़ियां जब्त की थी।

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