IAS बन थाना ईंचार्ज को धमकाना पड़ा भारी, मां- बाप को भी बेवकूफ बना रहे युवक का ऐसे सामने आया कच्चा चिट्ठा h3>
टोंक :राजस्थान के टोंक जिले के निवाई में दतवास थाना पुलिस ने फर्जी ट्रेनी आईएएस को दबोच लिया है। यह आरोपी भरथला निवासी इंद्रराज मीणा स्वयं को ट्रेनी आईएएस बताकर थानाधिकारी को धौंस जमाकर धमकाने का प्रयास कर रहा था। इस पर पुलिस ने जांच कर आरोपी इंद्रराज मीणा को गिरफ्तार कर लिया।निवाई पुलिस उपाधीक्षक संदीप सारस्वत ने बताया कि आरोपी का पिता भरथला निवासी प्रभु सिंह मीणा ने गत दिनों पुलिस थाने में एक परिवाद दिया। इसमें उसने बताया कि उसके बेटे इंद्राज को कुछ लोग फोन पर धमकियां देकर परेशान कर रहे हैं। इसके संबंध में फर्जी ट्रेनी आईएएस इंद्रराज मीणा जानकारी करने के लिए पुलिस थाने में आया। इस दौरान आरोपी के फर्जी होने पर पुलिस को शंका हुई। जिस पर पुलिस ने जांच कर उसे तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। जिसे अब न्यायालय में पेश किया जाएगा।
थाना प्रभारी को ट्रेनी आईएएस होने की धौंस बता कर धमकाया
दतवास पुलिस थाने में तैनात प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विजय कुमार अपना लिखित कार्य कर रहे थे। इस बीच आरोपी इंद्रराज वहां आया और उसने स्वयं को ट्रेनी आईएएस अफसर बताते हुए धमकाना शुरू कर दिया। इस दौरान आरोपी ने कहा कि उसके पिता ने मार्च माह में एक परिवाद दिया था। जिस पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस पर उन्होंने थाना प्रभारी को इस मामले की जानकारी दी। आरोपी थाना प्रभारी के बराबर कुर्सी लगाकर बैठ गया और अपनी धौंस जमाने लगा। उसने बताया कि वह वर्ष 2021 का आईएएस में चयनित अफसर हैं और वर्तमान में मसूरी में लाल बहादुर राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी संस्थान से ट्रेनिंग कर रहा है।
UPSC की साइट खंगाली तो, आरोपी का खुला राज
प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि उन्हें आरोपी के फर्जी होने की शंका हुई। इस पर उन्होंने आरोपी इन्द्रराज से ट्रेनी आईएएस होने के दस्तावेज व आईडी कार्ड मांगे तो, उसने इंकार कर दिया। इस दौरान जब आरोपी से सवाल जवाब किए गए तो तब भी वह सकपका गया। इसके अलावा यूपीएससी की साइट खोल कर 2021 में चयनित हुए आईएएस की लिस्ट निकाली गई। जिसमें उसका नाम नहीं मिला। इस पर पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो, उसने अपना राज खोल दिया। उसने बताया कि वह जयपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। आरोपी परिवाद पर कार्रवाई नहीं होने के कारण पुलिस को फर्जी ट्रेनी आईएएस बनकर धमकाने का प्रयास कर रहा था।
परिजनों को भी बेवकूफ बनाकर रुपए ऐंठे
पुलिस ने बताया कि आरोपी इंद्रराज अपने घर वालों को भी बेवकूफ बनाकर यही कह रखा था कि वह आईएएस अफसर बन गया है और वह मसूरी से ट्रेनिंग कर रहा है। पुलिस ने बताया कि आरोपी वर्ष 2022 से जयपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। इस दौरान 6 माह पहले उसने घरवालों को झांसा दिया कि वह आईएएस की ट्रेनिंग कर रहा है। इसके बदले वह हर माह परिजनों से 20 से 25 हजार रुपए खर्चा मांगता रहा। ऐसे में परिजन भी खुश थे कि उनका बेटा आईएएस अफसर बन चुका है। लिहाजा वे भी उसे बराबर खर्चे की राशि भेजते रहे। आरोपी 6 माह से अपने गांव नहीं आया था। परिजनों को क्या पता था कि उनका बेटा ही षड्यंत्र रच कर उनसे हर माह रुपए ऐंठ रहा है।(रिपोर्ट- मनीष बागडी, टोंक)
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थाना प्रभारी को ट्रेनी आईएएस होने की धौंस बता कर धमकाया
दतवास पुलिस थाने में तैनात प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विजय कुमार अपना लिखित कार्य कर रहे थे। इस बीच आरोपी इंद्रराज वहां आया और उसने स्वयं को ट्रेनी आईएएस अफसर बताते हुए धमकाना शुरू कर दिया। इस दौरान आरोपी ने कहा कि उसके पिता ने मार्च माह में एक परिवाद दिया था। जिस पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस पर उन्होंने थाना प्रभारी को इस मामले की जानकारी दी। आरोपी थाना प्रभारी के बराबर कुर्सी लगाकर बैठ गया और अपनी धौंस जमाने लगा। उसने बताया कि वह वर्ष 2021 का आईएएस में चयनित अफसर हैं और वर्तमान में मसूरी में लाल बहादुर राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी संस्थान से ट्रेनिंग कर रहा है।
UPSC की साइट खंगाली तो, आरोपी का खुला राज
प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि उन्हें आरोपी के फर्जी होने की शंका हुई। इस पर उन्होंने आरोपी इन्द्रराज से ट्रेनी आईएएस होने के दस्तावेज व आईडी कार्ड मांगे तो, उसने इंकार कर दिया। इस दौरान जब आरोपी से सवाल जवाब किए गए तो तब भी वह सकपका गया। इसके अलावा यूपीएससी की साइट खोल कर 2021 में चयनित हुए आईएएस की लिस्ट निकाली गई। जिसमें उसका नाम नहीं मिला। इस पर पुलिस ने आरोपी से सख्ती से पूछताछ की तो, उसने अपना राज खोल दिया। उसने बताया कि वह जयपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। आरोपी परिवाद पर कार्रवाई नहीं होने के कारण पुलिस को फर्जी ट्रेनी आईएएस बनकर धमकाने का प्रयास कर रहा था।
परिजनों को भी बेवकूफ बनाकर रुपए ऐंठे
पुलिस ने बताया कि आरोपी इंद्रराज अपने घर वालों को भी बेवकूफ बनाकर यही कह रखा था कि वह आईएएस अफसर बन गया है और वह मसूरी से ट्रेनिंग कर रहा है। पुलिस ने बताया कि आरोपी वर्ष 2022 से जयपुर में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। इस दौरान 6 माह पहले उसने घरवालों को झांसा दिया कि वह आईएएस की ट्रेनिंग कर रहा है। इसके बदले वह हर माह परिजनों से 20 से 25 हजार रुपए खर्चा मांगता रहा। ऐसे में परिजन भी खुश थे कि उनका बेटा आईएएस अफसर बन चुका है। लिहाजा वे भी उसे बराबर खर्चे की राशि भेजते रहे। आरोपी 6 माह से अपने गांव नहीं आया था। परिजनों को क्या पता था कि उनका बेटा ही षड्यंत्र रच कर उनसे हर माह रुपए ऐंठ रहा है।(रिपोर्ट- मनीष बागडी, टोंक)
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