IAS के लिए 1 करोड़ सालाना का पैकेज छोड़ा: रीवा के रोमिल द्विवेदी की 27वीं रैंक; इंटरव्यू में पूछा- रेलवे का निजीकरण कितना जरूरी? – Madhya Pradesh News

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IAS के लिए 1 करोड़ सालाना का पैकेज छोड़ा:  रीवा के रोमिल द्विवेदी की 27वीं रैंक; इंटरव्यू में पूछा- रेलवे का निजीकरण कितना जरूरी? – Madhya Pradesh News

IAS के लिए 1 करोड़ सालाना का पैकेज छोड़ा: रीवा के रोमिल द्विवेदी की 27वीं रैंक; इंटरव्यू में पूछा- रेलवे का निजीकरण कितना जरूरी? – Madhya Pradesh News

रीवा के रहने वाले रोमिल ने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी क्लियर की है।

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ये कहना है यूपीएससी-2024 में 27वीं रैंक हासिल करने वाले रोमिल द्विवेदी का। रीवा के रहने वाले रोमिल ने तीसरे अटेंप्ट में यूपीएससी क्लियर की है। वह सहकारिता विभाग के जॉइंट कमिश्नर केके द्विवेदी के बेटे हैं।

पिछले साल रोमिल का सिलेक्शन ऑल इंडिया रेलवे सर्विस में हुआ था। इंटरव्यू के दौरान रोमिल से पूछा गया कि क्या रेलवे का प्राइवेटाइजेशन करना चाहिए? उन्होंने इसका क्या जवाब दिया? उनसे इंटरव्यू में और किस तरह के सवाल पूछे गए? पढ़िए दैनिक NEWS4SOCIALके साथ बातचीत…

सवाल: सिविल सर्विसेज का ख्याल कैसे आया? साल 2017 से 2023 तक मैंने 6 साल तक प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की। मेरा यह मानना है कि जॉब सेटिस्फेक्शन पब्लिक सेक्टर में ज्यादा मिलता है। आप जमीन से जुड़े लोगों के साथ काम करते हैं। जो भी करते हैं उसका आम लोगों पर सीधा असर दिखता है।

सिविल सर्वेंट सीधे पब्लिक से कनेक्ट होकर काम करते हैं। प्राइवेट सेक्टर का जॉब मोनोटोनस होता है। सैलरी पैकेज पब्लिक सेक्टर की तुलना में बहुत ज्यादा होता है, लेकिन फिर भी मुझे लगता है कि पब्लिक सेक्टर में आपको इतना पैसा मिलता है जिससे आप अपनी बहुत अच्छी जिंदगी जी सकते हैं।

जहां तक मेरी बात है तो मुझे समझ आ गया था कि मैं प्राइवेट सेक्टर में ज्यादा समय तक काम नहीं कर पाऊंगा।

पब्लिक सर्विस में जाने की प्रेरणा कहां से मिली? मेरे पापा, भैया और चाचा पहले से ही पब्लिक सर्विस में हैं। पापा सहकारिता विभाग में जॉइंट कमिश्नर हैं। वहीं बड़ा भाई वन विभाग में है और चाचा भोपाल में वित्त विभाग में है। घर में बचपन से ही एकेडमिक माहौल है। मैं उनकी लाइफ स्टाइल को देखता हूं तो मुझे अच्छे से पता है कि इस सेक्टर में आप जो काम करते हैं उसका आम लोगों पर कैसे प्रभाव पड़ता है।

इंटरव्यू में किस तरह के सवाल पूछे गए? इंटरव्यू में ज्यादातर प्रश्न मेरे बैकग्राउंड से रिलेटेड थे। मैंने बैंकिंग सेक्टर में काम किया है और अभी रेलवे में जॉब कर रहा हूं तो लगभग सारे सवाल इन्हीं दो सेक्टर के इर्द गिर्द थे। मेरा इंटरव्यू करीब 30 मिनट चला था। मैं पहले भी इस माहौल का सामना कर चुका था तो ज्यादा नर्वस नहीं था।

रेलवे से जुड़ा कौन सा सवाल था? मुझसे सवाल किया गया कि रेलवे में प्राइवेटाइजेशन और लोडिंग सेक्टर में क्या-क्या बदलाव किए जा सकते हैं। जिससे रेलवे का ओवरऑल शेयर ट्रांसपोर्टेशन में बढ़े। मैंने कहा कि पूरी तरह से निजीकरण नहीं होना चाहिए, क्योंकि रेलवे पर पब्लिक रिस्पांसिबिलिटी भी है। मगर, कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां निजीकरण किया जा सकता है।

साथ ही रेलवे स्टेशन का संचालन प्राइवेट प्लेयर्स को दिया जा सकता है। मैंने भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उदाहरण दिया। दूसरा सवाल था कि रेलवे में सेफ्टी रिलेटेड किस चीज को हम आउटसोर्स कर सकते हैं? इसका जवाब देते हुए मैंने कहा था कि रेलवे की कोर जिम्मेदारियों को प्राइवेटाइज नहीं करना चाहिए। पैसेंजर सिक्योरिटी उनमें से ही एक है।

यूपीएससी की तैयारी कैसे की? कोविड के दौरान जब वर्क फ्रॉम होम मिला तो मैं अपने घर पर ही था। उस वक्त बहुत सारा समय खाली बच रहा था। तब मैंने घर पर रहकर ही तैयारी शुरू की। इसके लिए मैंने किसी तरह की कोचिंग और गाइडेंस नहीं ली। पहले ही अटेंप्ट में प्री क्लियर हो गया था, लेकिन मेंस क्लियर नहीं हो पाया।

मैंने हिम्मत नहीं हारी और 2022 में जब दूसरी बार एग्जाम दिया तो इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विसेज में सिलेक्ट हुआ। मैं अभी उदयपुर में हूं। ट्रेनिंग पीरियड चल रहा है।

पिछली जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज क्या था? मैं ईवॉय में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट था। पूरा पैकेज एक करोड़ के आसपास था। मगर, मैं जॉब से संतुष्ट नहीं था। मैंने कम समय में ही तीन बार नौकरी बदली थी। मैं जो काम कर रहा था, उसका लोगों पर क्या असर पड़ रहा था, ये मैं नहीं जानता था। इसलिए मैंने पब्लिक सेक्टर में जाने का फैसला किया।

पूरी जर्नी में परिवार का कितना सपोर्ट रहा? परिवार का तो पूरा सपोर्ट रहा। मैं जॉब कर रहा था। सैलरी पैकेज भी अच्छा था। मैंने एक साल तक परिवार को बिना बताए यूपीएससी की तैयारी की। जब मैं मुंबई से एग्जाम देने भोपाल आया, तब मैंने परिवार को बताया कि मैं यूपीएससी की तैयारी कर रहा हूं।

उनका रिएक्शन पॉजिटिव था। उन्हें यकीन था कि मैं जो कुछ कर रहा हूं, सही कर रहा हूं। मैं पढ़ाई में बचपन से ही बेहतर था। वैसे भी मेरी फैमिली ने मुझे कभी भी कुछ करने के लिए फोर्स नहीं किया है।

इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- UPSC-2024 में एमपी की आयुषी बंसल की 7वीं रैंक

UPSC सिविल सर्विस एग्जाम 2024 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी हुआ। इसमें मध्य प्रदेश के 30 से ज्यादा युवाओं का सिलेक्शन हुआ है। ग्वालियर की आयुषी बंसल को 7वीं रैंक मिली है। वहीं, रीवा के रोमिल द्विवेदी को 27वीं रैंक मिली। रोमिल सहकारिता विभाग के जॉइंट कमिश्नर केके द्विवेदी के बेटे हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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