पति, पत्नी और वो… गुरुदत्त ने मौत के कुछ घंटे पहले कहे थे ये आखिरी शब्द

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पति, पत्नी और वो… गुरुदत्त ने मौत के कुछ घंटे पहले कहे थे ये आखिरी शब्द

पति, पत्नी और वो… गुरुदत्त ने मौत के कुछ घंटे पहले कहे थे ये आखिरी शब्द

वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण.. अब आप ये मत सोचने लगना कि इनका नाता दीपिका पादुकोण से है। जी हां, ये तो हिंदी सिनेमा का वो चमकता सितारा था जो फिल्म इंडस्ट्री की बगिया को अपने टेलेंट से महका गया। 9 जुलाई को वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण उर्फ गुरुदत्त की बर्थ एनिवर्सरी है। आज ही के दिन डायरेक्टर, प्रड्यूसर, एक्टर, कोरियोग्राफर और राइटर गुरुदत का कर्नाटक में जन्म हुआ। ब्रह्माण परिवार में जन्मे गुरुदत्त पादुकोण के पिता हैडमास्टर और बैंकर थे तो मां टीचर और राइटर थीं। उनका बचपन कोलकाता में बिता और इसी वजह से वह बहुत ही शानदार बंगाली बोलते थे और इस कल्चर से बढ़िया तरीके से वाकिफ थे। आइए आपको गुरुदत्त की लाइफ, फैमिली, करियर, वाइफ गीता दत्त और अफेयर समेत सबकुछ बताते हैं।

गुरुदत्त का परिवार
गुरुदत्त (Guru Dutt) के चार भाई बहन थे। बहन ललिता पेंटर, भाई आत्मा राम डायरेक्टर, देवी फिल्म प्रड्यूसर तो एक भाई विजय था। आपको जानकार हैरानी होगी कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज डायरेक्टर श्याम बेनेगल उनके कजिन हैं। इस तरह उनके परिवार में दिग्गजों की फेहरिस्त थोड़ी लंबी है।

मौत को गले लगा लिया!

गुरुदत्त की जिंदगी


सिर्फ 39 साल की उम्र में गुरुदत्त हिंदी सिनेमा की रीढ़ बन गए। उन्होंने फिल्मों का लेखन, डायरेक्शन, अभिनय से लेकर कोरियोग्राफी तक किया। लेकिन छोटी सी उम्र में वह इस दुनिया को अलविदा कह गए। कहते हैं, गुरुदत्त ने अपनी जिंदगी में जो चाहा वो हासिल किया लेकिन निजी जिंदगी में कभी प्यार हासिल न कर पाए। उन्हें दो बार प्यार हुआ लेकिन मुकम्मल न हो पाया। कहा तो ये भी जाता है कि इसी चलते उनकी जिंदगी तन्हा हो गई और उन्होंने मौत को गले लगा लिया।

गुरुदत्त का पहला प्यार

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गुरुदत्त की जिंदीग, अफेयर और शादी


गुरुदत्त (Guru Dutt Wife) का पहला प्यार गीता दत्त थीं। एक जमाने में वह बड़ी गायिका हुआ करती थीं और हर फिल्म में उन्हें लेने के लिए डायरेक्टर्स लड़ा भीड़ा करते थे। गीता संग गुरुदत्त की पहली मुलाकात फिल्म ‘बाजी’ के दौरान हुई। इस फिल्म में उन्होंने गाना गाया और साथ साथ गुरुदत्त संग प्यार में पड़ गईं। तीन साल दोनों ने एक दूसरे को डेट किया और फिर इस प्यार को शादी में बदल लिया। साल 1953 में गुरुदत्त और गीता ने शादी कर ली और दोनों के तीन बच्चे हुए।

गीता दत्त और गुरुदत्त के बीच खटपट क्यों होने लगी

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गुरुदत्त वहिदा रहमान


शादी (Guru Dutt Marriage) के कुछ समय बाद तक तो दोनों के बीच सबकुछ बढ़िया चला और दोनों अपने अपने करियर में भी बढ़िया काम कर रहे थे लेकिन शादी के चार साल बाद झगड़े शुरू हो गए और ये शादी टूटने के कगार पर आ गई। पति, पत्नी और वो… का किस्सा भी इस प्रेम कहानी में आता है।

गुरुदत्त और वहीदा रहमान

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गुरुदत्त और गीता दत्त


जब जब गुरुदत्त के प्यार का जिक्र होता है तो वहीदा रहमान का नाम जरुर लिया जाता है। एक समय था जब दोनों के अफेयर (Guru Dutt Affair) को लेकर बाजार खूब गर्म हुआ करता था। कहा जाता है कि दोनों की नजदीकियों के चलते ही गुरुदत्त और गीता दत्त के बीच खटपट होने लगी थी।

बहुत अकेले पड़ गए थे गुरुदत्त

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गुरुदत्त ने वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) को अपनी फिल्म ‘सीआईडी’ से लॉन्च किया था। दोनों ने साथ में कई फिल्में की और दोनों एक दूसरे के काफी करीब भी आ गए थे लेकिन कभी एक न हो सके। वहां एक तरफ गीता दत्त बच्चों संग घर छोड़कर चली गईं और गुरुदत्त की जिद्द और बेहद पजेसिव होने के चलते वहीदा भी दूर हो गईं।

गुरुदत्त की तन्हा जिंदगी

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गुरुदत्त की तस्वीर


कहा जाता है कि गुरुदत्त अपनी निजी जिंदगी में काफी तन्हा हो गए थे। वह शराब की लत में भी डूबने लगे थे। गुरुदत्त की मौत बेहद रहस्यमय स्थिति में हुई। 10 अक्टूबर 1964 उनकी जिंदगी का आखिरी दिन था। 9 अक्टूबर की सुबह वह उठे अपने बच्चों के साथ शॉपिंग पर गए और फिर लौटकर ‘बहारे फिर भी आएंगी’ पर काम करने लगे। लेखक अबरार अल्वी संग वह इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। उस दिन अपने यार अबरार को अचानक कहने लगे.. यार अबरार अगर तुम बुरा न मानो तो एक बात कहूं..मैं अब रिटायरमेंट लेना चाहता हूं। ऐसा लगा जैसे उन्हें अपनी मौत का पहले ही आभास हो गया था।

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गुरुदत्त की आखिरी रात
अबरार संग गुरुदत्त ने शाम गुजारी और दोनों ने फिल्म को लेकर डिस्कस किया। फिर अबरार घर लौट आए और गुरुदत्त अगली सुबह अपने आधे पढ़े नोवल के साथ मृत पाए गए। न तो अबरार ने सोचा था कि वह अगली सुबह अपने दोस्त से फिर कभी नहीं मिल पाएंगे न ही इस इंडस्ट्री ने। इस तरह गुरुदत्त युग का अंत हो गया और उनकी मौत के बाद उनकी आखिरी फिल्म ‘बहारे फिर भी आएंगी’ को धर्मेंद्र ने पूरा किया।

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