HSVP ने भवानी एन्क्लेव में 25 मकानों को नोटिस, 24 घंटे में घर खाली करने का अल्टिमेटम, जानें क्या है मामला h3>
गुरुग्राम: 24 घंटे में मकान खाली करिए, नहीं तो इसे तोड़ दिया जाएगा। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) की इस नोटिस के बाद बसई चौक के समीप स्थित भवानी एन्क्लेव में रहने वाले 25 परिवार भयभीत हैं। ये मकान बरसाती ड्रेन बनाने के लिए तैयार रूट की चपेट में आ रहे हैं, जिसे GMDA बनवा रहा है। नोटिस चस्पा होते ही इन परिवारों के सदस्य HSVP के एस्टेट ऑफिसर वन से मिले और उनसे आग्रह किया कि इतनी जल्दी हम कहां जाएंगे और हमारे परिवार का क्या होगा। लोगों ने अधिकारियों से कहा कि या हमें वैकल्पिक प्लॉट दिलवाएं या बरसाती ड्रेन की दिशा में बदलाव करें। एस्टेट ऑफिसर वन ने उन्हें भरोसा दिया कि उनकी मांग की जांच के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
2020 में भी तोड़े थे 5 मकान
GMDA ने 20 साल बाद अब सड़क को चौड़ा करने का प्लान बनाया है, इसके तहत काम किया जा रहा। बता दें कि एक बरसाती ड्रेन का निर्माण करने के लिए 29 फरवरी, 2020 में 5 मकानों को मलबे में मिला दिया गया था साथ ही 5 मकानों का कुछ हिस्सा तोड़ा भी गया था। एक बरसाती ड्रेन बनकर तैयार है। अब एक और बरसाती ड्रेन GMDA बनवा रहा है, इसकी चपेट में करीब 25 घर आ रहे हैं। सोमवार को इन मकानों पर HSVP ने खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया।
अधिकारियों की गलती का खामियाज़ा भुगत रहे 25 परिवार
HSVP ने भूमि अधिग्रहण के नोटिस 1998 में दिए। इसी साल जमीन मालिक ने खसरा नंबर 643 और 644 में प्लॉटिंग कर प्लॉट बेच डाले। तहसील में इन प्लॉट्स की रजिस्ट्री भी हुई। राजस्व रेकॉर्ड में इन प्लॉट्स की म्यूटेशन चढ़ गई। 2002 में HSVP ने सेक्टर-9 और 10 की इस मुख्य सड़क का निर्माण किया। इसके बाद अधिग्रहित जमीन पर मकान बनना शुरू हो गए, लेकिन HSVP ने उस दौरान इन्हें नहीं रोका। पहली बार इन मकान मालिकों को 5 मार्च, 2018 को HSVP का नोटिस आया। इसके बाद इन परिवारों को जमीन अधिग्रहण की जानकारी मिली। 2019 में HSVP ने अपने नाम पर जमीन की म्यूटेशन चढ़वाई। खास बात यह भी रही कि 2013 में इन परिवारों ने कॉलोनी को वैध करने की एवज में नगर निगम की तरफ से मांगा गया डिवेलपमेंट चार्ज भी जमा करवाया।
भवानी एन्क्लेव के निवासी आकर मिले थे। ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है। उन्हें आश्वासन दिया गया कि किसी भी तरह का फैसला लेते समय उनका हित देखा जाएगा।
विकास ढांडा, एस्टेट ऑफिसर वन, HSVP
‘3 साल से अधिकारियों के पास लगा रहे चक्कर’
विजय सिंह ने कहा कि मकान की रजिस्ट्री और म्यूटेशन उनके पास है। जमीन अधिग्रहण की एवज में मुआवजा नहीं उठाया है। अब HSVP उनके मकानों को तोड़ना चाहता है। यह टूटा तो वह बेघर हो जाएंगे। हरियाणा सरकार से मांग है कि एनपीआर और खांडसा ड्रेन की तर्ज पर वैकल्पिक प्लॉट अलॉट किए जाएं और निर्माण की मुआवजा राशि दी जाए।
विजय लांबा ने कहा कि पिछले 3 साल से HSVP के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन अधिकारियों को दिखाई है, लेकिन उनका कहना है कि सरकार ज़मीन का अधिग्रहण कर चुकी है। समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार हम अपनी समस्या लेकर कहां जाएं। मनोरमा ने कहा कि यदि यह मकान टूटता है तो हम सड़क पर आ जाएंगे। रहने के लिए और कोई मकान उनके पास नहीं है। जिंदगी भर की जमापूंजी लगाकर इस मकान को बनाया है। यह भी नहीं रहा तो असुविधाओं का सामन करना पड़ेगा।
पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News
2020 में भी तोड़े थे 5 मकान
GMDA ने 20 साल बाद अब सड़क को चौड़ा करने का प्लान बनाया है, इसके तहत काम किया जा रहा। बता दें कि एक बरसाती ड्रेन का निर्माण करने के लिए 29 फरवरी, 2020 में 5 मकानों को मलबे में मिला दिया गया था साथ ही 5 मकानों का कुछ हिस्सा तोड़ा भी गया था। एक बरसाती ड्रेन बनकर तैयार है। अब एक और बरसाती ड्रेन GMDA बनवा रहा है, इसकी चपेट में करीब 25 घर आ रहे हैं। सोमवार को इन मकानों पर HSVP ने खाली करने का नोटिस चस्पा कर दिया।
अधिकारियों की गलती का खामियाज़ा भुगत रहे 25 परिवार
HSVP ने भूमि अधिग्रहण के नोटिस 1998 में दिए। इसी साल जमीन मालिक ने खसरा नंबर 643 और 644 में प्लॉटिंग कर प्लॉट बेच डाले। तहसील में इन प्लॉट्स की रजिस्ट्री भी हुई। राजस्व रेकॉर्ड में इन प्लॉट्स की म्यूटेशन चढ़ गई। 2002 में HSVP ने सेक्टर-9 और 10 की इस मुख्य सड़क का निर्माण किया। इसके बाद अधिग्रहित जमीन पर मकान बनना शुरू हो गए, लेकिन HSVP ने उस दौरान इन्हें नहीं रोका। पहली बार इन मकान मालिकों को 5 मार्च, 2018 को HSVP का नोटिस आया। इसके बाद इन परिवारों को जमीन अधिग्रहण की जानकारी मिली। 2019 में HSVP ने अपने नाम पर जमीन की म्यूटेशन चढ़वाई। खास बात यह भी रही कि 2013 में इन परिवारों ने कॉलोनी को वैध करने की एवज में नगर निगम की तरफ से मांगा गया डिवेलपमेंट चार्ज भी जमा करवाया।
भवानी एन्क्लेव के निवासी आकर मिले थे। ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है। उन्हें आश्वासन दिया गया कि किसी भी तरह का फैसला लेते समय उनका हित देखा जाएगा।
विकास ढांडा, एस्टेट ऑफिसर वन, HSVP
‘3 साल से अधिकारियों के पास लगा रहे चक्कर’
विजय सिंह ने कहा कि मकान की रजिस्ट्री और म्यूटेशन उनके पास है। जमीन अधिग्रहण की एवज में मुआवजा नहीं उठाया है। अब HSVP उनके मकानों को तोड़ना चाहता है। यह टूटा तो वह बेघर हो जाएंगे। हरियाणा सरकार से मांग है कि एनपीआर और खांडसा ड्रेन की तर्ज पर वैकल्पिक प्लॉट अलॉट किए जाएं और निर्माण की मुआवजा राशि दी जाए।
विजय लांबा ने कहा कि पिछले 3 साल से HSVP के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है। जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन अधिकारियों को दिखाई है, लेकिन उनका कहना है कि सरकार ज़मीन का अधिग्रहण कर चुकी है। समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार हम अपनी समस्या लेकर कहां जाएं। मनोरमा ने कहा कि यदि यह मकान टूटता है तो हम सड़क पर आ जाएंगे। रहने के लिए और कोई मकान उनके पास नहीं है। जिंदगी भर की जमापूंजी लगाकर इस मकान को बनाया है। यह भी नहीं रहा तो असुविधाओं का सामन करना पड़ेगा।