सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा कैसे करें ?

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सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा कैसे करें ?
सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा कैसे करें ?

सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा कैसे करें ? ( How to worship Shiva on the full moon day of Sawan? )

भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं. जिसमें हिंदू धर्म को मानने वाले लोग बड़ी संख्या में भगवान शिव को अपना अराध्य देव मानते हैं. वैसे तो सावन के महिने को भगवान शिव का महिना माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब भी हम भगवान की पूजा करते हैं, तो हमें उसका फल जरूर मिलता है. लेकिन पूजा के दौरान अपनाई जाने वाली पूजा विधि पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. अगर हम सही तरीके और विधि से भगवान की पूजा करते हैं, तो हमें हमारी पूजा के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है. इसी कारण लोगों के मन में पूजा की विधि को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा कैसे करें ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

भगवान शिव

सावन की पूर्णिमा में शिव जी की पूजा विधि –

सावन की पूर्णिमा , सावन महिने के आखरी दिन होती है. इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें तथा इसके बाद व्रत का संकल्प लें. अगर आप इस दिन सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं, तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है. जब आप नदी में स्नान करना शुरू करें, तो सभी पवित्र नदियों को याद करना चाहिएं. सुबह भोलेनाथ को खीर का भोग लगाना चाहिएं. इसके साथ ही काफी महिलाएं नवमी के दिन पत्तों के पात्रों में जौ बोती हैं. उनको इस दिन नदी में विसर्जित करना चाहिएं. इसके बाद शाम को चंद्र देव को अर्घ्य देना जरूरी होता है. चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए कच्चे दूध में गंगाजल , रोली और चावल मिलाने चाहिएं.

भगवान शिव

इसके साथ ही सावन पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है. ऐसा करने से माता लक्ष्मी की आपके ऊपर कृपा होती है. जिससे आपको धन की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा करने से आपके जीवन में तथा परिवार में खुशहाली आती है. इसके साथ ही सावन की पूर्णिमा को घर में पूजा-पाठ के साथ साथ अगर आप कहीं मंदिर में जा सकते हैं, तो वह बहुत अच्छा होता है. इस दिन मंदिर के बाहर बैठे भूखे लोगों को भोजन कराना आपके जीवन में खुशहाली लेकर आता है.

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ऐसा माना जाता है कि पूरे वर्ष में आने वाली सभी पूर्णिमाओं को किए गए व्रतों का फल तथा सावन की पूर्णिमा को किए गए व्रत का फल बराबर होता है. इस दिन भगवान शिव को चावल के दाने अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. लेकिन यहां यह ध्यान रखने की बात है कि भगवान को अर्पित चावल के दानों में कोई दाना टूटा हुआ ना हो. ऐसा होने पर आपको आपकी पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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