भारत एक कृषि प्रधान देश है. जहां की बहुत बड़ी जनसंख्या कृषि से जुड़ी हुई है. लेकिन किसानों के हालात आर्थिक तौर पर बहुत बेकार हैं. अगर किसी दुर्घटना में खेत में काम करते हुए किसी हादसे में मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है , तो आर्थिक हालत और भी बेकार हो जाते हैं. इसी लिए सरकारें किसानों को ऐसे आर्थिर हालातों से निपटने के लिए कुछ आर्थिक सहायता देती है. जिससे सरकार किसानों का बीमा कर देती है, जिसके कारण यदि कोई दुर्घटना हो जाती है, तो दुर्घटना होने वाले परिवार को कुछ आर्थिक सहायता मिल सके.
दुर्घटना के बाद आर्थिक तौर पर किसानों की सहायता के लिए उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत अगर किसी किसान की मृत्यु हो जाती है तो परिवार को 5 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. राज्य सरकार द्वारा Krishak Durghatna Kalyan Yojana को सहयोग दिया जायेगा और यह योजना जिले के कलेक्टरों की देख रेख में की जाएगी.
अगर किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार के सदस्यो को इस योजना का लाभ लेकने के लिए दुर्घटना के 45 दिन के अंदर अंदर ही आवेदन करना होगा. 45 दिन के अंदर आवेदन नहीं किया जाता है, तो उसके बाद आप आवेदन नहीं कर सकते हैं. लेकिन यदि जिला कलेक्टर हें तो आवेदन के लिए 1 महीने का अतिरिक्त समय दे सकते हैं.
यह भी पढ़ें: क्या सरकारी कर्मचारी पंचायत चुनाव में प्रचार कर सकते हैं?
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान के परिवार को जिला कलेक्टर के पास एक आवेदन पत्र लिख कर देना होगा. इसके पश्चात जिला अधिकारीयों द्वारा घटना और दस्तावेजों की पूरी जांच पड़ताल होगी. पूरी घटना के सत्यापित हो जाने के बाद किसान या किसान के परिजनों को धन राशि उपलब्ध कराई जाएगी.इस योजना का लाभ लेने के लिए इन डाक्यूमेंट की आवश्यकता होगी. निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड , बैंक खाते की फोटो कॉपी और खाता नंबर, आधार नंबर , आयु प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर तथा पासपोर्ट साइज़ फोटो इत्यादी.