किसी मंदिर का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कैसे और कहाँ करें ? ( How and where to apply for registration of a temple? )
भारत विविधताओं वाला देश है. यहां पर विभिन्न धर्म व संप्रदायों को मानने वाले लोग रहते हैं. सभी धर्मों का अपना पूजा स्थल होता है, जिनको अलग अलग नामों से जाना जाता है. हिंदू धर्म में पूजा स्थल को मंदिर कहा जाता है. जब कोई मंदिर काफी प्रसिद्ध हो जाता है, तो उसके मैनेजमेंट के लिए कमेटी का निर्माण किया जाता है या फिर उसकी व्यवस्था को अच्छे से चलाने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन कराया जाता है. लेकिन इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल है कि किसी मंदिर का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कैसे और कहाँ करें ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
मंदिर का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कैसे और कहाँ करें –
मंदिर का रजिस्ट्रेशन NGO , कंपनी या सोसायटी के तौर पर होता है. यह रजिस्ट्रेशन कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत होता है. लेकिन आमतौर पर देखा जाता है कि मंदिर का रजिस्ट्रेशन ट्रस्ट के तौर पर कराया जाता है. अगर मंदिर का सोसायटी के तहत रजिस्ट्रेशन कराया जाता है, तो उसके लिए कम से कम 7 व्यक्तियों की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही मंदिर के निर्माण , कला और संस्कृति के विकास में कार्यरत संस्थाओं को धारा 8 के अनुसार कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जाता है.
किसी भी मंदिर के रजिस्ट्रेशन के लिए सबसे पहला और महत्वपूर्ण कागजाद डीड होती है. जिसमें ट्रस्ट का नाम , पंजीकृत कार्यालय , संचालन क्षेत्र , उद्देश्य , ट्रस्ट में शामिल सदस्यों का विवरण, ट्रस्टियों की शक्तियां तथा उसके कार्य इत्यादी का विवरण होता है. इसके लिए आवश्यक दस्तावेजों की बात करें, तो पूर्ण तरीके से तैयार डीड , पंजीकृत कार्यालय का प्रमाण पत्र, ट्रस्ट के सदस्यों के पहचान पत्र तथा 2 गवाहों की आवश्यकता होती है. अगर कोई ट्रस्ट कर से छूट पाना चाहता है, तो इसके लिए उनको आयकर अधिकारियों से टैक्स की धारा 12 ए या 80 जी इत्यादी के अनुसार प्रमाणन प्राप्त करना अनिवार्य है अन्यथा ट्रस्ट को भी आयकर देना पड़ता है.
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डीड के साथ किसी भी ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन registrar या sub-registrar’s के दफ्तर में उस राज्य विशेष के कानूनों के अनुसार होता है. इसके साथ ही किसी भी ट्रस्ट के लिए आयकर में छूट का प्रमाण पत्र उसके 1 वर्ष तक सुचारू रूप से काम करने के बाद ही मिल सकता है. अगर आप मंदिर का रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं, तो इसके लिए फार्म 10 ए भरना होगा तथा इसके साथ ही जरूरी डाक्यूमेंट लगाने होगें.
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