Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika

22
Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika

Hindi News: हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Live Breaking News | Patrika



ये होगा खास
-विकसित घाटों का होगा उन्नयन
-संवारे जाएंगे अविकसित घाट
-नर्मदा जल संरक्षण व जल की गुणवत्ता बनाए रखने पर भी होगा काम
-बुजुर्गों के लिए बनेंगे व्यू प्वाॅइंट
-नर्मदा वाटिका की जाएंगी विकसित

जबलपुर। उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर शहर में नर्मदा कॉरिडोर आकार लेगा। नगरीय सीमा में जमतरा से लेकर काली घाट, भटौली, जिलहरी, सिद्धघाट, उमाघाट, ग्वारीघाट, खारीघाट, तिलवारा, लम्हेटा होते हुए भेड़ाघाट तक के घाटों को संवारा जाएगा। पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और नर्मदा तटों के संरक्षण के लिए इसे विकसित किया जाएगा। यह 15 किलोमीटर लंबा होगा। वाहन से 15 से 20 मिनट में ये दूरी तय की जा सकेगी। प्रोजेक्ट के तहत अविकसित घाट के साथ विकसित घाटों का भी नए सिरे से उन्नयन होगा। तट पर मुख्य मार्ग से पहुंच मार्ग भी होगा। नर्मदा दर्शन व यात्रा सुविधाजनक बनाने के लिए रिक्रिएशन सेंटर विकसित किए जाएंगे। प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों के अनुसार कॉरिडोर का विकास नर्मदा के तटवर्ती क्षेत्रों को लेकर न्यायालय की दी गई गाइड लाइन के तहत किया जाएगा।

तीन चरणों में होगा विकास
कॉरिडोर का विकास तीन चरणों में होगा। इसके तहत पहले चरण में नदी का संरक्षण किया जाएगा। दूसरे चरण में सड़क का मास्टर प्लान के अनुसार निर्माण किया जाएगा। तीसरे चरण में शेष स्थान पर ईकोलॉजिकल सिस्टम नर्मदा ग्राम विकसित किए जाएंगे। इसके साथ नदियों पर रिसर्च के लिए रिसर्च इंस्टीट्यूट विकसित करने की योजना है। इसके अलावा नर्मदा में मिलने वाले नदी-नालों के पानी के उपचार के लिए एसटीपी प्लांट भी स्थापित किए जाएंगे। जिससे उपचार के बाद इन स्रोतों का पानी नर्मदा में मिले।

हरे-भरे होंगे तट
कॉरिडोर के तहत नर्मदा वाटिका विकसित की जाएंगी। इन वाटिकाओं में ऐसे पौधे लगाए जाएंगे तो पर्यावरण से जल अवशोषित करते हैं और उनकी जड़ से बूंद-बूंद पानी रिसता रहता है। शहर से लगे प्रमुख तटों में नर्मदा जल की गुणवत्ता ए ग्रेड है। प्रोजेक्ट में ये भी प्रावधान किए जाएंगे की किसी भी प्रकार से जल की गुणवत्ता प्रभावित नहीं हो।

महाकाल लोक की तर्ज पर विकास
नर्मदा कॉरिडोर का महाकाल लोक की तर्ज पर विकास किया जाएगा। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों, श्रद्धालुओं को नर्मदा की गाथा अत्याधुनिक माध्यम से दिखाई जा सके। बड़ी संख्या में परिक्रमावासी नर्मदा परिक्रमा करते हैं। उनके लिए आवाजाही सुगम बनाने से लेकर ठहरने का स्थल विकसित किया जाएगा। जिससे की सर्दी, गर्मी, बरसात के मौसम में उन्हें समस्या का सामना न करना पड़े। बुजुर्ग व दिव्यांगजनों के लिए कॉरिडोर में व्यू प्वाइंट भी विकसित किए जाएंगे। इससे वे दूर से ही नर्मदा दर्शन कर सकेंगे। प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी नगरीय प्रशासन को नियुक्त किया है। कॉरिडोर को विकसित करने में नीरी कंजरवेशन पार्टनर होगा। जिससे की वैज्ञानिक तरीके से पूरे कॉरिडोर का विकास हो।

तटों के संरक्षण और ईको सिस्टम को संरक्षित करते हुए वैज्ञानिक तरीके से समग्र विकास के लिए प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है। नर्मदा कॉरिडोर विकसित करने के लिए नगरीय प्रशासन को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। नीरी इस प्रोजेक्ट में कंजरवेशन पार्टनर होगा। जल्द प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सौरभ कुमार सुमन, कलेक्टर

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News