Hindenburg Adani News: अडानी का साम्राज्य हिलाने वाली हिंडनबर्ग ने इस तरह कमा लिए अरबों रुपये! कर रखी थी पूरी तैयारी
हिंडनबर्ग ने ऐसे कमाए अरबों रुपये
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने अडानी समूह को लेकर बड़े खुलासे किए थे। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि अडानी समूह के शेयर ओवरप्राइसड है। अडानी समूह के खातों में गड़बड़ी को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए गए। इस खुलासे के बाद अडानी समूह के शेयरों में बिकवाली हावी हो गई। अडानी समूह के शेयर लगातार नीचे गिरने लगे। अडानी के मार्केट कैप में 10 लाख करोड़ ने अधिक का नुकसान हो गया। लेकिन इस बीच हिंडनबर्ग ने अरबों रुपये की कमाई कर ली। दरअसल हिंडनबर्ग की कमाई का मुख्य जरिया शॉर्ट सेलिंग है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग करके अरबों की कमाई कर ली। बता दें कि शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग या निवेश रणनीति है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे फायदा होता है। आसान शब्दों में कहें तो शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है। इसमें किसी शेयर की कीमत गिरने पर पैसा कमाया जाता है।
इस तरह से कमाई करता है हिंडनबर्ग
अगर किसी निवेशक को पता हो कि किसी कंपनी के शेयरों में आने वाले समय में गिरावट आ सकती है तो वह उस कंपनी के शेयरों को खरीदकर गिरावट आने पर बेच सकता है। इसे शॉर्ट सेलिंग कहते हैं। हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग कंपनी है। वो एक इंवेस्टमेंट कंपनी भी है। कंपनी की प्रोफाइल के मुताबिक, ये रिसर्च फर्म एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है। कंपनी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वो एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर कंपनी है। हिंडनबर्ग भी इसी तरह से कमाई करते हैं। हिंडनबर्ग ने अमेरिका में अडानी कंपनी के बॉन्ड की शॉर्ट पोजिशन ली है और इसके बारे में उन्होंने खुद जानकारी दी है। शॉर्ट सेलिंग को ऐसे समझिए कि अगर एक शॉर्ट सेलर 500 रुपये के स्टॉक को 300 रुपये के स्तर तक गिरने की उम्मीद करता है, तो वह मार्जिन अकाउंट का इस्तेमाल करके ब्रोकर से स्टॉक उधार ले सकता है और सेटलमेंट पीरियड से पहले उसी स्टॉक को वापस खरीद सकता है। शॉर्ट सेलर 500 रुपये के शेयर को 300 रुपये तक गिरने पर वापस खरीदने की उम्मीद के साथ बेच देगा। अगर स्टॉक असल में गिरता है, तो स्टॉक सेलर शेयर वापस खरीदता है और अपनी अपनी पॉजिशन को क्लोज कर देता है। अगर शेयर 100 रुपये में बेचा गया और उसे 85 रुपये पर वापस खरीद लिया गया तो हर शेयर पर 15 रुपये का मुनाफा हुआ।
अडानी से पहले इन कंपनियों के खिलाफ भी निकाली है रिपोर्ट
हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट पोजिशन लेने के बाद ये रिपोर्ट निकाली है। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट आई और यहीं पर हिंडनबर्ग ने अच्छा खासा मुनाफा कमा लिया। लेकिन अडानी पहली कंपनी नहीं है, जिसे लेकर हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट निकाली है। इससे पहले भी वो कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ ऐसी रिपोर्ट जारी कर चुका है। ये कंपनी किसी भी कंपनी को टारगेट करके उसमें गड़बड़ियां निकालती है। इस रिपोर्ट के कारण जब कंपनी के शेयर गिर जाते हैं तो वो उसे खरीदकर ये प्रॉफिट कमाती है। हिंडनबर्ग ने साल 2020 में करीब 16 रिपोर्ट जारी किए थे। इन रिपोर्ट के कारण कंपनियों के शेयरों में औसत तौर पर 15 फीसदी की गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने Nikola, SCWORX , Genius Brand, Ideanomic , उसने विंस फाइनेंस, जीनियस ब्रांड्स, SC Wrox, एचएफ फूड, ब्लूम एनर्जी, Aphria, ट्विटर इंक जैसी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट निकाले हैं। इसके बाद इन कंपनियों के शेयरों को शॉर्ट सेलिंग करके कमाई की है।