लोकसभा चुनाव में बिहार की 39 सीटों क़रारी हार मिलने के बाद महागठबधंन में शुरू हुई सियासी उठा-पटक थमने का नाम नहीं ले रही। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने राजद नेता तेजस्वी यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह (तेजस्वी यादव) राजद के नेता हो सकते हैं, लेकिन महागठबंधन के नहीं।
दरअसल, आम चुनाव में एनडीए से क़रारी शिकस्त के बाद बिहार में 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का नेता कौन होगा, इसके क़यास लगने लगे हैं। वहीं, जीतन राम मांझी तेजस्वी यादव को महागठबंधन के नेता के तौर पर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने अपनी पार्टी की स्थिति महागठबंधन पर स्पष्ट करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव राजद के नेता तो हो सकते हैं मगर वह महागठबंधन के नेता नहीं हो सकते।
इस दौरान मांझी ने कहा ‘’बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन का नेता व मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम का फ़ैसला अभी नहीं हुआ है। महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेता इस निर्णय लेंगे’’। वहीं, इस दौरान जब एक पत्रकार ने उनसे 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव राजद नेता तेजस्वी यादव की अगुआई में लड़े जाने पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा ‘’तेजस्वी राजद के नेता हो सकते हैं। सभी दल के अपने नेता होते हैं परंतु वे महागठबंधन के नेता नहीं हो सकते’’।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में हुई क़रारी हार पर समीक्षा करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस के प्रदेश नेताओं को छोड़कर महागठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेता आए थे और जिसमें सर्वसम्मति ये फ़ैसला लिया गया कि तेजस्वी नेता बने रहेंगे।