Gyanvapi Masjid Case: शिवलिंग में नहीं होता छेद…मुस्लिम पक्ष के दावे पर जब सर्वे टीम ने सींक डालकर देखा h3>
विकास पाठक, वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने के दावे पर सवाल (Is there Shivling in Gyanvapi Mosque?) उठने लगा है। देश-दुनिया में जहां कहीं भी शिवलिंग स्थापित है, उसमें छेद नहीं होता है। वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग के बीच में छेद है, जो ऊपर से लेकर नीचे तक है। इस बात की तस्दीक मौके पर गए सर्वे टीम ने भी की है। कोर्ट कमिश्नर ने कथित शिवलिंग के ऊपर बने करीब एक इंच के छेद में सींक डलवाकर देखा तो यह 35 इंच तक चली गई थी।
मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने सवाल किया है कि क्या शिवलिंग में छेद होता है? इस पर हिंदू पक्ष ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि ड्रिल कर शिवलिंग को खंडित किया गया होगा। दावों के बीच ज्ञानवापी में स्थापित पुराने विशाल नंदी से शिवलिंग की दूरी को लेकर भी पुरातत्वविदों की राय ने भी सवाल खड़ा किया है।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के अंतिम दिन सोमवार को मस्जिद के वजूखाने (What is found in Gyanvapi Masjid?) में शिवलिंग मिलने के दावे से पूरे देश में हलचल मची है। हिंदू पक्ष के दावे के आधार पर अदालत ने वजूखाने को सील कराने के साथ वहां किसी के भी जाने पर रोक लगा दी। सर्वे कमिशन की रिपोर्ट तो अभी कोर्ट में पेश नहीं हुई है, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे को पूरी तरह नकार दिया है।
फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता: विष्णु जैन
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मुस्लिम पक्ष के दावे को गुमराह करने (What is the history of Gyanvapi Mosque?) वाला बताया है। कहा कि फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता है। उन्होंने कहा कि यदि फव्वारा होता तो नीचे पूरा सिस्टम मिलता, जबकि ऐसा नहीं है। उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो ज्यादा अंदर तक नहीं गई। उन्होंने कहा कि शिवलिंग खंडित हुआ या नहीं, यह तो अभी पुख्ता तौर पर नहीं बता सकता, लेकिन मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो एक शिवलिंग है।
आज भी होनी है वाराणसी कोर्ट में सुनवाई
वाराणसी कोर्ट में आज दो मुद्दों पर सुनवाई होनी है। इनमें पहला है, सील की हुई जगह पर नमाज़ियों के लिए पाने के पाइप दूसरी जगह लगाए जाएं, ताकि वजू हो सके। इसके अलावा तालाब में मछलियों को जिंदा रखने और नमाजियों के लिए शौचालय का इंतजाम पर बुधवार को कोर्ट सुनवाई करेगी। महिला वादियों की ओर से कहा गया कि वर्तमान में काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित बड़ी नंदी के ठीक सामने बनी दीवार को तोड़ कर आने-जाने का रास्ता और जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह पूजा की इजाजत मिले।
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मुस्लिम पक्ष के वकील रईस अहमद अंसारी ने सवाल किया है कि क्या शिवलिंग में छेद होता है? इस पर हिंदू पक्ष ने यह कहते हुए पलटवार किया है कि ड्रिल कर शिवलिंग को खंडित किया गया होगा। दावों के बीच ज्ञानवापी में स्थापित पुराने विशाल नंदी से शिवलिंग की दूरी को लेकर भी पुरातत्वविदों की राय ने भी सवाल खड़ा किया है।
ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के अंतिम दिन सोमवार को मस्जिद के वजूखाने (What is found in Gyanvapi Masjid?) में शिवलिंग मिलने के दावे से पूरे देश में हलचल मची है। हिंदू पक्ष के दावे के आधार पर अदालत ने वजूखाने को सील कराने के साथ वहां किसी के भी जाने पर रोक लगा दी। सर्वे कमिशन की रिपोर्ट तो अभी कोर्ट में पेश नहीं हुई है, लेकिन मुस्लिम पक्ष ने शिवलिंग मिलने के दावे को पूरी तरह नकार दिया है।
फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता: विष्णु जैन
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने मुस्लिम पक्ष के दावे को गुमराह करने (What is the history of Gyanvapi Mosque?) वाला बताया है। कहा कि फव्वारे और शिवलिंग के बीच का अंतर हमें पता है। उन्होंने कहा कि यदि फव्वारा होता तो नीचे पूरा सिस्टम मिलता, जबकि ऐसा नहीं है। उसमें कुछ डंडियां डाली गई थीं पर वो ज्यादा अंदर तक नहीं गई। उन्होंने कहा कि शिवलिंग खंडित हुआ या नहीं, यह तो अभी पुख्ता तौर पर नहीं बता सकता, लेकिन मेरी और हिंदू पक्ष की नजर में वो एक शिवलिंग है।
आज भी होनी है वाराणसी कोर्ट में सुनवाई
वाराणसी कोर्ट में आज दो मुद्दों पर सुनवाई होनी है। इनमें पहला है, सील की हुई जगह पर नमाज़ियों के लिए पाने के पाइप दूसरी जगह लगाए जाएं, ताकि वजू हो सके। इसके अलावा तालाब में मछलियों को जिंदा रखने और नमाजियों के लिए शौचालय का इंतजाम पर बुधवार को कोर्ट सुनवाई करेगी। महिला वादियों की ओर से कहा गया कि वर्तमान में काशी विश्वनाथ मंदिर में स्थापित बड़ी नंदी के ठीक सामने बनी दीवार को तोड़ कर आने-जाने का रास्ता और जहां शिवलिंग मिला है, उस जगह पूजा की इजाजत मिले।