Gurugram News: शराब पीने वालों का इस वजह से बीमा कंपनी कराएगी इलाज, जानिए क्या है पूरा माजरा

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Gurugram News: शराब पीने वालों का इस वजह से बीमा कंपनी कराएगी इलाज, जानिए क्या है पूरा माजरा

Gurugram News: शराब पीने वालों का इस वजह से बीमा कंपनी कराएगी इलाज, जानिए क्या है पूरा माजरा

गुरुग्राम: कम शराब का सेवन करने वाले शख्स के चिकित्सा बीमा दावों को खारिज नहीं किया जा सकता है। जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम ने हाल ही में पारित एक आदेश में यह बात कही है। फोरम ने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (New India Assurance Company Limited) को हर्जाना भरने के लिए निर्देशित किया है। बीमा कंपनी को यह हर्जाना 51 साल के शिकायतकर्ता ज्ञानी राम सैनी को देना होगा है। यह राशि शिकायतकर्ता ने अपने इलाज पर खर्च की थी। अदालत की ओर से बीमा कंपनी (Insurance Company Claim) को कहा गया है कि यह राशि पीड़ित को 9% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ देनी होगी।

इस बात पर थी लड़ाई

फोरम ने कहा कि परिवादी 50,000 की रकम के साथ-साथ मुकदमेबाजी के रूप में खर्च किए गए 22,000 रुपए के मुआवजे का भी हकदार है। बीमा कंपनी इस बात पर अड़ी थी कि ज्ञानी राम सैनी ने पॉलिसी लेते वक्त पुरानी बीमारी का खुलासा नहीं किया था। बीमा कंपनी का कहना था कि राम सैनी पहले से लिवर की पुरानी बीमारी से पीड़ित थे, जो कि शराब के चलते हुई थी।

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पीड़ित को करना पड़ा था जेब से भुगतान

सैनी ने अपनी शिकायत में कहा कि हमारे परिवार के पास 9 फरवरी 2018 से 8फरवरी 2019 तक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी थी। मई 2018 में, पेट में दर्द महसूस होने पर सैनी नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज में भर्ती कराया गया। जांच के बाद, डॉक्टर ने लीवर में संक्रमण पाया। इसके बाद सैनी शिकायतकर्ता 8 से 14 मई तक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती रहे। इस दौरान पूरे इलाज में सैनी के 1,28,677 खर्च हुए। वहीं सैनी ने जब इसके लिए बीमा कंपनी में दावा किया तो इसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद परिवार वालों को अपनी जेब से ही इलाज के पैसे भरने पड़े थे।

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बीमा कंपनी का दावा कोर्ट ने किया खारिज

न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने कहा, ‘नीति के नियमों और शर्तों के मुताबिक शराब से संबंधित बीमारी पर बीमा राशि देय नहीं है। इसलिए दावा नीति के नियमों और शर्तों के दायरे में नहीं आता। हमें दावा स्वीकार करने में असमर्थता पर खेद है।’ इस पर अदालत ने बीमाकर्ता के तर्क को स्वीकार नहीं किया और शिकायतकर्ता का पक्ष लिया। कोर्ट ने कहा कि यह साबित नहीं किया जा सकता है कि शिकायतकर्ता को लीवर में संक्रमण या फोड़ा हो गया था। इसके लिए शराब के सेवन को उचित ठहराया जाए। अदालत की ओर से कहा गया कि जाहिर तौर पर यह सामान्य ज्ञान की बात है कि लिवर संक्रमण की बीमारी के चलते पेट में दर्द होता है। यह कैसे मान लिया जाए कि शराब की वजह से मरीज के लिवर में दिक्कत आई है।

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