GST portal: एक बिक्री पर दो बार टैक्स, पेनाल्टी का मीटर भी शुरू | Twice tax on one sale, penalty meter also started | Patrika News h3>
जीएसटी पोर्टल ( GST portal ) की खामी की वजह से कंपोजिशन डीलर्स ( Composition dealers ) खासे परेशान व असमंजस में हैं। साथ ही एक ही बिक्री पर दो बार टैक्स ( paying tax ) देना व्यापारियों का जी का जंजाल बन गया है।
जीएसटी पोर्टल की खामी की वजह से कंपोजिशन डीलर्स खासे परेशान व असमंजस में हैं। साथ ही एक ही बिक्री पर दो बार टैक्स देना व्यापारियों का जी का जंजाल बन गया है। दरअसल, जीएसटी पोर्टल पर व्यापारियों द्वारा जमा टैक्स को वर्ष 2019- 20 व 2020- 21 की वार्षिक विवरणी जीएसटीआर—4 के कॉलम 6 में दर्शाई गई बिक्री पर जीएसटी की गणना कर व्यवहारी के कैश लेजर से एडजस्ट कर लिया गया है। अब लेजर में निगेटिव बैलेंस प्रदर्शित हो रहा है, जबकि व्यवहारी पूर्व में ही त्रिमासिक विवरणी में उक्त टैक्स जमा करा चुके हैं। इस तरह अब व्यवहारी से एक ही बिक्री पर दो बार टैक्स वसूला जा रहा है। वर्ष 21-22 की वार्षिक विवरणी इस लिए नहीं भरी जा रही, क्योंकि कॉलम 6 में दर्शाई गई बिक्री पर टैक्स का समायोजन कैश लेजर में निगेटिव बैलेंस होने के कारण नहीं हो रहा है। जीएसटी हेल्प लाइन स्वयं इसमें हेल्पलेस है और जीएसटी पोर्टल पर एडवाइजरी जारी कर व्यापारियों को सलाह दी जा रही है कि अभी तो टैक्स जमा कराना अनिवार्य है। यदि अधिक जमा है तो उसका रिफंड लिया जा सकता है। इस तरह से व्यापारियों को टैक्स की दोहरी मार तो पड़ ही रही है और निगेटिव बैलेंस होने के कारण रिटर्न भी नहीं जा पा रही, जिसकी वजह से पूर्ववर्ती वर्षों के लिए 10,000/तथा 21-22 के लिए 30 अप्रेल के बाद 50 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी का मीटर चालू हो गया।
पोर्टल की खामी बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे अधिकारी
इन समस्याओं के निवारण हेतु विभाग अपनी असमर्थता व्यक्त करते हुए पोर्टल की खामी बता कर अपना पल्ला झाड़ रहें हैं। सरकार कोई समाधान निकाल नही पा रही। ऐसे में व्यापारी को धन और व्यापार दोनो का नुकसान हो ही रहा है साथ ही मानसिक रूप से भी परेशान हैं। व्यापारियों के साथ—साथ टैक्स प्रोफेशनल्स की स्थिति भी इस कारण से परेशान हैं, क्योंकि क्लाइंट उनसे डबल टैक्स का जवाब चाहता है, जबकि उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है। यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ टैक्स पेयर्स एंड प्रोफेशनल्स के राजस्थान प्रांत के अध्यक्ष विनोद पाटनी, जयपुर ने विशेष बातचीत में दी। एसोसिएशन के विनोद पाटनी ने बताया की एसोसिएशन द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए वित मंत्री, प्रधानमंत्री तथा विभाग के अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया जाएगा और इस हेतु एमनेस्टी स्कीम लाने हेतु पत्र भेज कर मांग की जाएगी।
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