GST के 5% वाले स्लैब को बढ़ाकर 8% करेगी सरकार? सामने आया ये बयान h3>
GST latest news: जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक में 5 पर्सेंट वाले टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 8 पर्सेंट करने की खबर पर सरकार ने खंडन किया है। सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है, यह अटकलें हैं और इसमें कोई सच्चाई नहीं है। दरअसल, अगले महीने जीएसटी काउंसिल (GST Council) की बैठक होने वाली है। इसमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि सरकार अगली जीएसटी परिषद की बैठक में 5% वाले टैक्स स्लैब को बढ़ाकर 8% कर सकती है।
क्या है मामला
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जीएसटी काउंसिल 5 पर्सेंट के टैक्स स्लैब को खत्म कर सकती है और अधिक खपत वाले प्रोडक्ट्स को 3 प्रतिशत और बाकी को 8 प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है। इससे सरकार को रेवेन्यू जेनरेट करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों को मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं पड़ेगा।
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वर्तमान में GST की चार स्तरीय संरचना है
बता दें कि वर्तमान में GST एक चार स्तरीय संरचना है, जिस पर क्रमशः 5%, 12%, 18% और 28% की दर से टैक्स लगता है। आवश्यक वस्तुओं को या तो सबसे कम स्लैब में छूट या टैक्स लगाया जाता है, जबकि विलासिता और अवगुण वस्तुओं पर हाई टैक्स स्लैब लागू होता है। लग्जरी और सिन गुड्स पर सबसे अधिक 28 फीसदी स्लैब के ऊपर सेस लगता है। इसपर टैक्स कलेक्शन उपयोग जीएसटी रोलआउट होने के बाद राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। इसके अलावा, सोने और सोने के आभूषणों पर 3% टैक्स लगता है। वहीं, अभी बिना ब्रांड वाले और बिना पैकेज वाले खाद्य पदार्थ और डेयरी वस्तुएं जीएसटी के दायरे से बाहर हैं।
GoM का किया गया था गठन
गौरतलब है कि पिछले साल जीएसटी काउंसिल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में रेट युक्तिकरण (Rate rationalisation) पर मंत्रियों के एक समूह (GoM) का गठन किया था। इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद शामिल हैं। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि जीओएम ने अभी भी रेट रेशियो पर अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं की है और अभी तक जीएसटी परिषद को प्रस्तुत किया जाना है।
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अगली बैठक की डेट अभी तय नहीं
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जो कि जीएसटी परिषद की अध्यक्ष भी हैं वे वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक द्वारा आयोजित स्प्रिंग मीटिंग G20 में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं। बता दें कि इससे पहले अंतिम जीएसटी परिषद की 46 वीं बैठक 31 दिसंबर 2021 को आयोजित की गई थी।
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क्या है मामला
इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जीएसटी काउंसिल 5 पर्सेंट के टैक्स स्लैब को खत्म कर सकती है और अधिक खपत वाले प्रोडक्ट्स को 3 प्रतिशत और बाकी को 8 प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है। इससे सरकार को रेवेन्यू जेनरेट करने में मदद मिलेगी और अन्य राज्यों को मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं पड़ेगा।
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GoM का किया गया था गठन
गौरतलब है कि पिछले साल जीएसटी काउंसिल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में रेट युक्तिकरण (Rate rationalisation) पर मंत्रियों के एक समूह (GoM) का गठन किया था। इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद शामिल हैं। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि जीओएम ने अभी भी रेट रेशियो पर अपनी रिपोर्ट तैयार नहीं की है और अभी तक जीएसटी परिषद को प्रस्तुत किया जाना है।
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अगली बैठक की डेट अभी तय नहीं
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