Gorakhpur News: गोरखपुर में नहीं गली पति-पत्नी की दाल, पहले बाप को हराया, अब बेटा भी चुनाव मैदान में हुआ चित

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Gorakhpur News: गोरखपुर में नहीं गली पति-पत्नी की दाल, पहले बाप को हराया, अब बेटा भी चुनाव मैदान में हुआ चित

Gorakhpur News: गोरखपुर में नहीं गली पति-पत्नी की दाल, पहले बाप को हराया, अब बेटा भी चुनाव मैदान में हुआ चित

अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में विधानसभा चुनाव में कई दिलचस्प बातें देखने को मिली हैं। यहां गोरखपुर ग्रामीण सीट पर एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पति-पत्नी को जनता ने हरा दिया। वहीं, चिल्लूपार से जीत दर्ज करने वाले भाजपा प्रत्याशी ने बाहुबली हंरिशंकर तिवारी को हराने के बाद इस चुनाव में बेटे विनय शंकर तिवारी को भी पटखनी दे दी। चिल्लूपार सीट से विनय शंकर तिवारी साल 2017 में बसपा से लड़ते हुए विधायक बने थे। इस बार विनय शंकर पाला बदलकर सपा के टिकट से चुनाव मैदान में थे, लेकिन पिता हरिशंकर तिवारी के बनाए इस क्षेत्र को बचा पाने में विनय असफल हुए। वहीं, भाजपा से जीत दर्ज कर राजेश त्रिपाठी चिल्लूपार से तीसरी बार विधायक चुने गए।

दो बार चुनाव हारकर बाहुबली ने छोड़ दी राजनीति
साल 2007 और 2012 में राजेश त्रिपाठी ने बसपा से लड़ते हुए बाहुबली हरिशंकर तिवारी को चुनाव हराया। इसके बाद बाहुबली पंडित हरिशंकर तिवारी ने राजनीति छोड़ दी। चिल्लूपार सीट से साल 2017 में हरिशंकर तिवारी ने अपने बेटे विनय शंकर तिवारी को बसपा के टिकट से चुनाव लड़वाया। वहीं, बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए राजेश त्रिपाठी इस बार विनय शंकर तिवारी से चुनाव हार गए। वहीं, 2022 के विधान सभा चुनाव में भाजपा से लड़ते हुए राजेश त्रिपाठी ने हरिशंकर के बेटे विनय शंकर को हरा दिया।

पहली बार खिला कमल
चिल्लूपार सीट पर जब से विधानसभा चुनाव हो रहा है, कभी कमल नहीं खिला है। इस सीट पर लगातार तीन चुनाव से बसपा का कब्जा था। इससे पहले निर्दल और कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में पहली बार यहां पर भाजपा जीती है। साल 2017 चुनाव में मोदी लहर में भी भाजपा यहां पर कमल नहीं खिला पाई थी। गोरखपुर की 9 सीटों में से 8 पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा चिल्लूपार से चुनाव हार गई थी। इस बार चिल्लूपार सीट जीतकर भाजपा ने पहली बार गोरखपुर की 9 सीटों पर कब्जा जमा पाई है।

ग्रामीण सीट से बसपा से लड़ रहे थे पति तो निर्दल उनकी पत्नी
वहीं गोरखपुर ग्रामीण से बसपा के टिकट से दारा सिंह निषाद चुनाव लड़ रहे थे तो उनकी पत्नी बिंदू भी निर्दल कैंडिडेट के रूप में उसी सीट से चुनाव मैदान में थीं, लेकिन जनता ने बसपा उम्मीदवार व उनकी पत्नी दोनों को चुनाव हरा दिया। बसपा उम्मीदवार दारा सिंह निषाद को 15982 वोट मिले, जबकि उनकी पत्नी को महज 268 वोट मिले। पत्नी को नोटा से भी कम वोट मिले। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी विपिन सिंह दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।



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