Gopalganj by election 2022 Ground report: साधु यादव बन सकते हैं तेजस्वी के लिए सियासी ‘कंस’ मामा h3>
गोपालगंज : बिहार में विधानसभा उपचुनाव को लेकर कल से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फिर, भी अभी तक किसी पार्टी ने गोपालगंज उपचुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। इधर, सियासी चर्चाओं का बाजार गरम है कि लालू के साले साधु यादव महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकते हैं। कहा ये भी जा रहा है कि यदि साधु एक्टिव हो गए, तो वे तेजस्वी यादव के लिए सियासी ‘कंस मामा’ साबित होंगे। वहीं बीजेपी में सुगबुगाहट है कि पार्टी यहां पूर्व मंत्री सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी पर दाव आजमा सकती है। बीजेपी को सहानुभूति वोट पर भरोसा है, इसलिए कुसुम देवी इस मायने में मुफीद लग रही हैं।
उम्मीदवारों को लेकर फंसा पेंच
बीजेपी इस सीट पर पांचवी बार जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरेगी। वहीं, महागठबंधन में अभी उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है। राजद, जदयू, कांग्रेस, हम और भाकपा मामले में से किस पार्टी से उम्मीदवार चुना जाए, इसे लेकर मंथन जारी है। हालांकि, राजद के सूत्र बताते हैं कि पूर्व विधायक रियाजुल हक राजू, अरुण कुमार सिंह और पूर्व एमएलसी प्रत्याशी रहे दिलीप सिंह को भी टिकट मिल सकता है। महागठबंधन की ओर से कई और चेहरे उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं, जिनमें सुनीता यादव, वैश्य नेता, मोहन प्रसाद, अरविंद कुमार पप्पू शामिल हैं।
पटना में डेरा डाले बैठे हैं भावी प्रत्याशी
एनबीटी को मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी नेता दो दिनों से पटना में डेरा डाले हुए हैं। टिकट के लिए इनकी ओर से राजद आलाकमान से संपर्क साधने का प्रयास चल रहा है। वहीं, जेडीयू की ओर से पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष मंजीत सिंह, जदयू जिला अध्यक्ष, आदित्य शंकर शाही, पूर्व जिप सदस्य, प्रमोद कुमार पटेल और सरिता दावेदारों में शामिल हैं। कांग्रेस से पूर्व सीएम अब्दुल गफूर के पोते आसिफ गफूर दावेदारी कर रहे हैं। आसिफ गफूर पिछली बार गोपालगंज विधानसभा सीट से महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। उन्हें 36 हजार 460 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय
गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है । जिसमें एक तरफ बीजेपी, दूसरी तरफ महागठबंधन और बीच में लालू यादव के साले साधु यादव होंगे। विधानसभा क्षेत्र की राजनीति को समझने वाले कहते हैं कि यदि साधु एक्टिव हो गए, तो महागठबंधन का खेल बिगड़ सकता है। उस स्थिति में बाजी बीजेपी मार ले जाएगी। साधु यादव पिछली बार बसपा के उम्मीदवार थे। उन्हें 41 हजार 39 वोट मिला था। उसके बाद दावा किया गया था कि ये वोट महागठबंधन का है। कारण ये कि दोनों प्रत्याशियों का वोट बीजेपी विधायक सुभाष सिंह को मिले 77 हजार 791 वोट के आसपास था।
साधु यादव बिगाड़ सकते हैं खेल
साधु यादव पिछली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार थे और उन्हें 41 हजार 39 वोट मिला था। तब यह दावा किया गया था कि यह वोट महागठबंधन का वोट था। क्योंकि दोनो प्रत्याशियों का वोट भाजपा विधायक सुभाष सिंह को मिले 77 हजार 791 वोट के आसपास था। साधु यादव की वजह महागठबंधन को बड़ी हार से सामना करना पड़ा था। इस बार ऐसी चर्चा है कि साधु यादव अपनी पत्नी को गोपालगंज उपचुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय वोटर
ग्राउंट रिपोर्ट के जरिए NBT ने वोटरों की राय जाननी चाही। युवा वोटर परवेज आलम ने कहा कि वे सभी दलों के प्रत्याशी के नाम का इंतजार कर रहे हैं। वे उम्मीदवारों के सामाजिक कार्य और उनकी छवि को लेकर निर्णय लेंगे कि किसे समर्थन करना है। वहीं, जंगलिया मोहल्ले के 30 वर्षीय सरफराज आलम का कहना है कि इस बार गोपालगंज विधानसभा सीट से वही पुराने कैंडिडेट चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार रोजगार, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और युवाओं के हक की बात करने वाले नेता को वोट दिया जाएगा।
स्थानीय बीजेपी नेताओं को जीत की उम्मीद
दूसरी ओर जिले के वरिष्ठ बीजेपी नेता उमेश प्रधान ने कहा कि पार्टी कुसुम देवी को टिकट देगी। उनके पति ने जिले में बहुत विकास का काम किया है। उनके साथ लोगों की सहानुभूति है। बीजेपी को यहां पर रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज होगी। हालांकि, गोपालगंज के चिकित्सक डॉक्टर जयेश राय का कहना है कि गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में बदलाव जरूरी है। नए और युवाओं को मौका मिलना चाहिए। जिसमे एनर्जी हो। गृहिणी पम्मी कुमारी ने कहा की महिलाओं को सुरक्षा, बढ़ती महंगाई से जो निजात दिलाने की बात करेगा उसे वोट दिया जाएगा।
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उम्मीदवारों को लेकर फंसा पेंच
बीजेपी इस सीट पर पांचवी बार जीत दर्ज करने के लिए मैदान में उतरेगी। वहीं, महागठबंधन में अभी उम्मीदवार को लेकर पेंच फंसा हुआ है। राजद, जदयू, कांग्रेस, हम और भाकपा मामले में से किस पार्टी से उम्मीदवार चुना जाए, इसे लेकर मंथन जारी है। हालांकि, राजद के सूत्र बताते हैं कि पूर्व विधायक रियाजुल हक राजू, अरुण कुमार सिंह और पूर्व एमएलसी प्रत्याशी रहे दिलीप सिंह को भी टिकट मिल सकता है। महागठबंधन की ओर से कई और चेहरे उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं, जिनमें सुनीता यादव, वैश्य नेता, मोहन प्रसाद, अरविंद कुमार पप्पू शामिल हैं।
पटना में डेरा डाले बैठे हैं भावी प्रत्याशी
एनबीटी को मिली जानकारी के मुताबिक ये सभी नेता दो दिनों से पटना में डेरा डाले हुए हैं। टिकट के लिए इनकी ओर से राजद आलाकमान से संपर्क साधने का प्रयास चल रहा है। वहीं, जेडीयू की ओर से पूर्व विधायक और प्रदेश उपाध्यक्ष मंजीत सिंह, जदयू जिला अध्यक्ष, आदित्य शंकर शाही, पूर्व जिप सदस्य, प्रमोद कुमार पटेल और सरिता दावेदारों में शामिल हैं। कांग्रेस से पूर्व सीएम अब्दुल गफूर के पोते आसिफ गफूर दावेदारी कर रहे हैं। आसिफ गफूर पिछली बार गोपालगंज विधानसभा सीट से महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के प्रत्याशी थे। उन्हें 36 हजार 460 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय
गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है । जिसमें एक तरफ बीजेपी, दूसरी तरफ महागठबंधन और बीच में लालू यादव के साले साधु यादव होंगे। विधानसभा क्षेत्र की राजनीति को समझने वाले कहते हैं कि यदि साधु एक्टिव हो गए, तो महागठबंधन का खेल बिगड़ सकता है। उस स्थिति में बाजी बीजेपी मार ले जाएगी। साधु यादव पिछली बार बसपा के उम्मीदवार थे। उन्हें 41 हजार 39 वोट मिला था। उसके बाद दावा किया गया था कि ये वोट महागठबंधन का है। कारण ये कि दोनों प्रत्याशियों का वोट बीजेपी विधायक सुभाष सिंह को मिले 77 हजार 791 वोट के आसपास था।
साधु यादव बिगाड़ सकते हैं खेल
साधु यादव पिछली बार विधानसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार थे और उन्हें 41 हजार 39 वोट मिला था। तब यह दावा किया गया था कि यह वोट महागठबंधन का वोट था। क्योंकि दोनो प्रत्याशियों का वोट भाजपा विधायक सुभाष सिंह को मिले 77 हजार 791 वोट के आसपास था। साधु यादव की वजह महागठबंधन को बड़ी हार से सामना करना पड़ा था। इस बार ऐसी चर्चा है कि साधु यादव अपनी पत्नी को गोपालगंज उपचुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय वोटर
ग्राउंट रिपोर्ट के जरिए NBT ने वोटरों की राय जाननी चाही। युवा वोटर परवेज आलम ने कहा कि वे सभी दलों के प्रत्याशी के नाम का इंतजार कर रहे हैं। वे उम्मीदवारों के सामाजिक कार्य और उनकी छवि को लेकर निर्णय लेंगे कि किसे समर्थन करना है। वहीं, जंगलिया मोहल्ले के 30 वर्षीय सरफराज आलम का कहना है कि इस बार गोपालगंज विधानसभा सीट से वही पुराने कैंडिडेट चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार रोजगार, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और युवाओं के हक की बात करने वाले नेता को वोट दिया जाएगा।
स्थानीय बीजेपी नेताओं को जीत की उम्मीद
दूसरी ओर जिले के वरिष्ठ बीजेपी नेता उमेश प्रधान ने कहा कि पार्टी कुसुम देवी को टिकट देगी। उनके पति ने जिले में बहुत विकास का काम किया है। उनके साथ लोगों की सहानुभूति है। बीजेपी को यहां पर रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज होगी। हालांकि, गोपालगंज के चिकित्सक डॉक्टर जयेश राय का कहना है कि गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में बदलाव जरूरी है। नए और युवाओं को मौका मिलना चाहिए। जिसमे एनर्जी हो। गृहिणी पम्मी कुमारी ने कहा की महिलाओं को सुरक्षा, बढ़ती महंगाई से जो निजात दिलाने की बात करेगा उसे वोट दिया जाएगा।