योगी ने किसानो के लिए खोला खजाना ।

833

उत्तर प्रदेश सरकार के बजट में किसान केंद्र बिंदु रहा है। बजट को संतुलित रूप से प्रस्तुत करने के साथ ही सभी की सहभागिता का प्रयास किया गया है । बजट में कृषि क्षेत्र और किसानो के लिए खजाना खोल दिया गया है। कृषि एवं संबध कार्यों हेतु 67682.61 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष के बजट से 87910.76 करोड़ रूपये अधिक है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बजट में 18222 करोड़ रूपये की अर्थव्यवस्था की गई है जो गत वर्ष से सात प्रतिशत अधिक है।

आलू उत्पादक किसानो को परिवहन भाड़ा अनुदान
प्रदेश सरकार आलू उत्पादक किसानो की समस्याओं के प्रति गंभीर है। राज्य सरकार ने आलू उत्पादक किसानो को राहत देने के उद्देश्य से कई निर्णय लिए है, जिससे उन्हें अपनी फसल का पूरा-पूरा लाभ मिल सके। इन निर्णयों के अनुसार राज्य सीमा के अंतगर्त 300 किमी. से अधिक की दूरी के आलू परिवहन होने पर प्रस्तावित रूप से व्यय किये नए परिवहन भाड़े पर परिवहन भाड़ा अनुदान प्रदान किया जाएगा।

प्रदेश से अन्य राज्य में आलू भेजने पर भी परिवहन भाड़ा अनुदान प्रदान किया जायेगा। यह अनुदान पचास रूपये प्रति क्विंटल की दर से अथवा वास्तविक रूप से व्यय किये गए परिवहन भाड़े का पच्चीस प्रतिशत जो भी कम हो, की दर से दिया जायेगा। आलू पर मंडी शुल्क व विकास टैक्स पर भी छूट मिलेगी, जो कि विपणन मूल्य का 2.5 प्रतिशत होगा। यह सहायता आलू की आगामी फसल बाजार में आने तक अर्थात 31 दिसंबर 2017 तक जायज होगी।

ई-नाम से होगा बड़ा बदलाव
राष्ट्रीय कृषि बाजार कार्यक्रम के जरिये देशभर की 585 मंडियों को एक दूसरे से इंटरनेट के माध्यम से जोड़ने के अनूठे प्रयोग के तहत केंद्र सरकार द्वारा ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म ई-नाम से प्रारम्भ किया गया है। सरकार की इस पहल से किसानो को बिचौलियों द्वारा कालाबाजारी करने वालो से छुटकारा मिलेगा साथ ही काम में पारदर्शिता आएगी ।

इस वर्ष 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत की थी और आठ राज्यों की 23 मंडियों को पायलट परियोजना में शामिल किया था। इस योजना के तहत ढांचागत संरचना तथा प्रयोगशालाओं के निर्माण के लिए प्रति मंडी में 30 लाख रूपये की सहायता की जाती है। इसके अलावा ई-नाम सॉफ्टवेयर तथा एक वर्ष की सूचना प्रद्योगिकी विशेषज्ञ भी उपलब्ध कराया जाता है। ई-नाम के माध्यम से अब तक करोड़ो रुपयों का कारोबार हो चुका है।

कृषि प्रदर्शनी व मेले
प्रदेश सरकार ने मानववाद के नेता प. दीनदयाल उपध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष पर उनकी स्मृति में कृषि प्रदर्शनी एवं मेले का आयोजन करने का निर्णय लिया है। यह आयोजन विकास खंड स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। प्रदेश के पारम्परिक मेले व महोत्स्व के साथ विराट किसान मेले का आयोजन भी होगा। जिससे कृषि क्षेत्र में तकनीकी स्तर पर हुए बदलाव की जानकारी लोगो को आसानी से मिल सकेगी साथ ही उन्नत बीज और उर्वरक की प्राप्ति भी होगी।

बाढ़ राहत के लिए नहीं होगी धन की कमी

किसानो को प्राकृतिक आपदाओं से अक्सर रूबरू होना पड़ता है। कभी सूखा तो कभी बाढ़ उत्तरप्रदेश सरकार बाढ़ की स्थिति में प्रत्येक व्यक्ति को जीवन एवं खेती-बाड़ी की हिफाजत के लिए हर सम्भव कदम उठाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि इस मामले में धन की कमी बिल्कुल नहीं होगी। बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को लोगो की जान-माल की हिफाजत के लिए स्थानीय आवश्यकता के दृष्टिगत पहल करने को कहा गया है। आपको बता दे प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 23 अतिसवेंदनशील व 17 सवेंदनशील जनपद है।

तकनीक से उन्नत कृषि पर जोर
प्रदेश में किसानो को उन्नत कृषि करने पर जोर दिया जा रहा है। जिससे जल संरक्षण एवं पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ाया जा सके। किसानो को उन्नत कृषि से परिचित कराने के कई प्रयास किये जा रहे है। किसानो को जानकारी मिल सके इसके लिए क्षेत्रीय खाद अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र को कार्यशील किया गया है। खाद प्रसंस्करण उद्योग से अधिक से अधिक किसानो को जोड़ने का प्रयास है। ताकि उन्हें उनकी उचित उपज का उचित मूल्य मिल सके।  किसानो को उचित मूल्य दिलाने के लिए पैकेजिंग, मार्केटिंग तथा परिवहन सुविधाएं प्रमुखता के आधार पर विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है।