Ghaziabad News: टेंट गोदाम में लगी भीषण आग, कारोबारी की मां और बहन की जलकर हुई दर्दनाक मौत h3>
गायिजाबाद/ लोनी: बॉर्डर थाना एरिया की लालबाग कॉलोनी में टेंट के गोदाम में आग लगने से कारोबारी की मां और बहन की मौत हो गई। गोदाम मकान के ग्राउंड फ्लोर में चल रहा था, जबकि परिवारवाले फर्स्ट और सेकंड फ्लोर पर रह रहे थे। मौके पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने पड़ोसियों की मदद से परिवार के 9 लोगों को रेस्क्यू किया। करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद 4 फायर टेंडर ने आग पर काबू पाया। आग बुझाने में दमकल का एक कर्मचारी भी घायल हुआ। फायर बिग्रेड के अधिकारी गौरव कुमार ने बताया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत हो रहा है। रेजिडेंशल इलाके में गोदाम होना गलत है। मकान में कोई भी नैचुरल वेंटिलेशन नहीं था। अगर वेंटिलेशन होता तो दोनों महिलाओं को बचाया जा सकता था।
मां और बहन फंस गईं
लालबाग कॉलोनी में सतीश पाल परिवार के साथ रहते हैं। वह टेंट हाउस का काम करते हैं। उनके मकान के ग्राउंड फ्लोर पर टेंट का गोदाम था। वहीं, ऊपरी 2 मंजिल पर परिवारवाले रहते थे। फर्स्ट फ्लोर पर कारोबारी सतीश और दूसरे फ्लोर पर उनके भाई धर्मवीर का परिवार रहता था। सोमवार सुबह करीब 5:15 बजे परिवार के सदस्य सो रहे थे। अचानक नीचे गोदाम से धुआं निकलने लगा। आसपास के लोगों ने कारोबारी को जानकारी दी। दूसरी मंजिल पर धर्मवीर की पत्नी विमला धुआं देखकर घबरा गईं। फर्स्ट फ्लोर पर सतीश के साथ कमरे में उनकी मां भरतो देवी और बहन ममता थीं। वहीं, दूसरे कमरे में बेटा तरुण और दीपू थे। फर्स्ट फ्लोर को धुएं और आग ने अपनी चपेट में ले लिया। सतीश के बेटे तरुण ने खिड़की से कूदकर जान बचाई और दूसरा बेटा दीपू भी छत से जान बचाकर भागा। भरतो देवी और ममता धुएं की वजह से भाग नहीं पाईं। आग की चपेट में आने और दम घुटने से दोनों की मौत हो गई।
पड़ोसियों की छत से सीढ़ियां लगाकर बचाया
दूसरी मंजिल पर धर्मवीर के परिवार के 5 सदस्य छत पर पहुंच गए, लेकिन उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला। सतीश का बेटा दीपू पड़ोसी की छत पर कूद गया। पुलिस और आसपास के लोगों ने सतीश पाल, कुसुम, अमन, सौरभ, विमला, रूबी और काजल को पड़ोसियों की छत से सीढ़ियां लगाकर बाहर निकाला।
धुआं निकालने के लिए तोड़ी पड़ोसी की दीवार
आग लगने से मंजर इतना भयानक था कि अंदर फंसे लोगों को निकालना मुश्किल था। पुलिस और आसपास के लोगों ने पड़ोसी के मकान में जाकर दीवार तोड़ी, ताकि धुआं बाहर निकल सके। काफी मशक्कत के बाद ममता का शव मिला। भरतो देवी का शव नहीं मिलने पर धुआं और आग में खोजना शुरू किया। करीब आधे घंटे बाद भरतो देवी का शव मिला। दोनों शवों को सरकारी अस्पताल भेजा गया।
गर्मियों में बरतें ये सावधानियां
आग लगने पर 101 पर कॉल कर फायर ब्रिगेड को जानकारी दें।
आग से बचाव के लिए घर में फायर अलार्मिंग की सुविधा जरूरी होती है। उसे तुरंत लगवाएं।
आग लगने पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का ही उपयोग करें। इससे लिफ्ट में फंसने का खतरा नहीं होगा।
मुंह पर गीला कपड़ा ढकें, ताकि आग की लपटें सीधे मुंह पर न लगें।
अगर आप कमरे में हैं और लगातार धुआं आ रहा है तो दरवाज़े को बंद कर सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर सकते हैं। इससे धुआं अंदर नहीं आएगा।
कपड़ो में आग लगे तो लेट जाएं, इससे आग और नहीं फैलेगी और आप इससे बच जाएंगे। किसी कंबल या किसी भारी कपड़े से ढक कर भी लगी आग को बुझा सकते हैं।
आग लग गई है तो गलती से भी कोई इलेक्ट्रिक स्विच या अप्लायंसेस ऑन न करें, जो ऑन हैं, उसे भी बंद कर दे। बिजली के तार आग पकड़ने में देरी नहीं करते हैं।
ज्यादा क्षमता के इक्विपमेंट्स चलाने से शॉर्ट सर्किट होता है। अगर कोई बिजली कनेक्शन ढीला है तो उसे गर्मियों से पहले अवश्य चेक कराएं।
यहां करें शिकायत
लोनी क्षेत्र में अवैध रूप से कमर्शल गतविधियों पर रोक लगाने के लिए जीडीए में भी शिकायत की जा सकती है। वॉट्सऐप नंबर-9990988004 के साथ हेल्पलाइन नंबर- 0120-4418384 पर फोन किया जा सकता है। अथवा ई-मेल helplinegda@gmail.com पर भी शिकायत की जा सकती है।
उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News
मां और बहन फंस गईं
लालबाग कॉलोनी में सतीश पाल परिवार के साथ रहते हैं। वह टेंट हाउस का काम करते हैं। उनके मकान के ग्राउंड फ्लोर पर टेंट का गोदाम था। वहीं, ऊपरी 2 मंजिल पर परिवारवाले रहते थे। फर्स्ट फ्लोर पर कारोबारी सतीश और दूसरे फ्लोर पर उनके भाई धर्मवीर का परिवार रहता था। सोमवार सुबह करीब 5:15 बजे परिवार के सदस्य सो रहे थे। अचानक नीचे गोदाम से धुआं निकलने लगा। आसपास के लोगों ने कारोबारी को जानकारी दी। दूसरी मंजिल पर धर्मवीर की पत्नी विमला धुआं देखकर घबरा गईं। फर्स्ट फ्लोर पर सतीश के साथ कमरे में उनकी मां भरतो देवी और बहन ममता थीं। वहीं, दूसरे कमरे में बेटा तरुण और दीपू थे। फर्स्ट फ्लोर को धुएं और आग ने अपनी चपेट में ले लिया। सतीश के बेटे तरुण ने खिड़की से कूदकर जान बचाई और दूसरा बेटा दीपू भी छत से जान बचाकर भागा। भरतो देवी और ममता धुएं की वजह से भाग नहीं पाईं। आग की चपेट में आने और दम घुटने से दोनों की मौत हो गई।
पड़ोसियों की छत से सीढ़ियां लगाकर बचाया
दूसरी मंजिल पर धर्मवीर के परिवार के 5 सदस्य छत पर पहुंच गए, लेकिन उन्हें बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला। सतीश का बेटा दीपू पड़ोसी की छत पर कूद गया। पुलिस और आसपास के लोगों ने सतीश पाल, कुसुम, अमन, सौरभ, विमला, रूबी और काजल को पड़ोसियों की छत से सीढ़ियां लगाकर बाहर निकाला।
धुआं निकालने के लिए तोड़ी पड़ोसी की दीवार
आग लगने से मंजर इतना भयानक था कि अंदर फंसे लोगों को निकालना मुश्किल था। पुलिस और आसपास के लोगों ने पड़ोसी के मकान में जाकर दीवार तोड़ी, ताकि धुआं बाहर निकल सके। काफी मशक्कत के बाद ममता का शव मिला। भरतो देवी का शव नहीं मिलने पर धुआं और आग में खोजना शुरू किया। करीब आधे घंटे बाद भरतो देवी का शव मिला। दोनों शवों को सरकारी अस्पताल भेजा गया।
गर्मियों में बरतें ये सावधानियां
आग लगने पर 101 पर कॉल कर फायर ब्रिगेड को जानकारी दें।
आग से बचाव के लिए घर में फायर अलार्मिंग की सुविधा जरूरी होती है। उसे तुरंत लगवाएं।
आग लगने पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग में लिफ्ट के बजाय सीढ़ियों का ही उपयोग करें। इससे लिफ्ट में फंसने का खतरा नहीं होगा।
मुंह पर गीला कपड़ा ढकें, ताकि आग की लपटें सीधे मुंह पर न लगें।
अगर आप कमरे में हैं और लगातार धुआं आ रहा है तो दरवाज़े को बंद कर सभी दरारों और सुराखों को गीले तौलिये या चादरों से सील कर सकते हैं। इससे धुआं अंदर नहीं आएगा।
कपड़ो में आग लगे तो लेट जाएं, इससे आग और नहीं फैलेगी और आप इससे बच जाएंगे। किसी कंबल या किसी भारी कपड़े से ढक कर भी लगी आग को बुझा सकते हैं।
आग लग गई है तो गलती से भी कोई इलेक्ट्रिक स्विच या अप्लायंसेस ऑन न करें, जो ऑन हैं, उसे भी बंद कर दे। बिजली के तार आग पकड़ने में देरी नहीं करते हैं।
ज्यादा क्षमता के इक्विपमेंट्स चलाने से शॉर्ट सर्किट होता है। अगर कोई बिजली कनेक्शन ढीला है तो उसे गर्मियों से पहले अवश्य चेक कराएं।
यहां करें शिकायत
लोनी क्षेत्र में अवैध रूप से कमर्शल गतविधियों पर रोक लगाने के लिए जीडीए में भी शिकायत की जा सकती है। वॉट्सऐप नंबर-9990988004 के साथ हेल्पलाइन नंबर- 0120-4418384 पर फोन किया जा सकता है। अथवा ई-मेल helplinegda@gmail.com पर भी शिकायत की जा सकती है।