Ghaziabad Live News Today: बिजली विभाग के एक आदेश से अटका है 400 करोड़ से अधिक का निवेश h3>
गाजियाबादः उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में बिजली विभाग का एक आदेश जीडीए के लिए सिरदर्द बन चुका है। आलम यह है कि उनके दो प्रॉजेक्ट अटके हुए हैं। पहला प्रॉजेक्ट मधुबन बापूधाम आवासीय योजना का ईडब्लयूएस भवन है, जबकि दूसरा इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना के औद्योगिक भूखंड हैं। इन दोनों में बिजली का कनेक्शन किया जाना है। एक जगह पर आवंटियों का पजेशन लेटर दिया जा चुका है, लेकिन बिजली के कनेक्शन नहीं होने की वजह से वे किराए के मकान में रह रहे हैं।
वहीं, दूसरी तरफ से औद्योगिक भूखंडों को लिए हुए 3 साल से अधिक समय हो चुका है लेकिन जीडीए अभी तक उसे विकसित करके उद्योगपतियों को नहीं दे सका है। जिसकी वजह से 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश अटका हुआ है। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि यह दिक्कत केवल बिजली विभाग के एक आदेश की वजह से हो रहा है। इसमें मनमानी तरीके से सुपरविजन चार्ज मांगा जा रहा है। जिसका भुगतान करना संभव नहीं है।
जीडीए ने इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना के औद्योगिक भूखंडों के लिए बिजली कनेक्शन का एस्टिमेट 77 लाख रुपये का बनाया है। अब बिजली विभाग इसका सुपरविजन चार्ज के नाम पर 78 लाख रुपए की डिमांड कर रहा है। जब तक जीडीए इसका भुगतान नहीं करता है तब तक ट्रांसफॉर्मर को चेक करवाने का काम बिजली विभाग के इंजीनियर नहीं करेंगे। अब मामला फंसा हुआ है।
मधुबन बापूधाम में भी रखा है ट्रांसफॉर्मर
आवंटियों ने बताया कि 6 महीने से ज्यादा वक्त हो गया है। ट्रांसफॉर्मर रखा है, लेकिन कनेक्शन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि फ्लैट मिलने के बावजूद किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। GDA में लोगों ने कई बार बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया। फिर भी सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। EWS कैटिगरी के यहां 196 फ्लैट बने हैं। GDA अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में जो भी बिजली कनेक्शन दिया जाता है, उस पर बिजली विभाग को 5 फीसदी ही सर्विस चार्ज दिया जाता है।
इस बार बिजली विभाग 15 फीसदी सर्विस चार्ज लेने के लिए कह रहा है। GDA वीसी के सामने भी यह मसला उठाया जा चुका है। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस भवन में जीडीए बिजली के कनेक्शन के कह रहा हैं, वहां पर 15 फीसदी सर्विस चार्ज के बाद ही आवेदन किया जाएगा।
लोहे की ग्रिल को काट रहे है चोर
अब ईडब्ल्यूएस भवनों का हाल यह है कि यहां पर लगी लोहे की ग्रिल और दरवाजे को चोर काटकर ले जा रहे हैं। दो दिन पहले ही यहां पर ग्रिल काटते हुए आवंटियों ने एक चोर को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। निवासियों का कहना है कि जब तक जीडीए यहां पर बिजली का कनेक्शन करवाएगा तब तक फ्लैट खंडहर बन जाएगा। आवंटी खुद ही दिन से लेकर रात तक अपने फ्लैट की रखवाली का काम कर रहे हैं।
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वहीं, दूसरी तरफ से औद्योगिक भूखंडों को लिए हुए 3 साल से अधिक समय हो चुका है लेकिन जीडीए अभी तक उसे विकसित करके उद्योगपतियों को नहीं दे सका है। जिसकी वजह से 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश अटका हुआ है। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि यह दिक्कत केवल बिजली विभाग के एक आदेश की वजह से हो रहा है। इसमें मनमानी तरीके से सुपरविजन चार्ज मांगा जा रहा है। जिसका भुगतान करना संभव नहीं है।
जीडीए ने इंद्रप्रस्थ आवासीय योजना के औद्योगिक भूखंडों के लिए बिजली कनेक्शन का एस्टिमेट 77 लाख रुपये का बनाया है। अब बिजली विभाग इसका सुपरविजन चार्ज के नाम पर 78 लाख रुपए की डिमांड कर रहा है। जब तक जीडीए इसका भुगतान नहीं करता है तब तक ट्रांसफॉर्मर को चेक करवाने का काम बिजली विभाग के इंजीनियर नहीं करेंगे। अब मामला फंसा हुआ है।
मधुबन बापूधाम में भी रखा है ट्रांसफॉर्मर
आवंटियों ने बताया कि 6 महीने से ज्यादा वक्त हो गया है। ट्रांसफॉर्मर रखा है, लेकिन कनेक्शन नहीं किया जा रहा है। यही कारण है कि फ्लैट मिलने के बावजूद किराये के मकान में रहना पड़ रहा है। GDA में लोगों ने कई बार बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया। फिर भी सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। EWS कैटिगरी के यहां 196 फ्लैट बने हैं। GDA अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में जो भी बिजली कनेक्शन दिया जाता है, उस पर बिजली विभाग को 5 फीसदी ही सर्विस चार्ज दिया जाता है।
इस बार बिजली विभाग 15 फीसदी सर्विस चार्ज लेने के लिए कह रहा है। GDA वीसी के सामने भी यह मसला उठाया जा चुका है। लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल सका। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिस भवन में जीडीए बिजली के कनेक्शन के कह रहा हैं, वहां पर 15 फीसदी सर्विस चार्ज के बाद ही आवेदन किया जाएगा।
लोहे की ग्रिल को काट रहे है चोर
अब ईडब्ल्यूएस भवनों का हाल यह है कि यहां पर लगी लोहे की ग्रिल और दरवाजे को चोर काटकर ले जा रहे हैं। दो दिन पहले ही यहां पर ग्रिल काटते हुए आवंटियों ने एक चोर को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। निवासियों का कहना है कि जब तक जीडीए यहां पर बिजली का कनेक्शन करवाएगा तब तक फ्लैट खंडहर बन जाएगा। आवंटी खुद ही दिन से लेकर रात तक अपने फ्लैट की रखवाली का काम कर रहे हैं।