Ghaziabad में लगातार दूसरी बार महिला मेयर, जिले में निकाय की 9 में से 6 सीटों पर Woman कैंडिडेट अध्यक्ष, जानिए समीकरण

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Ghaziabad में लगातार दूसरी बार महिला मेयर, जिले में निकाय की 9 में से 6 सीटों पर Woman कैंडिडेट अध्यक्ष, जानिए समीकरण

Ghaziabad में लगातार दूसरी बार महिला मेयर, जिले में निकाय की 9 में से 6 सीटों पर Woman कैंडिडेट अध्यक्ष, जानिए समीकरण


गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लगातार दूसरी बार मेयर की सीट महिला के नाम ही होगी। नगर निगम अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास विभाग ने गुरुवार को नगरीय निकाय प्रमुखों की अंतिम आरक्षण सूची जारी कर दी। इसके अनुसार मेयर सीट महिला के लिए आरक्षित की गई है। हालांकि चुनाव टलने से पहले यह सीट अनारक्षित रखी गई थी। बता दें कि 2017 में हुए चुनाव में भी मेयर की सीट महिला के लिए आरक्षित थी। जिस पर चुनाव लड़कर बीजेपी की आशा शर्मा मेयर बनी थीं। अब इस बार फेरबदल से मेयर का टिकट पाने का सपना संजो रहे बीजेपी समेत अन्य दलों के पुरुष नेताओं को झटका लगा है। वहीं, दूसरी ओर अभी तक टिकट के मामले में सुस्त पड़ीं महिला नेत्रियां एक बार फिर से एक्टिव मोड़ में आ गई हैं। हालांकि अभी घोषित सीटों के लिए आपत्तियां मांगी गई हैं। इसमें बदलाव भी संभव हैं।

मेयर सीट के लिए बीजेपी में दावेदारों की लंबी लिस्ट

गाजियाबाद नगर निगम में महिला आरक्षण के बाद मेयर के टिकट के दावेदारों की लिस्ट बीजेपी में सबसे लंबी है। इनमें सबसे मजबूत दावा करने वालों में निवर्तमान मेयर आशा शर्मा हैं। वह लगातार दावा करती रही हैं कि उनके 5 साल के कार्यकाल में महानगर में जबरदस्त विकास हुआ है। स्वच्छता समेत कई अन्य रैंकिंग में भी गाजियाबाद अग्रणी रहा। हालांकि उनके विरोधी प्रदेश संगठन में उनके कार्यकाल को लेकर नकारात्मक फीडबैक देते रहे हैं। वहीं अन्य दावेदारों में बीजेपी में पिछले संगठन और मौजूदा संगठन में लगातार उपाध्यक्ष बनीं सुनीता दयाल का नाम भी मजबूत दावेदारों में हो सकता है।

सुनीता एक बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इनके अलावा पिछले कुछ समय से सामाजिक कार्यों में एक्टिव हुई बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व से लेकर संघ तक पैंठ रखने वाले एक प्राइवेट हॉस्पिटल के मालिक की पत्नी समेत पूर्व में टिकट मांग रहे दावेदारों की पत्नियां भी दावा कर सकती हैं। इनमे एक नेता के संबंध संघ में काफी मजबूत माने जाते हैं।

निवर्तमान मेयर आशा शर्मा का कहना है कि वह अपने 5 साल के विकास कार्य और जनहित में किए गए कार्यों के आधार पर एक बार फिर से मेयर टिकट के लिए संगठन पर स्तर पर दावा करेंगी। उम्मीद है कि पार्टी उनके नाम पर गंभीरता से जरूर विचार करेगी। कमोवेश सपा, कांग्रेस और बसपा में फिलहाल मेयर की टिकट के दावेदारों के नाम खुलकर नहीं आ पाए हैं। उम्मीद हैं कि चुनाव के निकट आने पर इन पार्टियों के दावेदारों की तस्वीर क्लीयर हो जाए।

रॉकेट प्रत्याशी भी उतार सकती है पार्टी

नगर निगम में मेयर सीट महिला आरक्षित होने के बाद बेशक बीजेपी से जुड़ीं महिला नेत्री काफी खुश हैं और टिकट के लिए अपने-अपने स्तर से दावे और पैरवी कराने में जुट गई हैं। बावजूद इसके पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व नगर निकाय के चुनाव को लोकसभा 2024 के चुनाव की पूर्व की तैयारी के रूप में देखा जाएगा। ऐसे में वह किसी भी ऐसे प्रत्याशी को टिकट नहीं देगे, जिसकी छवि खराब हो और जो जीतने की स्थिति में न हो।

अगर ऐसा हुआ तो इसका असर लोकसभा चुनाव पर भी हो सकता है। पार्टी से जुड़े एक नेता ने यहां तक कहा कि मेयर का टिकट प्रदेश में काफी प्रभावी माना जाता है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि इस टिकट के लिए रॉकेट (अब तक संगठन में एक्टिव न हो बाहरी) प्रत्याशी को ही उतार दिया जाए।

नगर पालिका परिषद की सीटों का आरक्षण:

नगर निकाय 5 दिसंबर को जारी नया आरक्षण रोस्टर
मोदीनगर नगर परिषद सामान्य अनुसूचित जाति
लोनी नगर परिषद महिला महिला
मुरादनगर नगर परिषद ओबीसी महिला
खोड़ा मकनपुर नगर परिषद महिला महिला
डासना नगर पंचायत महिला महिला
पतला नगर पंचायत सामान्य ओबीसी महिला
निवाड़ी नगर पंचायत एससी महिला सामान्य
फरीदनगर नगर पंचायत सामान्य सामान्य

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