Ghaziabad: बुर्के में नेपाल से महिलाएं लाती थीं चरस-अफीम, दिल्ली एनसीआर से देश के राज्यों में होती थी सप्लाई
Delhi NCR Crime दिल्ली एनसीआर नेपाल से चरस और अफीम पहुंच रहा है। पुलिस ने पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने बताया कि वो लोग किस तरह से दिल्ली एनसीआर पहुंचती थीं।
हाइलाइट्स
- क्राइम ब्रांच ने 13 किलो चरस और एक किलो अफीम के साथ किया अरेस्ट
- पुलिस की नजर में न आएं, इसलिए तस्कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से चलते थे
- ट्रेन की जनरल बोगी में करते थे सफर, बाद में रोडवेज बस से जाते थे आगे
हर राज्य में पहुंचाई जाती है खेप
पुलिस के अनुसार, पहली बार भारी मात्रा में नशे की तस्करी कराने वाले सरगना का नाम पता चला है। 12 हजार रुपये प्रति डिलिवरी के हिसाब से तस्करों को रखा गया था। शैगुल निशा सरगना सुनित के संपर्क में थी। वह डिलिवरी के लिए तस्कर उपलब्ध कराती। डिलिवरी होने पर उसका कमीशन मिलता था। पूछताछ में पता चला है कि गैंग ने यूपी, पंजाब, दिल्ली, हरियाणा के साथ ही दक्षिण भारत के कई राज्यों में नशे की खेप पहुंचाई है। कर्नाटक में भी गैंग के कई लोग एक्टिव हैं। वहां नशे की खेप पहुंचने के बाद आगे की सप्लाई का जिम्मा उनका होता था। नेपाल से सुनित अपने साथियों की मदद से रोज 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की खेप भारत में भेजता है। एडीसीपी ने बताया कि तस्करों की पूरी चेन बनी थी। हर तस्कर का काम पहले से डिसाइड होता था। बाकी बदमाशों की तलाश चल रही है।
इस तरह NCR में पहुंचता था नशा
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि तस्करी में हमेशा महिलाओं को शामिल किया जाता था। वे बुर्के में रहती थीं। पैरों में निकैप पहनकर उसी में नशीला पदार्थ छिपा लेती। बिहार के विभिन्न हिस्सों से गोरखपुर तक बस से आती थीं। गोरखपुर पहुंचने के बाद ट्रेनों के जनरल कोच में ये महिलाएं बैठ जाती थीं। भीड़ ज्यादा होने और बुर्के में होने की वजह से कोई ध्यान नहीं देता था। बुर्के की वजह से शरीर में बंधा हुआ नशे का बंडल भी निगाह में नहीं आता था। ट्रेन से उतरने के बाद गैंग के दूसरे तस्कर मिल जाते थे। वहां से आगे की डिलिवरी का जिम्मा उनका होता था।
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