Gautam Adani: अडानी ग्रुप पर एक और आफत, इस बार लपेटे में गौतम अडानी के बड़े भाई, जानिए क्या है मामला
फोर्ब्स की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विदेश में रहने वाले विनोद अडानी का सिंगापुर की कंपनी Pinnacle Trade and Investment Pte. पर इनडायरेक्ट कंट्रोल है। इस कंपनी ने 2020 में रूस के सरकारी वीटीबी बैंक (VTB Bank) के साथ एक लोन एग्रीमेंट किया था। अप्रैल 2021 तक कंपनी ने 26.3 करोड़ डॉलर उधार लिए थे। कंपनी ने एक बेनाम संबंधित पार्टी को 25.8 करोड़ डॉलर का लोन दिया था। Pinnacle ने दो निवेश फंड्स एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड (Afro Asia Trade and Investments Limited) और वर्ल्डवाइड एमर्जिंग मार्केट होल्डिंग्स लिमिटेड (Worldwilde Emerging Market Holding Limited) को कर्ज के लिए गारंटर के रूप में पेश किया था।
दिलचस्प बात है कि इन दोनों कंपनियों की अडानी ग्रुप में बड़ी हिस्सेदारी है। इनके पास अडानी ग्रुप की चार कंपनियों में करीब चार अरब डॉलर की हिस्सेदारी है। इनमें ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी ट्रांसमिशन (Adani Transmission), अडानी पोर्ट्स (APSEZ) और अडानी पावर (Adani Power) शामिल हैं। अडानी एंटरप्राइजेज में उनकी हिस्सेदारी की कीमत 16 फरवरी को 1.3 अरब डॉलर, अडानी पावर में 1.2 अरब डॉलर, अडानी पोर्ट्स में 80 करोड़ डॉलर और अडानी ट्रांसमिशन में 70 करोड़ डॉलर थी। रिपोर्ट के मुताबिक किसी भी फंड ने गिरवी शेयर का खुलासा नहीं किया है। हिंडनबर्ग ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा कि इन फंड्स ने भारतीय एक्सचेंजेज को गिरवी रखे शेयरों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
विनोदभाई के नाम से मशहूर
विनोद शांतिलाल अडानी सबसे अमीर एनआरआई हैं। IIFL Wealth Hurun India Rich List 2022 के मुताबिक भारत के रईसों की लिस्ट में छठे नंबर पर हैं। 2021 में उन्होंने रोजाना 102 करोड़ रुपये की कमाई की। दुबई में रहने वाले विनोद अडानी सिंगापुर और जकार्ता में ट्रेडिंग बिजनस मैनेज करते हैं। साल 2021 में उनकी नेटवर्थ में 28 फीसदी यानी 37,400 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। वह दो स्थान की छलांग लगाकर भारत के अमीरों की लिस्ट में छठे नंबर पर पहुंच गए। उनकी नेटवर्थ में 850 फीसदी तेजी आई है और यह 151,200 करोड़ बढ़कर 169,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है। विनोदभाई के नाम से मशहूर विनोद अडानी ने 1976 में महाराष्ट्र के भिवंडी में वीआर टेक्सटाइल के नाम से पावर लूम्स की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने सिंगापुर में ऑफिस खोलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने कारोबार का विस्तार किया। विनोद अडानी पहले सिंगापुर गए और फिर 1994 में दुबई में बस गए। दुबई में उन्होंने शुगर, ऑयल, एल्युमीनियम, कॉपर और आयरन स्क्रैप की ट्रेडिंग शुरू की।