Gaurishankar Bisen Profile: 2 बार सांसद, 7 बार विधायक, शाह ने भूपेंद्र यादव से लिया फीडबैक और मंत्री बन गए गौरीशंकर

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Gaurishankar Bisen Profile: 2 बार सांसद, 7 बार विधायक, शाह ने भूपेंद्र यादव से लिया फीडबैक और मंत्री बन गए गौरीशंकर

Gaurishankar Bisen Profile: 2 बार सांसद, 7 बार विधायक, शाह ने भूपेंद्र यादव से लिया फीडबैक और मंत्री बन गए गौरीशंकर

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल में लंबे समय के बाद विस्तार होने जा रहा है। यह विस्तार खासा मायने रखता है। नए मंत्रियों को भले ही काम के लिए डेढ़ महीने का समय मिले, लेकिन यह डेढ़ महीना भी आगामी विधानसभा चुनाव में असर जरूर करेगा। इस विस्तार के जरिए भाजपा ने बड़े नेताओं की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की है। इसके अलावा इस विस्तार के जरिए पार्टी जातिगत एवं क्षेत्रीय संतुलन को साधने की कवायद में जुटी दिखाई देती है।

शाह ने भूपेंद्र यादव से लिया फीडबैक और मंत्री बन गए गौरीशंकर

Shivraj Singh Cabinet Expansion: कैबिनेट विस्तार का चुनाव में कितना असर? 6 दावेदारों में 4 बनेंगे मंत्री, रेस में सिंधिया समर्थक नेतामध्यप्रदेश के राज्यपाल ने तीन मंत्रियों को शपथ दिलाई है, जिसमें से एक नाम महाकौशल के कद्दावर नेता और मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का है। उन्होंने भोपाल में शिवराज मंत्रिमंडल में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। गौरीशंकर बिसेन के शपथ लेते ही बालाघाट जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
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अमित शाह के दौरे के बाद बढ़ी प्रदेश में हलचल

हाल ही में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का राजधानी भोपाल में आगमन हुआ। उन्होंने एक तरफ शिवराज सिंह सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया। वहीं दूसरी ओर इस चुनावी दौरे में प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेन्द्र यादव से फीडबैक भी लिया। इस फीडबैक में प्रदेश के बड़े नेताओं की नाराजगी की बात भी सामने आई थी और कहीं न कहीं उनके दौरे के सप्ताह भर के भीतर ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। यह विस्तार अमित शाह की चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। बीजेपी इससे मालवा और महाकौशल पर फोकस करना चाहती है।
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इस रणनीति के तहत भाजपा ने हारी हुई 39 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं। वहीं, कुछ ऐसे नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है, जो जिले में चुनावी जीत-हार को लेकर खासा प्रभाव रखते हैं। इसके चलते ही सम्पूर्ण महाकौशल क्षेत्र से एकमात्र मंत्री रामकिशोर कावरे के बालाघाट से होने के बावजूद भी, मंत्रिमंडल में इस क्षेत्र से दूसरा मंत्री शामिल किया गया है। यह राजनीतिक दृष्टि से बड़ी बात है।
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गौरीशंकर ने लगाई मंत्री पद की हैट्रिक

बालाघाट से विधायक और महाकौशल क्षेत्र के कद्दावर नेता गौरीशंकर बिसेन ने तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली है। उन्होंने 20 दिसम्बर 2008 को शिवराज सरकार में केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इस सरकार में उन्होंने सहकारिता और पीएचई मंत्री का कार्यभार संभाला। फिर 21 दिसम्बर 2013 को वह दोबारा मंत्री बने। इस दौरान उन्हें कृषि मंत्रालय दिया गया। 2018 में जोड़तोड़ से सरकार बनने की वजह से सिंधिया समर्थक विधायकों को मंत्री पद मिल गए, लेकिन अब 2023 में चुनाव से कुछ महीने पूर्व प्रदेश में उनकी महत्वपूर्णता को देखते हुए मंत्री बनाया गया है।
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पीएचई मंत्री का मिल सकता है विभागसंगठनात्मक राजनीतिक अनुभव के साथ ही सत्ता में रहते हुए विभागों का खासा अनुभव रखने वाले विधायक गौरीशंकर बिसेन को संभवत: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मिल सकता है। फिलहाल यह विभाग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पास है। गौरीशंकर 2008 में इस विभाग को संभाल चुके हैं।

ऐसा रहा राजनीतिक करियर

गौरीशंकर बिसेन का जन्म बालाघाट के लेंडेझरी गांव के कृषक परिवार में हुआ। पिता चर्तुर्भुज बिसेन एवं माता सुशीलादेवी के घर 1 जनवरी 1952 को जन्मे गौरीशंकर बिसेन का राजनीतिक सफर संघर्षपूर्ण होने के साथ ही लंबा रहा है। वह छात्र जीवन से ही राजनीति में हैं। अपनी राजनीति के शुरूआती दौर में वह 1971 में ग्राम हितकारिणी समिति के अध्यक्ष बने, 1978-80 तक वे जिला सहकारी बैंक एवं भूमि विकास बैंक बालाघाट के संचालक रहे तथा जिला भाजपा के उपाध्यक्ष रहे। वह भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा एवं सहकारी प्रकोष्ठ के प्रभारी भी रहे। गौरीशंकर बिसेन के मार्गदर्शन में पहली बार भाजपा ने प्रदेश में अपना परचम लहराया और उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए 25 दिसम्बर 2000 को उन्हें किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया।
MP Cabinet Expansion: चुनावी साल में सीएम शिवराज चलेंगे सबसे बड़ा ‘चाल’, एक ‘चौका’ और विरोधी चारों खाने चित!वे प्रदेश भाजपा में तीन बार उपाध्यक्ष रहे। वहीं आपातकाल में बाबू जयप्रकाश नारायण के समग्र क्रांति के आह्वान पर देश सेवा का संकल्प लेते हुए कांग्रेस की नीतियों का विरोध किया। 1977 में जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में बालाघाट क्षेत्र से चुनावी समर में भाग्य आजमाया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। इसके बाद अपनी मेहनत के बूते लगातार 7 बार उन्होंने भाजपा विधायक के रूप में एकतरफा जीत दर्ज की। वे विधानसभा में अनेक समितियों में सभापति भी रह चुके हैं।

अपने राजनीतिक जीवनकाल में 1998 और 2004 में वे बालाघाट संसदीय क्षेत्र से सांसद के रूप में निर्वाचित हुए। वह लोकसभा की स्थायी समिति में रक्षा, ऊर्जा, रेल, कृषि, खाद्य और नागरिक आपूर्ति सलाहकार समिति के सदस्य रहे। 2008 में वे 13वीं विधानसभा के सदस्य बनने के बाद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं सहकारिता मंत्री बने। 2018 में 14वीं विधानसभा के सदस्य बनने के बाद किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के मंत्री बनाये गए। वहीं अब 15वीं विधानसभा में तीसरी बार मंत्री पद की शपथ लेकर फिर से मंत्री बनाए गए हैं।
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कार्यशैली ने दी गौरीशंकर बिसेन को पहचान
बालाघाट के विकास में 3 रेलवे ओवरब्रिज, करोड़ों की लागत की सड़कें, वैनगंगा नदी के अनेक क्षेत्रों में पुल एवं आने वाले समय में मेडिकल कॉलेज की सौगात भी गौरीशंकर बिसेन के अथक प्रयासों से बालाघाट जिले को मिली हैं।

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