Ganesh Chaturthi 2022: आज से शुरू होगा गणपति विसर्जन, देख लें DPCC की क्या हैं गाइडलाइंस वरना लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

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Ganesh Chaturthi 2022: आज से शुरू होगा गणपति विसर्जन, देख लें DPCC की क्या हैं गाइडलाइंस वरना लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

Ganesh Chaturthi 2022: आज से शुरू होगा गणपति विसर्जन, देख लें DPCC की क्या हैं गाइडलाइंस वरना लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली: गणपति बप्पा आज पूरी धूमधाम से आ रहे हैं, लेकिन डीपीसीसी (दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड) की तरह से अंतिम समय में गाइडलाइंस जारी होने की वजह से जिला स्तर पर मंगलवार को अफरा तफरी बनी रही। 29 अगस्त को जिला प्रशासन को गाइडलाइंस जारी होने की वजह से अभी जिलों में विसर्जन के लिए कहीं कृत्रम तलाब नहीं बन पाए हैं। कई जिलों में तो इन तलाबों को बनाने के लिए अभी जगह ढूंढी जा रही है। गणपति पूजा यूं तो 31 अगस्त से 4 सितंबर तक चलेगी। लेकिन काफी लाग 1 सितंबर से ही गणपति विसर्जन शुरू कर देते हैं। गणपति को लोग अपनी श्रद्धानुसार एक दिन से 10 दिन के लिए बिठाते हैं।

यह हाल तब है जबकि दो दिन पूर्व यमुना में कृष्ण विसर्जन के लिए आए पांच लोगों की डूबकर मौत हो गई है। डीपीसीसी की तरफ से जारी गाइडलाइंस में साफ कहा गया है कि लोगों को अपने घरों व पूजा आयोजन स्थल पर बाल्टी, टब आदि में विसर्जन के लिए प्रेरित करें। साथ ही जिला प्रशासन को कृत्रम तालाब की व्यवस्था करने को कहा गया है। ताकि लोग अपने घरों के आसपास ही विसर्जन कर सकें।

​गाइडलाइंस लेट जारी होने का दुष्प्रभाव

गाइडलाइंस लेट जारी होने की वजह से जिला प्रशासन को काफी दिक्कतें आ रही हैं। गाइडलाइंस न होने की वजह से राजधानी में इसे लेकर न तो मूर्ति कारों को न लोगों को मूर्तियों, पूजा आदि के बारे में जागरुकता अभियान चलाया जा सका। बाजारों मेंइस बार तो ट्रेंड दिख रहा है वह बड़ी मूर्तियों का अधिक हैं। हालांकि ज्यादातर जगहों पर मिट्टी और बिना रंगों की मूर्तियां मिल रही हैं। लेकिन रंगों व हानीकारण रंगों वाली मूर्तियों की डिमांड भी अच्छी खासी है। पिछले दो सालों से कोविड की वजह से गणपति पूजा के सामुहिक आयोजन पर रोक थी। इसी वजह से प्रशासन कोई तैयारी नहीं करता था। लेकिन उससे पूर्व 2019 में 150 के करीब कृत्रम तालाब राजधानी में बनाए जाते थे। लोगों को पूजा से करीब 10 दिन पूर्व इन तालाबों की जानकारी दी जाती थी, मूर्ति से जुडे़ नियम बताए जाते थे। अधिकारियों के अनुसार जो लोग गणेश पूजा से जुडे़ हुए हैं उन्हें नियमों की जानकारी है। नियमों में बदलाव नहीं किए गए हैं। हर साल की तरह ही इस बार भी नियम है। जहां तक कृत्रम तालाबों का सवाल है विसर्जन मुख्य रूप से 4 सितंबर को होना है। तब तक तलाब तैयार हो जाएंगे और आरडब्ल्यूए को इनकी जानकारी दे दी जाएगी।

इस बार ​यमुना में पानी है ज्यादा

इस बार यमुना में विसर्जन के लिए खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि यमुना में पानी काफी अधिक है। ऐसे में लोग यदि विसर्जन करने के लिए यमुना में आए तो तैयारियों के अभाव में हादसे बढ़ सकते हैं। कुछ साल पहले तक घाटों पर विसर्जन के लिए तैयारियां की जाती थी। इसके तहत लोगों को यमुना में अंदर जाने से रोकने की व्यवस्था भी रहती थी। 2019 में यमुना के घाटों पर विसर्जन रोकने के लिए सुरक्षा व्यवस्था हुई।

कितना बढ़ता है प्रदूषण

यमुना मॉनिटरिंग कमिटी की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार विसर्जन के बाद यमुना में क्रोमियम की तय मात्रा तय मानक 5 एमजी प्रति लीटर से 11 गुणा अधिक और आयरन की मात्रा तय मानक 0.3 एमजी प्रति लीटर से 71 गुणा अधिक हो जाती है। इसके अलावा नीकल का स्तर भी कहीं अधिक बढ़ जाता है। यमुना में औसत दौ लाख लोग गणेश चतुर्थी पर मिलकर 2019 से पहले तक 24000 मूर्तियो को विसर्जित करते थे। पहली बार 2019 में यमुना में विसर्जन पर पूरी तरह रोक रही और तमाम घाट पर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए पुलिस का कड़ा पहरा रहा।

​क्या है इस बार विसर्जन की तैयारियां

पीतमपुरा स्थित लाल बाग का राजा आयोजन समिति से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने अपने आयोजन स्थल पर ही विसर्जन की तैयारियां की है। विसर्जन से पूर्व शोभा यात्रा करेंगे। आयोजन स्थल पर ही बडे़ टब में विसर्जन किया जाएगा। लक्ष्मी नगर श्री गणेश सेवा मंडल के संस्थापक अध्यक्ष महेंद्र लड्डा ने बताया कि उन्होंने भी विसर्जन की तैयारियां अपने स्तर पर कर ली हैं। आयोजन स्थल पर वह भी टब में व्यवस्था करेंगे। वहीं द्वारका सेक्टर-6 के ट्रू फ्रेंड अपार्टमेंट में महाराष्ट्र मित्र मंडल की तरफ से भी सोसायटी परिसर में ही टब में विसर्जन की तैयारियां की जा रही हैं।

क्या हैं DPCC की गाइडलाइंस

-dpcc-
  • संबंधित विभाग रिहायशी इलाकों में जगह देखकर कृत्रम तालाबों की व्यवस्था करेंगे
  • दिल्ली पुलिस और एमसीडी दिल्ली में आने वाली गाड़ियों पर नजर रखेगी। इन गाड़ियों में में प्रतिबंधित सामानों से बनी मूर्तियां नहीं होनी चाहिए
  • यदि कोई प्रतिबंधित सामानों से बनी मूर्तियां बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के बना या बेच रहा तो जो जोनल ऑफिसर उस पर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे
  • विसर्जन से पहले बायोडिग्रेडेबल सामान अलग से कनेक्ट करेंगे और इन्हें निस्तारित करवाएंगे
  • नॉन बायोडिग्रेडेबल सामान भी नियमानुसान कलेक्ट होंगे और निस्तारित होंगे
  • सितंबर और अक्टूबर में इसे लेकर साप्ताहिक रिपोर्ट भी डीपीसीसी को देनी होगी

क्या होगी सजा

  • नैशनल मिशन ऑफ क्लीन गंगा के आदेश के तहत यमुना और झीलों में किसी तरह का मूर्ति विसर्जन नहीं हो सकता। तय जगहों पर ही मूर्ति विसर्जित करें। उल्लंघन करने वालों पर स्थानीय अथॉरिटी 50 हजार रुपये का एनवारयमेंट कंपनशेशन लगाएंगी।
  • वॉटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पल्युशन) एक्ट, 1974 के सेक्शन
  • 33ए के तहत पानी को प्रदूषित करना सेक्शन 41 के तहत दंडनीय अपराध है और इसके लिए छह साल की सजा और फाइन दोनों लगाए जा सकते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

पश्चिमी जिले के एडीएम धर्मेंद्र कुमार के अनुसार गणेश पूजा व गणेश विसर्जन को लेकर डीपीसीसी से 29 अगस्त को गाइडलाइंस मिली है। इसके बाद 30 अगस्त को तय किया जा रहा है कि कृत्रम तालाब कहां बनें, लिस्ट फाइनल होने के बाद 31 अगस्त को कृत्रम तालाब बनने का काम शुरू हो जाएगा। इसकी जानकारी आरडब्ल्यूए को दे दी जाएगी। इन तालाबों में पानी भरने से पहले नीचे काला तिरपाल बिछाया जाता है। विसर्जन पूरा हेाने के बाद मूर्तियों को तिरपाल समेत उठा लिया जाता है और नियमों के तहत इसका निस्तारण किया जाता है।

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