Gaganyaan Mission: देश का पहला अंतरिक्ष मानव मिशन, भारतीय यात्रियों ने पार किया पहला स्टेज

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Gaganyaan Mission: देश का पहला अंतरिक्ष मानव मिशन, भारतीय यात्रियों ने पार किया पहला स्टेज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 2018 में 15 अगस्त को पहले मानव मिशन गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission) को लॉन्च करने की घोषणा की थी. इस मिशन को दिसंबर 2020 में शुरू किया जाना था लेकिन कोरोना वायरस (Coronavirus) के कारण इसे बीच में टाल दिया गया था.

अब भारत में होगी ट्रेनिंग

रूस से लौटने के बाद ये सभी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के डिजाइन किए गए ट्रेनिंग मॉड्यूल से ट्रेनिंग लेंगे. भारत में ट्रेनिंग के तीन मुख्य भाग होंगे. पूरे प्रोजेक्ट पर एक मॉड्यूल, चालक दल के सदस्यों के लिए एक मॉड्यूल और फ्लाइट हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर एक मॉड्यूल होगा. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को गगनयान के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. रूस में अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की परस्थितियों के अनुसार ढलने की ट्रेनिंग दी गई है. यह ट्रेनिंग 10 फरवरी, 2020 को शुरू हुई, लेकिन COVID-19 महामारी के कारण कुछ समय के लिए ट्रेनिंग रोक दी गई थी.

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मोदी सरकार ने किए हैं 10 हजार करोड़ रुपये मंजूर

इसरो (ISRO) के अधिकारियों ने कहा था कि रूस में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, ये अंतरिक्ष यात्री अब भारत में मॉड्यूल-स्पेशल ट्रेनिंग लेंगे. उन्हें इसरो द्वारा डिजाइन किए गए चालक दल और सर्विस मॉड्यूल में प्रशिक्षित किया जाएगा. केंद्र की मोदी सरकार ने गगनयान प्रोजेक्ट के लिए 10,000 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. इस महीने, केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा था कि इसरो के गगनयान प्रोजेक्ट के तहत इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जा सके, इसके लिए काम किया जा रहा है.

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