Fetus Inside Egyptian Mummy: मिस्र की 2000 साल पुरानी ममी के पेट में 28 महीने का भ्रूण, जानिए अब तक कैसे रहा सुरक्षित?

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Fetus Inside Egyptian Mummy: मिस्र की 2000 साल पुरानी ममी के पेट में 28 महीने का भ्रूण, जानिए अब तक कैसे रहा सुरक्षित?


Fetus Inside Egyptian Mummy: मिस्र की 2000 साल पुरानी ममी के पेट में 28 महीने का भ्रूण, जानिए अब तक कैसे रहा सुरक्षित?

काहिरा: मिस्र में एक ममी के पेट से मिले 28 महीने के भ्रूण के रहस्य को सुलझा लिया गया है। यह भ्रूण पिछले 2000 साल से ममी के पेट में सुरक्षित था। 2021 में खोज के बाद से ही यह वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बना हुआ था। अब बताया गया है कि महिला के शरीर के विघटित होने के बाद इस भ्रूण को अम्लीकरण के जरिए सुरक्षित रखा गया था। यह प्रक्रिया ठीक ऐसी है, जैसे किसी अचार को सुरक्षित रखा जाता है। वारसॉ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की टीम ने पिछले साल अप्रैल में सीटी और एक्स-रे स्कैन के जरिए अजन्मे बच्चे के अवशेषों की उपस्थिति का खुलासा किया था।

माना जाता है कि यह दुनिया के सबसे पुराना भ्रूण है। इस भ्रूण को मिस्र से आज से करीब 200 साल पहले पोलैंड लेकर जाया गया था। दिसंबर 1826 में इस ममी को वारसॉ विश्वविद्यालय को दान में दिया गया था। तब माना जा रहा था कि यह ममी एक महिला की है लेकिन 1920 के दशक में इस पर मिस्र के पुजारी का नाम लिखा पाया गया। विश्वविद्यालय की टीम 2015 से इस प्राचीन मिस्र की ममी पर काम कर रही है। पिछले साल स्कैन में जब ममी के पेट के अंदर एक छोटा सा पैर दिखा, तब उन्हें समझ आया कि उनके हाथ क्या लगा है।

प्रसव के दौरान नहीं हुई थी महिला की मौत
शोधकर्ताओं ने भ्रूण की स्थिति और बर्थ कैनाल का अध्ययन कर बताया कि इस रहस्यमय महिला की प्रसव के दौरान मौत नहीं हुई थी। मौत के समय इस महिला के पेट में मौजूद भ्रूण 26 से 30 हफ्ते का था। टीम ने आशा जताई है कि यह बहुत संभव है कि अन्य गर्भवती ममी भी दुनिया के अलग-अलग सग्रहालयों में रखी हों। ऐसे में हमें उन सबकी जांच करने की आवश्यक्ता है। इस रहस्यमय महिला और उसके अजन्मे बच्चे का अध्ययन पोलैंड के वारसॉ विश्वविद्यालय के पुरातत्वविद् और पैलियोपैथोलॉजिस्ट मार्जेना ओलारेक-स्ज़िल्के और उनके सहयोगियों ने किया है।


एक्सपर्ट के लिए बनी हुई थी बड़ी पहेली
एक्सपर्ट्स के सामने एक बड़ी पहेली यह थी कि आखिर महिला के अंदर भ्रूण कैसे रह गया था। ममी बनाने के लिए मृतक के अंगों को निकाल दिया जाता था तो भ्रूण को क्यों नहीं अलग किया गया। पहले माना जा रहा था कि इसके पीछे कोई धार्मिक कारण हो सकता है। जांच टीम ने संभावना जताई ती कि हो सकता है उन्हें लगता हो कि अजन्मे बच्चे की आत्मा नहीं होती है और वह अगले दुनिया में सुरक्षित रहेगा या हो सकता है कि उसे निकालने में महिला के शरीर को नुकसान का खतरा रहा हो।



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