Faridabad Municipal Corporation Scam: घोटाला सामने आने के बाद भी की 31 करोड़ की पेमेंट, अब ACB करेगी जांच
‘आरोप मनी लॉन्ड्रिंग का, CBI-ED से हो जांच’
NIT विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि चीफ सेक्रेटरी ने 8 फरवरी को ACB को पत्र लिखकर 200 करोड़ के नगर निगम के घोटाले की जांच में 31 करोड़ रुपये के घोटाले की भी जांच शामिल करने को कहा है। नीरज शर्मा का आरोप है कि जांच को एक साल बीत चुका है, लेकिन अब तक एक रुपये की भी रिकवरी नहीं की गई है। आरोप है कि अभी और भी बड़े घोटालों का खुलासा होना बाकी है। मामले में सभी आरोपी जमानत पर बाहर चल रहे हैं।
अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ पूरा खेल
विधायक ने बताया कि 31 करोड़ की पेमेंट 4 अगस्त 2020 को एक ही दिन में की गई और उसके 12 दिन के बाद 16 अगस्त 2020 को नगर निगम के रेकॉर्ड रूम में आग लग गई, लेकिन इसे जांच में शामिल नहीं किया गया। सरकार सिर्फ चिट्ठी-चिट्ठी खेलती रही और अधिकारियों ने मिलीभगत करके जांच की अनुमति दी गई। जांच की अनुमति 2017-18, 2018-19, 2019-20 की थी, जबकि यह पेमेंट उसके बाद की गई थी, इसकी अनुमति सरकार ने नहीं दी। पत्रों के माध्यम से सरकार से 31 करोड़ रुपये की पेमेंट को जांच में शामिल करने बारे लिखा जा रहा था।
NBT ने लगातार उठाया है मामला
नगर निगम में बिना काम करोड़ों की पेमेंट करने का घोटाला जुलाई-2020 में उजागर हुआ था। 5 जुलाई 2020 को नगर निगम के निवर्तमान पार्षद दीपक चौधरी, महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल, दीपक यादव व कपिल डागर ने लिखित शिकायत देकर कहा था कि उनके वॉर्ड में कई जगह काम नहीं हुआ और उस काम की पेमेंट ठेकेदार को कर दी गई। 7 जुलाई 2020 को मामला NBT ने प्रकाशित किया, जिसके बाद जांच शुरू हो पाई। मामले के उजागर होने के एक महीने बाद ही 4 अगस्त 2020 को नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर ने एक ही दिन में 31 करोड़ की पेमेंट ठेकदार को की थी।