Explainer: योगी आदित्यनाथ सरकार में अभी कितने मंत्री और ले सकते हैं शपथ, जानिए क्या कहता है संविधान h3>
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रिकॉर्ड लगातार दूसरी बार शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में 52 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जंबो कैबिनेट के साथ योगी (Yogi Cabinet) की दूसरी पारी की शुरुआत हुई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अपने पहले ही कैबिनेट में योगी आदित्यनाथ ने तमाम समीकरणों को साध दिया है, या फिर कैबिनेट में आगे भी विस्तार होगा? इसका जवाब यह है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ जातीय या अन्य समीकरण को साधने के लिए कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं।
योगी कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 53 सदस्य भर गए हैं। नियमों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में अभी 7 से 8 और सदस्यों को रखा जा सकता है। तत्काल इन सदस्यों को भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं कराए जाने की जल्दी नहीं दिख रही है। वैसे माना जा रहा है कि आने वाले समय में इन स्थानों को भरने की कोशिश की जाएगी। वर्तमान मंत्रिमंडल में कई ऐसे नाम नहीं दिख रहे हैं, जिनकी दावेदारी बड़ी दिख रही थी। ऐसे में अगर किसी प्रकार की नाराजगी सामने आती है, तो फिर इन पदों पर वैसे बड़े नामों को एडजस्ट किया जा सकता है।
क्या कहता है संविधान
योगी आदित्यनाथ ने अभी 53 मंत्री बनाए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 में मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर विस्तार से व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 164 (1) में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति की बात कही गई है। इसके तहत राज्यपाल मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करेंगे। मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर करने का प्रावधान किया गया है।
अनुच्छेद 164 (1ए) में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके तहत किसी राज्य के मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित कुल मंत्रियों की संख्या राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं होगी। हालांकि, छोटे राज्यों के लिए नियम तैयार किया गया है कि मुख्यमंत्री के साथ 12 से कम नहीं होंगे।
यूपी विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 403 है। नियम के मुताबिक, 15 फीसदी मतलब 60.45 सीट होती है। इस हिसाब से 60 से अधिक मंत्री यूपी में नहीं बनाए जा सकते हैं। विधान सभा या विधान परिषद के सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा जो किसी सदन के सदस्य नहीं होंगे और मंत्री बनाए जाएंगे, उन्हें छह माह के भीतर किसी भी सदन का सदस्य बनना जरूरी होगा।
अधिकतम संख्या को लेकर हो चुका है कई विवाद
मंत्रियों की अधिकतम संख्या को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। जिन राज्यों में विधानसभा सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी भाग का रिजल्ट आखिर में .5 में आकर अटकता है, वहां विवाद देखा गया। हरियाणा में इस प्रकार का विवाद वर्ष 2016 में देखने को मिला था। हाईकोर्ट तक यह मामला चला गया था। इसके अलावा भी कई अन्य राज्यों से इस प्रकार के विवाद सामने आते रहे हैं।
मोदी की तर्ज पर मंत्रिमंडल
यूपी में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का मंत्रिमंडल कुछ-कुछ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की सरकार की तर्ज पर गठित किया गया था। वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनी थी तो मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिम गवर्नेंस का मंत्र दिया गया। हालांकि, बाद में मंत्रियों की जरूरत महसूस की गई और वर्ष 2017 आते-आते मंत्रियों की संख्या काफी बढ़ाई गई। इसके बाद मोदी सरकार दोबारा वर्ष 2019 में चुनकर आई तो 57 मंत्री बनाए गए। हालांकि, वर्ष 2021 में मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया गया। पहले से कार्यरत 13 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। वहीं, 43 नए मंत्री बनाए गए। इस पर अब मोदी मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 80 है। केंद्र में 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। योगी भी इसी राह पर बढ़ते दिख सकते हैं।
यूपी विधानसभा में बनाए गए मंत्री :
मुख्यमंत्री : योगी आदित्यनाथ
उप मुख्यमंत्री : केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक
कैबिनेट मंत्री : सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल और संजय निषाद।
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार : नितिन अग्रवाल, कपिलदेव अग्रवाल, रवींद्र जायसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना और दयाशंकर मिश्र दयालु।
राज्य मंत्री : मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गोंड, बदलेव सिंह ओलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान वाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरू, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी और विजय लक्ष्मी गौतम।
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने रिकॉर्ड लगातार दूसरी बार शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में 52 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जंबो कैबिनेट के साथ योगी (Yogi Cabinet) की दूसरी पारी की शुरुआत हुई है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अपने पहले ही कैबिनेट में योगी आदित्यनाथ ने तमाम समीकरणों को साध दिया है, या फिर कैबिनेट में आगे भी विस्तार होगा? इसका जवाब यह है कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले सीएम योगी आदित्यनाथ जातीय या अन्य समीकरण को साधने के लिए कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं।
योगी कैबिनेट में अभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 53 सदस्य भर गए हैं। नियमों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में अभी 7 से 8 और सदस्यों को रखा जा सकता है। तत्काल इन सदस्यों को भरने की प्रक्रिया पूरी नहीं कराए जाने की जल्दी नहीं दिख रही है। वैसे माना जा रहा है कि आने वाले समय में इन स्थानों को भरने की कोशिश की जाएगी। वर्तमान मंत्रिमंडल में कई ऐसे नाम नहीं दिख रहे हैं, जिनकी दावेदारी बड़ी दिख रही थी। ऐसे में अगर किसी प्रकार की नाराजगी सामने आती है, तो फिर इन पदों पर वैसे बड़े नामों को एडजस्ट किया जा सकता है।
क्या कहता है संविधान
योगी आदित्यनाथ ने अभी 53 मंत्री बनाए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 में मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर विस्तार से व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 164 (1) में मुख्यमंत्री और मंत्रियों की नियुक्ति की बात कही गई है। इसके तहत राज्यपाल मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करेंगे। मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर करने का प्रावधान किया गया है।
अनुच्छेद 164 (1ए) में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके तहत किसी राज्य के मंत्रिपरिषद में मुख्यमंत्री सहित कुल मंत्रियों की संख्या राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं होगी। हालांकि, छोटे राज्यों के लिए नियम तैयार किया गया है कि मुख्यमंत्री के साथ 12 से कम नहीं होंगे।
यूपी विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 403 है। नियम के मुताबिक, 15 फीसदी मतलब 60.45 सीट होती है। इस हिसाब से 60 से अधिक मंत्री यूपी में नहीं बनाए जा सकते हैं। विधान सभा या विधान परिषद के सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है। इसके अलावा जो किसी सदन के सदस्य नहीं होंगे और मंत्री बनाए जाएंगे, उन्हें छह माह के भीतर किसी भी सदन का सदस्य बनना जरूरी होगा।
अधिकतम संख्या को लेकर हो चुका है कई विवाद
मंत्रियों की अधिकतम संख्या को लेकर कई बार विवाद हो चुका है। जिन राज्यों में विधानसभा सदस्यों की संख्या का 15 फीसदी भाग का रिजल्ट आखिर में .5 में आकर अटकता है, वहां विवाद देखा गया। हरियाणा में इस प्रकार का विवाद वर्ष 2016 में देखने को मिला था। हाईकोर्ट तक यह मामला चला गया था। इसके अलावा भी कई अन्य राज्यों से इस प्रकार के विवाद सामने आते रहे हैं।
मोदी की तर्ज पर मंत्रिमंडल
यूपी में योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का मंत्रिमंडल कुछ-कुछ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की सरकार की तर्ज पर गठित किया गया था। वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनी थी तो मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिम गवर्नेंस का मंत्र दिया गया। हालांकि, बाद में मंत्रियों की जरूरत महसूस की गई और वर्ष 2017 आते-आते मंत्रियों की संख्या काफी बढ़ाई गई। इसके बाद मोदी सरकार दोबारा वर्ष 2019 में चुनकर आई तो 57 मंत्री बनाए गए। हालांकि, वर्ष 2021 में मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया गया। पहले से कार्यरत 13 मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया। वहीं, 43 नए मंत्री बनाए गए। इस पर अब मोदी मंत्रिमंडल में कुल सदस्यों की संख्या 80 है। केंद्र में 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। योगी भी इसी राह पर बढ़ते दिख सकते हैं।
यूपी विधानसभा में बनाए गए मंत्री :
मुख्यमंत्री : योगी आदित्यनाथ
उप मुख्यमंत्री : केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक
कैबिनेट मंत्री : सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल और संजय निषाद।
राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार : नितिन अग्रवाल, कपिलदेव अग्रवाल, रवींद्र जायसवाल, संदीप सिंह, गुलाब देवी, गिरीश चंद्र यादव, धर्मवीर प्रजापति, असीम अरुण, जेपीएस राठौर, दयाशंकर सिंह, नरेंद्र कश्यप, दिनेश प्रताप सिंह, अरुण कुमार सक्सेना और दयाशंकर मिश्र दयालु।
राज्य मंत्री : मयंकेश्वर सिंह, दिनेश खटीक, संजीव गोंड, बदलेव सिंह ओलख, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, बृजेश सिंह, केपी मलिक, सुरेश राही, सोमेंद्र तोमर, अनूप प्रधान वाल्मीकि, प्रतिभा शुक्ला, राकेश राठौर गुरू, रजनी तिवारी, सतीश शर्मा, दानिश आजाद अंसारी और विजय लक्ष्मी गौतम।
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