Explainer: भीषण गर्मी में बत्तीगुल से बच गई दिल्ली, दादरी प्लांट की बिजली हरियाणा डायवर्ट करने पर रोक, जानिए केंद्र सरकार ने ऐसा ऑर्डर दिया ही क्यों

104
Explainer: भीषण गर्मी में बत्तीगुल से बच गई दिल्ली, दादरी प्लांट की बिजली हरियाणा डायवर्ट करने पर रोक, जानिए केंद्र सरकार ने ऐसा ऑर्डर दिया ही क्यों

Explainer: भीषण गर्मी में बत्तीगुल से बच गई दिल्ली, दादरी प्लांट की बिजली हरियाणा डायवर्ट करने पर रोक, जानिए केंद्र सरकार ने ऐसा ऑर्डर दिया ही क्यों

नई दिल्ली: दिल्ली के दादरी थर्मल पावर स्टेशन से पैदा होने वाली बिजली फिलहाल हरियाणा तक नहीं पहुंचेगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने ऊर्जा मंत्रालय के फैसले पर रोक की अवधि शुक्रवार को बढ़ा दी। बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड ने री-एलोकेशन से जुड़े आदेश को चुनौती दी है, जिस पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। जस्टिस यशवंत वर्मा ने दादरी-II पावर प्लांट से हरियाणा को बिजली आपूर्ति से जुड़े केंद्र के 29 मार्च के आदेश पर रोक की अवधि बढ़ा दी। केंद्र की ओर से पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने याचिका पर जवाब देने के लिए दो हफ्तों का समय मांगा, जिसके बाद कोर्ट ने मामले को 29 अप्रैल को आगे की सुनवाई के लिए लगा दिया। एएसजी ने कहा कि पहली बार इस तरह री-एलोकेशन नहीं किया गया है। इससे पहले भी ऐसा हुआ है।

याचिकाकर्ता बिजली कंपनी ने दावा किया है कि आदेश पूरी तरह से अधिकार क्षेत्र से बाहर है और अगर इसे लागू किया जाता है तो राष्ट्रीय राजधानी की 23 फीसदी आबादी को अगले 24 घंटे बिजली नहीं मिलेगी। कोर्ट ने 30 मार्च को दूसरे राज्य को बिजली देने के केंद्र के आदेश पर रोक लगा दी थी।

‘ब्लैकआउट से बचे दिल्लीवाले’
बीएसईएस के मुताबिक, रोक लगने से 66 लाख उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। इसने उन्हें ब्लैकआउट से बचा लिया है। टाटा पावर भी मामले में दखल की इजाजत मांग रहा है, जिसके आवेदन पर 4 अप्रैल को सुनवाई है। बिजली कंपनी का कहना है कि एनटीपीसी के दादरी-II पावर प्लांट से दिल्ली को मिल रही 728 मेगावॉट बिजली हरियाणा को री-एलोकेट कर दी गई थी, जिस पर 1 अप्रैल से अमल होना था। कंपनी के मुताबिक, गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में बिजली किसी अन्य राज्य को री-एलोकेट किए जाने से दिल्ली के उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति में भारी दिक्कत आ सकती थी।

दिल्ली में फ्री बिजली स्कीम, देखें दिल्ली सरकार का कितने करोड़ रुपये का फट रहा बिल
दिल्‍ली और हरियाणा में बिजली का गणित समझ‍िए
दिल्‍ली में मंगलवार को पीक पावर डिमांड 4,332 मेगावाट रही। इसके गर्मी के मौसम में 8,000 मेगावाट क्रॉस कर जाने की संभावना है। पिछले साल दिल्‍ली में पावर की डिमांड 7,323 MW तक पहुंच गई थी। राजधानी में मौजूद पावर स्‍टेशंस में 2,250 मेगावाट बिजली ही पैदा होती है, बाकी जरूरत के लिए बिजली खरीदी जाती है। दिल्‍ली को सबसे ज्‍यादा बिजली NTPC दादरी से ही सप्‍लाई होती है। वहीं, हरियाणा में औसतन रोज 6,400 मेगावाट बिजली की डिमांड रहती है। पीक आवर्स में डिमांड बढ़कर 7,400 मेगावाट तक पहुंच जाती है जबकि उपलब्‍धता 6,000 मेगावाट की रहती है।

Delhi-Supply

…तो हवा-हवाई थे मंत्रीजी के दावे?
बिजली कटौती के बीच हरियाणा के ऊर्जा मंत्री रंजीत सिंह चौटाला ने पिछले दिनों दावा किया था कि सबकुछ ठीक है। सोमवार को चौटाला ने कहा था कि उनकी सरकार गर्मी में पर्याप्‍त बिजली सप्‍लाई करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्‍होंने कहा था कि दो दिन के केवल 600MW की कमी आई थी लेकिन अब बैंकिंग सिस्‍टम से अतिरिक्‍त 1,000 मेगावाट बिजली मिलने लगी है। मंत्री ने कहा कि ‘इस सिस्‍टम के तहत, हरियाणा ने सर्दियों में केरल और तमिलनाडु को बिजली दी थी, वे गर्मियों में बिजली वापस करते हैं।’

मार्च में बिजली की शॉर्टेज ने तोड़ा रेकॉर्ड
1 मार्च से 30 मार्च के बीच, भारत में बिजली की कमी रेकॉर्ड स्‍तर पर पहुंच गई। रॉयटर्स के एक एनालिसिस में यह बात निकलकर सामने आई। मार्च 2021 में जहां 120.63 बिलियन यूनिट्स (BU) की खपत हुई थी, वहीं इस साल मार्च में खपत 126.12 BU तक पहुंच गई। बढ़ी खपत के पीछे लॉकडाउन प्रतिबंधों में ढील प्रमुख वजह रही। आने वाले समय में बिजली की डिमांड और बढ़ने का अनुमान है।

झारखंड और उत्‍तराखंड में तो बिजली की किल्‍लत ने पिछले साल अक्‍टूबर का रेकॉर्ड तोड़ दिया जब देश पर कोयला संकट के बादल मंडरा रहे थे। गुजरात ने चुनिंदा इंडस्‍ट्रीज के चरणबद्ध शटडाउन का आदेश दिया है। आंध प्रदेश और गोवा में भी बिजली की किल्‍लत रही। रॉयटर्स के अनुसार हरियाणा, राजस्‍थान और पंजाब के अलावा बिहार के कुछ हिस्‍सों में भी बड़े पैमाने पर मार्च में बिजली की शॉर्टेज रही।


गर्मी की वजह से इस बार खूब होगी बिजली की डिमांड
गर्मी का असर इस साल बिजली मांग पर भी दिखाई देगा। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के इलेक्ट्रिक पावर सर्वे के मुताबिक 2022-23 में पूरे देश में बिजली की मांग 16 लाख 50 हजार 594 मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड होने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा बिजली की डिमांड महाराष्ट्र और इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश में होगी।

Power-Supply-News

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर



Source link