Exclusive: जिमी शेरगिल बोले- एक वक्त था, जब डर लगता था कहीं इंडस्ट्री से गायब न हो जाऊं h3>
बॉलिवुड ऐक्टर जिमी शेरगिल (Jimmy Sheirgill) ने 25 साल पहले ‘माचिस’ (Maachis) फिल्म से 1996 में बॉलिवुड डेब्यू किया था। अपने शुरुआती करियर में ‘मोहब्बतें’, ‘मेरे यार की शादी है’, ‘दिल है तुम्हारा’, ‘हासिल’ और ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ जैसी फिल्मों में जिमी एक क्यूट, चॉकलेटी बॉय वाली इमेज के साथ नजर आए। लेकिन फिर अचानक 2008 में उनका रूप बदल गया। 2008 में आई ‘ए वेडनेसडे’ और 2011 में आई ‘साहब बीवी गैंगस्टर’ ने पर्दे पर जिमी की इमेज को नया मेकओवर दिया। वह चॉकलेटी इमेज को पीछे छोड़ अब रौबदार और इंटेन्स इमेज के साथ नजर आने लगे। नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से खास बातचीत में जिमी कहते हैं कि यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि उन्हें कहीं न कहीं एक डर सता रहा था। डर, कि यदि खुद को नहीं बदला तो किसी दिन इंडस्ट्री से गायब हो जाएंगे। जिमी कहते हैं कि उन्होंने एक छोटे से रोल से डेब्यू किया, इंडस्ट्री में वह किसी को नहीं जानते थे और कोई स्योर शॉट भी नहीं था कि उन्हें आगे कोई लॉन्च करेगा।
जिमी शेरगिल की फिल्म ‘कॉलर बम’ (Collar Bomb) 9 जुलाई को ओटीटी पर रिलीज हुई है। जिमी ने अपनी इस खास बातचीत में करियर से लेकर निजी जिंदगी और ‘कॉलर बम’ से लेकर अपकमिंग फिल्मों को लेकर भी चर्चा की। आगे पढ़िए, नवभारत टाइम्स ऑनलाइन के लिए इति राज से जिमी शेरगिल की एक्सक्लूसिव बातचीत-
सवाल- जिमी शेरगिल जब भी पर्दे पर आए हैं, कुछ अलग लेकर आए हैं। ‘कॉलर बम’ में आप एक बार फिर पुलिस की भूमिका में हैं। यह किरदार कितना अलग है और दर्शकों के लिए इसे देखना क्यों दिलचस्प होगा?
जिमी- ‘कॉलर बम’ एक थ्रिलर है। बहुत से लोगों को शुरुआत में लगा कि यह वेब सीरीज है। यह 100 मिनट से भी छोटी फिल्म है। रेस अगेंस्ट टाइम जैसा मामला है। एक बम है, जो टिक कर रहा है। जिन्होंने ट्रेलर देखा है, उन्हें कुछ हद तक कहानी समझ आ गई होगी। एक हॉस्टेज सिचुएशन है, एक स्कूल है। मुझे लगता है कि इसे देखने में दर्शकों को ज्यादा मजा आएगा। क्योंकि फिल्म के शुरू होने के 4-5 मिनट बाद जो एक नया ऐंगल शुरू होता है, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, वो कहानी में नयापन लेकर आता है। यह दर्शकों जोड़कर अंत तक रखेगा। पुलिसवाले के रूप में मनोज हेसी का किरदार बहुत इंटरेस्टिंग है। उसका एक पास्ट है, एक प्रजेंट है। क्या हुआ था, कैसे हुआ था। वो सब बहुत मजेदार है। हमें तो शूट करने में बड़ा मजा आया, उम्मीद करते हैं कि देखने वाले भी से उतना ही एंजॉय करेंगे।
सवाल- एक ऐक्टर के तौर पर आपने लंबा सफर तय किया है, पहली ही फिल्म ‘माचिस’ गुलजार साहब के साथ थी। यह सब कैसे हुआ था? इस सफर की शुरुआत कैसे हुई?
जिमी- ‘माचिस’ मेरी पहली फिल्म थी। ये गुलजार साहब के साथ थी। उससे पहले में रोशन तनेजा साहब के पास ऐक्टिंग सीखता था। कुछ डेढ़ साल के लिए मैंने वो किया। फिर ‘माचिस’ में मुझे एक छोटा सा रोल मिला, जहां से मेरी शुरुआत हुई। उस समय से बहुत से लोगों ने यही कहा कि ये छोटा सा रोल क्यों कर रहे हो। क्या जरूरत है। थोड़ा टाइम रुको, बड़ा काम मिलेगा। लेकिन कहीं न कहीं मुझे अंदर से यह पता था कि मैं इस इंडस्ट्री में किसी को नहीं जानता। कोई स्योर शॉट नहीं है कि कोई मुझे लॉन्च करेगा। गुलजार साहब बड़े डायरेक्टर हैं। वह बड़े दिनों बाद फिल्म बना रहे थे, उसमें मुझे छोटा सा रोल ही मिला। लेकिन सबसे बड़ी खुशी यह थी कि गुलजार साहब, जो खुद में एक इंस्टिट्यूशन हैं, उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है। उनसे सीखने का मौका मिल रहा है। मुझे कोई अनुभव नहीं था फिल्ममेकिंग का, ऐक्टिंग का। मैंने जो कुछ भी सीखा उसी फिल्म से सीखा। ‘माचिस’ हमेशा मेरे लिए एक स्पेशल फिल्म रहेगी।
Jimmy Sheirgill Exclusive: गुलज़ार साहब संग फिल्म करने से लोगों ने किया था मना
सवाल- ‘मोहब्बतें’, ‘हासिल’, ‘मेरे यार की शादी है’, एक क्यूट इमेज वाला ऐक्टर, कड़क रौबदार रोल्स की तरफ रुख करना आपका फैसला था या डायरेक्टर्स का, क्योंकि ‘ए वेडनेसडे’ और खासकर ‘साहब बीवी और गैंगस्टर’ जैसी फिल्मों में आपने एक तरह से पूरी काया ही पलट दी?
जिमी- ये फैसला तो मेरा ही था, क्योंकि यदि मैं ये फैसला नहीं लेता तो आज आप मुझसे ये कह रहे होते कि आपने ये-ये फिल्में की, चॉकलेटी बॉय रहे और फिर गायब हो गए (हंसते हुए)। मुझे इसी बात का डर था कि इस तरह की फिल्में करते-करते कहीं गायब न हो जाऊं। कुछ नया, कुछ अलग, कुछ इंटेन्स, कुछ अलग करना बहुत जरूरी है, यही सोचकर उस वक्त मैंने ऐसी फिल्मों को चूज किया था। हर साल मेरी कोई न कोई ऐसी फिल्म आती थी, जो थोड़ी अलग होती थी। ‘हासिल’, ‘यहां’, ‘तनु वेड्स मनु’, फिर ‘साहब बीवी गैंगस्टर’ की सीरीज, ‘ए वेडनेसडे’… ये सारी फिल्में आईं। ये सब धीरे-धीरे हुआ। उस समय एक टाइम पर ऐसा लगता था कि सबकुछ सही चल रहा है, इस तरह के बदलाव कर कहीं मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा हूं। उस समय एक इनसिक्योरिटी होती थी कि कहीं कुछ गड़बड़ी न हो जाए। लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो खुशी होती है कि मैंने ये फैसला किया था और आज भी कुछ अलग काम करने की कोशिश कर रहे हैं।
सवाल- आपको ‘कॉलर बम’ के लिए महामारी से पहले संपर्क किया गया था, लेकिन आपने इस फिल्म को साइन करने के लिए काफी समय लिया, ऐसा क्यों? क्या आप रोल से खुश नहीं थे?
जिमी- ऐसा कुछ नहीं था। पहली बार जब मैंने कहानी पढ़ी थी तभी मुझे पसंद आ गई थी। फिल्म की पूरी टीम बड़ी यंग और एक्साइटेड है। फिर चाहे वह डायरेक्टर जोटिंग हैं या फिर हमारे राइटर मैंने जब पहली बार कहानी पढ़ी तो उसमें अपनी ओर से कुछ सुझाव दिए। अच्छी बात यह रही कि उन्होंने मुझे बोला कि इस पर हम पहले से काम कर रहे हैं और जल्द ही फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा। इसके बाद जब फाइनल ड्राफ्ट आया तो दो-तीन पन्नों को पढ़कर ही मैं समझ गया कि अब फिल्म सही जा रही है, क्योंकि कहानी मुझे पहले से पता थी। एक हॉस्टेज सिचुएशन है, एक स्कूल है और शुरुआती पन्नों के बाद ही जो असली कहानी शुरू होती है तब लगता है कि ये कुछ अलग है। मजेदार है। इस बीच महामारी आ गई। हमारे कई प्रोजेक्ट्स चल रहे थे, लेकिन लकी रहे कि कुछ चीजें पोस्टपोन हुईं, फिर हमने हालात बेहतर होते ही अक्टूबर में हिमाचल प्रदेश में जाकर फिल्म की पूरी शूटिंग की।
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सवाल- आशा नेगी फिल्म में आपके साथ हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बचपन में जिमी शेरगिल पर उन्हें क्रश था। क्या ‘कॉलर बम’ के सेट पर कभी उन्होंने आपसे इसका जिक्र किया?
जिमी- (मुस्कुराते हुए) नहीं, सेट पर उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मैंने भी इंटरव्यू के बारे में ही सुना। हां, एक बार जो मुझे याद है कि हमलोग सेट पर बैठे हुए थे और वहां सब बात कर रहे थे, तब आशा जी ने कहा था कि मेरी फिल्म ‘दिल है तुम्हारा’ उनकी फेवरिट फिल्म है और उन्होंने तब उस फिल्म का एक गाना सबको गाकर सुनाया था। बस, इसके अलावा कभी कुछ नहीं। उन्होंने फिल्म में बहुत अच्छा काम किया है। उनके बारे में ज्यादातर बातें अब मुझे इंटरव्यूज से ही पता चल रही हैं।
सवाल- आपका जन्म यूपी के गोरखपुर में हुआ। लखनऊ में भी आपने अपना बचपन बिताया है, बचपन की कोई ऐसी याद जिसे अब काफी मिस करते हैं? ‘तनु वेड्स मनु’ में राजा अवस्थी का किरदार, इसमें गोरखपुर और लखनऊ के बिताए दिनों का अनुभव कितना काम आया?
जिमी- लखनऊ मेरा आना-जाना लगा रहता है। अभी भी कुछ दिनों पहले गया था शूटिंग के लिए। आगे भी जाना है। अच्छा लगता है। किसी ऐसे जगह से जहां आपने वक्त बिताया है, एक लगाव तो रहता ही है। और फिल्म के किरदारों में भी यदि आप उस इलाके में रहे हैं तो मदद तो मिलती ही है।
सवाल- असल जिंदगी में जिमी शेरगिल कैसे हैं, ‘हासिल’ के अनि शर्मा की तरह, ‘तनु वेड्स मनु’ के राजा अवस्थी की तरह या ‘साहब बीवी गैंगस्टर’ के साहेब की तरह?
जिमी- मैं इनमें से किसी तरह नहीं हूं। (हंसते हुए) जैसा मैं किसी भी किरदार में नहीं होता हूं, असल जिंदगी में मैं वैसा ही हूं। अपने जैसे किरदार मैं करता नहीं हूं, फिर वो बोरिंग हो जाएंगे।
सवाल- पंजाबी फिल्मों में आपका बड़ा नाम है। आपने न सिर्फ 14 पंजाबी फिल्मों में काम किया है, बल्कि 4 फिल्म के प्रड्यूसर भी रहे हैं। क्या हिंदी में भी आगे फिल्म या कोई शो प्रड्यूस करने का कोई प्लान है?
जिमी- कई सारी चीजें हैं। लेकिन इस महामारी के कारण सबकुछ पर ब्रेक लग गया है। कई काम पोस्टपोन हो रहे हैं, पेंडिंग काम बढ़ रहे हैं। एक बार सब खुल जाए, तब धीरे-धीरे सब होगा। देखते हैं, अभी तो बहुत कुछ है प्लान में।
सवाल- कोरोना महामारी के कारण हम सब घरों में बंद हैं। इस कारण ओटीटी प्लेटफॉर्म को बहुत जबरदस्त ग्रोथ मिली है। क्या आपको नहीं लगता है कि ओटीटी की वजह से थिअटर की जो अहमियत थी, वो कम हो रही है?
जिमी- ये सब चीजें आपलोग बनाते हैं। जब थिएटर खुले ही नहीं हैं तो उसे कंपेयर करना गलत होगा। जब बीच में सिनेमाहॉल खुले भी तो कई तरह की शर्तें थीं और इस महामारी में कोई थिएटर अपनी सेहत को खतरे में डालकर क्यों जाएगा। हर इंसान यही सोच रहा है कि रिस्क क्यों लें। लेकिन हम इसको लेकर बड़े आशावादी हैं कि चीजें जल्द ठीक होंगी। थिएटर खुलेंगे। जब सब नॉर्मल हो जाएगा तो थिएटर्स में वही रौनक लौट आएगी।
सवाल- आपकी फिल्म ‘कॉलर बम’ भी ओटीटी पर रिलीज हो रही है। जबकि कई ऐक्टर्स-डायरेक्टर्स अभी भी थिएटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं?
जिमी- वो लोग तो हमसे भी ज्यादा आशावादी हैं। और ये तो अच्छी बात है। देर-सवेर हम यही उम्मीद करते हैं कि सब जल्दी नॉर्मल होगा और लोग वापस उसी प्यार के साथ थिएटर पहुंचेंगे।
Exclusive Jimmy Sheirgill Reveals There was a time when he was afraid that He May disappear from the industry One Day
सवाल- जिमी शेरगिल जब भी पर्दे पर आए हैं, कुछ अलग लेकर आए हैं। ‘कॉलर बम’ में आप एक बार फिर पुलिस की भूमिका में हैं। यह किरदार कितना अलग है और दर्शकों के लिए इसे देखना क्यों दिलचस्प होगा?
जिमी- ‘कॉलर बम’ एक थ्रिलर है। बहुत से लोगों को शुरुआत में लगा कि यह वेब सीरीज है। यह 100 मिनट से भी छोटी फिल्म है। रेस अगेंस्ट टाइम जैसा मामला है। एक बम है, जो टिक कर रहा है। जिन्होंने ट्रेलर देखा है, उन्हें कुछ हद तक कहानी समझ आ गई होगी। एक हॉस्टेज सिचुएशन है, एक स्कूल है। मुझे लगता है कि इसे देखने में दर्शकों को ज्यादा मजा आएगा। क्योंकि फिल्म के शुरू होने के 4-5 मिनट बाद जो एक नया ऐंगल शुरू होता है, जिसका खुलासा नहीं किया गया है, वो कहानी में नयापन लेकर आता है। यह दर्शकों जोड़कर अंत तक रखेगा। पुलिसवाले के रूप में मनोज हेसी का किरदार बहुत इंटरेस्टिंग है। उसका एक पास्ट है, एक प्रजेंट है। क्या हुआ था, कैसे हुआ था। वो सब बहुत मजेदार है। हमें तो शूट करने में बड़ा मजा आया, उम्मीद करते हैं कि देखने वाले भी से उतना ही एंजॉय करेंगे।
सवाल- एक ऐक्टर के तौर पर आपने लंबा सफर तय किया है, पहली ही फिल्म ‘माचिस’ गुलजार साहब के साथ थी। यह सब कैसे हुआ था? इस सफर की शुरुआत कैसे हुई?
जिमी- ‘माचिस’ मेरी पहली फिल्म थी। ये गुलजार साहब के साथ थी। उससे पहले में रोशन तनेजा साहब के पास ऐक्टिंग सीखता था। कुछ डेढ़ साल के लिए मैंने वो किया। फिर ‘माचिस’ में मुझे एक छोटा सा रोल मिला, जहां से मेरी शुरुआत हुई। उस समय से बहुत से लोगों ने यही कहा कि ये छोटा सा रोल क्यों कर रहे हो। क्या जरूरत है। थोड़ा टाइम रुको, बड़ा काम मिलेगा। लेकिन कहीं न कहीं मुझे अंदर से यह पता था कि मैं इस इंडस्ट्री में किसी को नहीं जानता। कोई स्योर शॉट नहीं है कि कोई मुझे लॉन्च करेगा। गुलजार साहब बड़े डायरेक्टर हैं। वह बड़े दिनों बाद फिल्म बना रहे थे, उसमें मुझे छोटा सा रोल ही मिला। लेकिन सबसे बड़ी खुशी यह थी कि गुलजार साहब, जो खुद में एक इंस्टिट्यूशन हैं, उनके साथ काम करने का मौका मिल रहा है। उनसे सीखने का मौका मिल रहा है। मुझे कोई अनुभव नहीं था फिल्ममेकिंग का, ऐक्टिंग का। मैंने जो कुछ भी सीखा उसी फिल्म से सीखा। ‘माचिस’ हमेशा मेरे लिए एक स्पेशल फिल्म रहेगी।
Jimmy Sheirgill Exclusive: गुलज़ार साहब संग फिल्म करने से लोगों ने किया था मना
सवाल- ‘मोहब्बतें’, ‘हासिल’, ‘मेरे यार की शादी है’, एक क्यूट इमेज वाला ऐक्टर, कड़क रौबदार रोल्स की तरफ रुख करना आपका फैसला था या डायरेक्टर्स का, क्योंकि ‘ए वेडनेसडे’ और खासकर ‘साहब बीवी और गैंगस्टर’ जैसी फिल्मों में आपने एक तरह से पूरी काया ही पलट दी?
जिमी- ये फैसला तो मेरा ही था, क्योंकि यदि मैं ये फैसला नहीं लेता तो आज आप मुझसे ये कह रहे होते कि आपने ये-ये फिल्में की, चॉकलेटी बॉय रहे और फिर गायब हो गए (हंसते हुए)। मुझे इसी बात का डर था कि इस तरह की फिल्में करते-करते कहीं गायब न हो जाऊं। कुछ नया, कुछ अलग, कुछ इंटेन्स, कुछ अलग करना बहुत जरूरी है, यही सोचकर उस वक्त मैंने ऐसी फिल्मों को चूज किया था। हर साल मेरी कोई न कोई ऐसी फिल्म आती थी, जो थोड़ी अलग होती थी। ‘हासिल’, ‘यहां’, ‘तनु वेड्स मनु’, फिर ‘साहब बीवी गैंगस्टर’ की सीरीज, ‘ए वेडनेसडे’… ये सारी फिल्में आईं। ये सब धीरे-धीरे हुआ। उस समय एक टाइम पर ऐसा लगता था कि सबकुछ सही चल रहा है, इस तरह के बदलाव कर कहीं मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा हूं। उस समय एक इनसिक्योरिटी होती थी कि कहीं कुछ गड़बड़ी न हो जाए। लेकिन आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो खुशी होती है कि मैंने ये फैसला किया था और आज भी कुछ अलग काम करने की कोशिश कर रहे हैं।
सवाल- आपको ‘कॉलर बम’ के लिए महामारी से पहले संपर्क किया गया था, लेकिन आपने इस फिल्म को साइन करने के लिए काफी समय लिया, ऐसा क्यों? क्या आप रोल से खुश नहीं थे?
जिमी- ऐसा कुछ नहीं था। पहली बार जब मैंने कहानी पढ़ी थी तभी मुझे पसंद आ गई थी। फिल्म की पूरी टीम बड़ी यंग और एक्साइटेड है। फिर चाहे वह डायरेक्टर जोटिंग हैं या फिर हमारे राइटर मैंने जब पहली बार कहानी पढ़ी तो उसमें अपनी ओर से कुछ सुझाव दिए। अच्छी बात यह रही कि उन्होंने मुझे बोला कि इस पर हम पहले से काम कर रहे हैं और जल्द ही फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो जाएगा। इसके बाद जब फाइनल ड्राफ्ट आया तो दो-तीन पन्नों को पढ़कर ही मैं समझ गया कि अब फिल्म सही जा रही है, क्योंकि कहानी मुझे पहले से पता थी। एक हॉस्टेज सिचुएशन है, एक स्कूल है और शुरुआती पन्नों के बाद ही जो असली कहानी शुरू होती है तब लगता है कि ये कुछ अलग है। मजेदार है। इस बीच महामारी आ गई। हमारे कई प्रोजेक्ट्स चल रहे थे, लेकिन लकी रहे कि कुछ चीजें पोस्टपोन हुईं, फिर हमने हालात बेहतर होते ही अक्टूबर में हिमाचल प्रदेश में जाकर फिल्म की पूरी शूटिंग की।
Jimmy Sheirgill Exclusive: ‘कॉलर बम’ में पुलिसवाले का किरदार निभाना मजेदार रहा
सवाल- आशा नेगी फिल्म में आपके साथ हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि बचपन में जिमी शेरगिल पर उन्हें क्रश था। क्या ‘कॉलर बम’ के सेट पर कभी उन्होंने आपसे इसका जिक्र किया?
जिमी- (मुस्कुराते हुए) नहीं, सेट पर उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। मैंने भी इंटरव्यू के बारे में ही सुना। हां, एक बार जो मुझे याद है कि हमलोग सेट पर बैठे हुए थे और वहां सब बात कर रहे थे, तब आशा जी ने कहा था कि मेरी फिल्म ‘दिल है तुम्हारा’ उनकी फेवरिट फिल्म है और उन्होंने तब उस फिल्म का एक गाना सबको गाकर सुनाया था। बस, इसके अलावा कभी कुछ नहीं। उन्होंने फिल्म में बहुत अच्छा काम किया है। उनके बारे में ज्यादातर बातें अब मुझे इंटरव्यूज से ही पता चल रही हैं।
सवाल- आपका जन्म यूपी के गोरखपुर में हुआ। लखनऊ में भी आपने अपना बचपन बिताया है, बचपन की कोई ऐसी याद जिसे अब काफी मिस करते हैं? ‘तनु वेड्स मनु’ में राजा अवस्थी का किरदार, इसमें गोरखपुर और लखनऊ के बिताए दिनों का अनुभव कितना काम आया?
जिमी- लखनऊ मेरा आना-जाना लगा रहता है। अभी भी कुछ दिनों पहले गया था शूटिंग के लिए। आगे भी जाना है। अच्छा लगता है। किसी ऐसे जगह से जहां आपने वक्त बिताया है, एक लगाव तो रहता ही है। और फिल्म के किरदारों में भी यदि आप उस इलाके में रहे हैं तो मदद तो मिलती ही है।
सवाल- असल जिंदगी में जिमी शेरगिल कैसे हैं, ‘हासिल’ के अनि शर्मा की तरह, ‘तनु वेड्स मनु’ के राजा अवस्थी की तरह या ‘साहब बीवी गैंगस्टर’ के साहेब की तरह?
जिमी- मैं इनमें से किसी तरह नहीं हूं। (हंसते हुए) जैसा मैं किसी भी किरदार में नहीं होता हूं, असल जिंदगी में मैं वैसा ही हूं। अपने जैसे किरदार मैं करता नहीं हूं, फिर वो बोरिंग हो जाएंगे।
सवाल- पंजाबी फिल्मों में आपका बड़ा नाम है। आपने न सिर्फ 14 पंजाबी फिल्मों में काम किया है, बल्कि 4 फिल्म के प्रड्यूसर भी रहे हैं। क्या हिंदी में भी आगे फिल्म या कोई शो प्रड्यूस करने का कोई प्लान है?
जिमी- कई सारी चीजें हैं। लेकिन इस महामारी के कारण सबकुछ पर ब्रेक लग गया है। कई काम पोस्टपोन हो रहे हैं, पेंडिंग काम बढ़ रहे हैं। एक बार सब खुल जाए, तब धीरे-धीरे सब होगा। देखते हैं, अभी तो बहुत कुछ है प्लान में।
सवाल- कोरोना महामारी के कारण हम सब घरों में बंद हैं। इस कारण ओटीटी प्लेटफॉर्म को बहुत जबरदस्त ग्रोथ मिली है। क्या आपको नहीं लगता है कि ओटीटी की वजह से थिअटर की जो अहमियत थी, वो कम हो रही है?
जिमी- ये सब चीजें आपलोग बनाते हैं। जब थिएटर खुले ही नहीं हैं तो उसे कंपेयर करना गलत होगा। जब बीच में सिनेमाहॉल खुले भी तो कई तरह की शर्तें थीं और इस महामारी में कोई थिएटर अपनी सेहत को खतरे में डालकर क्यों जाएगा। हर इंसान यही सोच रहा है कि रिस्क क्यों लें। लेकिन हम इसको लेकर बड़े आशावादी हैं कि चीजें जल्द ठीक होंगी। थिएटर खुलेंगे। जब सब नॉर्मल हो जाएगा तो थिएटर्स में वही रौनक लौट आएगी।
सवाल- आपकी फिल्म ‘कॉलर बम’ भी ओटीटी पर रिलीज हो रही है। जबकि कई ऐक्टर्स-डायरेक्टर्स अभी भी थिएटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं?
जिमी- वो लोग तो हमसे भी ज्यादा आशावादी हैं। और ये तो अच्छी बात है। देर-सवेर हम यही उम्मीद करते हैं कि सब जल्दी नॉर्मल होगा और लोग वापस उसी प्यार के साथ थिएटर पहुंचेंगे।
Exclusive Jimmy Sheirgill Reveals There was a time when he was afraid that He May disappear from the industry One Day