EXCLUSIVE: खुद को क्यों LLMKP मानते हैं ‘अपहरण 2’ एक्टर अरुणोदय सिंह? नेता नहीं बनने की भी बताई वजह

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EXCLUSIVE: खुद को क्यों  LLMKP मानते हैं ‘अपहरण 2’ एक्टर अरुणोदय सिंह? नेता नहीं बनने की भी बताई वजह

EXCLUSIVE: खुद को क्यों LLMKP मानते हैं ‘अपहरण 2’ एक्टर अरुणोदय सिंह? नेता नहीं बनने की भी बताई वजह

वूट (VOOT) की वेब सीरीज अपहरण (Apharan) का दूसरा पार्ट रिलीज के लिए तैयार है। अपहरण 2 (Apharan 2) में एक बार फिर रुद्र प्रताप श्रीवास्तव के मुख्य किरदार में अभिनेता अरुणोदय सिंह (Arunoday Singh) नजर आएंगे। सीरीज के पहले पार्ट में अपने धमाकेदार डायलॉगबाजी से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया था और दूसरे पार्ट के ट्रेलर में भी कुछऐसा ही देखने को मिल रहा है। अपहरण 2 की रिलीज से पहले अरुणोदय सिंह ने की हिन्दुस्तान में अविनाश पाल से खास बातचीत और दिए ढेर सारे सवालों के जवाब।

‘अपहरण 2’ में क्या कुछ नया आ रहा है?

काफी कुछ अलग होने वाला है, लेकिन मैं ज्यादा बोल नहीं सकता हूं। वरना फिर दर्शकों का पूरा सरप्राइज चला जाएगा। लेकिन एक चीज जरूर बोल सकता हूं कि कहानी धमाकेदार है। 

जब अपहरण 1 ऑफर हुआ था, तो आपका रिएक्शन कैसा था?

मैंने कहानी सुनते ही तुरंत हां कह दिया था। मैं जानता था कि मुझे ये करना चाहिए, हालांकि ये उम्मीद नहीं थी कि दर्शकों का इतना पसंद आएगा। हम सभी ने सिर्फ ईमानदारी से काम किया। 

‘अपहरण’ के किरदार रुद्र में ढलने के लिए कैसे मेहनत की?

कोशिश बहुत की, उस किरदार को समझने की। ये किरदार भी एक इंसान है और उसका एटिट्यूड हीरोइक नहीं होना चाहिए। उसकी लगी पड़ी है, और कैसे वो सब चीजों पर काबू रखने की कोशिश करता है। मैं जानता था कि इस किरदार को करने में मजा आएगा और कर लिया।

‘अपहरण 2’ का आपका पसंदीदा डायलॉग कौनसा है?

पेट में चने लेकर अखरोट की पाद मारने चले थे हम… (हंसते हुए)

अपहरण 2 के किरदार ‘रुद्र’और अरुणोदय में कुछ कॉमन है?

अंदरुनी तौर पर काफी कुछ कॉमन है, लेकिन जो सरफेस है, वो अलग है। जहां का मैं रहने वाला हूं, जहां का रुद्र है, दोनों की अपब्रिंगिंग अलग है। मैं किरदार का इमोशन पकड़ पाया, बाकी सब में मेहनत करनी पड़ी। उन सब चीजों में मजा आया। 

 

आपके पिताजी दिग्गज पॉलिटिशन रहे हैं, तो आपकी सिनेमाई पारी की कहानी कैसे शुरू हुई?

राजनीति मेरे लिए नहीं थी। जरूर ये हमारी फैमिली में थी लेकिन मुझे कभी उसमें इंटरेस्ट नहीं आया। मैं हमेशा से ही एक्टर बनना चाहता था। मैं जानता था कि मुझे एक्टिंग करनी है। मेरा फोकस हमेशा ही वैसा रहा। मेरे पिता भी काफी कूल हैं, उन्होंने हमेशा कहा कि अच्छे इंसान रहो और जो कर रहे हो हमेशा खुश रहो। परिवार की ओर से कभी कोई प्रेशर नहीं रहा।

आप उन चुनिंदा सेलेब्स में हैं, जो सिर्फ काम के वक्त चर्चा में आते हैं और फिर लाइमलाइट से दूर…कोई खास वजह?

मैं खामोश हूं, क्योंकि शायद लोग प्रोजेक्ट्स के अलावा मेरे बारे में जानना नहीं चाहते। ये सेलिब्रिटी कल्चर एक हद के बाद मुझे बहुत अजीब लगता है। मैं आर्टिस्ट हूं और काफी प्राइवेट हूं। मैं सर्कस का जोकर नहीं जो हमेशा लोगों के सामने नाचता रहूं। मैं अपना प्यार, काम से लोगों तक पहुंचाता हूं। 

आपने लिखते भी हैं, प्रोफेशनली इम्पलीमेंट करने का कोई इरादा?

मैं चाहता हूं, मेरी ख्वाहिश है लेकिन मैं अभी सीख ही रहा हूं। ये सिर्फ शौक नहीं हूं, मैं कोशिश नहीं करता लेकिन लिखता ही जाता हूं। मुझे पसंद है।

2009 में ‘सिकंदर’ से सिनेमाई जर्नी शुरू हुई थी, 2022 तक आ गए हैं। अपने सफर को कैसे देखते हैं, कभी कुछ लगता है कि ये करना चाहिए था या ये नहीं?

मैं ऐसा कभी नहीं सोचता.. कुछ भी कभी भी गलती से नहीं होता। ये विसडम मेरे पास है। कोई कहता है मैं MBA हूं, कोई कहता है मैं LLB हूं, लेकिन मैं और मेरे मामा का एक कोड है… हम कहते हैं  कि हम LLMKP है, जिसका मतलब है- लटक लटक के मैदान के पार। मेरा करियर भी ऐसा ही है।

अपकमिंग प्रोजेक्ट्स कौनसे हैं?

ये काली काली आंखें 2 और इसके अलावा भी कुछ प्रोजेक्टस हैं लेकिन उनके बारे में मैं ऐलान नहीं कर सकता हूं। वो प्रोड्यूसर्स ही कर सकते हैं।

जेहन में कोई किरदार जो आप निभाना चाहते हैं?

पहला बैटमैन और दूसरा इंडियाना जोन्स।



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