ET Global Business Summit: भारत ने जो किया उस पर 100 साल बाद भी मानवता खुद पर गर्व करेगी: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में ये हालात थे कि लाखों करोड़ों के घोटालों की वजह से देश की साख दांव पर लगी थी। हमने तय किया कि सरकार के हर एलिमेंट को रीइमेजिन करेंगे। आज भारत ने फिजिकल और सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट का एक नया मॉडल पूरे विश्व के सामने रखा है। दुनिया की 40 पर्सेंट रीयल टाइम डिजिटल पेमेंट्स भारत में होती है। ये उन लोगों को देख के लोगों का जवाब है, जो सोचते थे कि भारत के गरीब कहां से डिजिटल पेमेंट कर पाएंगे। वेलफेयर डिलीवरी से जुड़े मसलों को रीइमेजिन किया गया। पहले गरीबों के अकाउंट, उनको प्रॉपर्टी के राइट, टॉयलेट, बिजली, क्लीन कुकिंग फ्यूल, नेट कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं समझी जाती थी और इस सोच को बदला गया।
पिछले जिलों की तस्वीर बदल चुकी है
पहले कुछ लोग गरीबी हटाओं की बातें भले करते थे लेकिन सचाई यह थी कि पहले गरीबों को देश पर बोझ माना जाता था। हमारी सरकार का फोकस गरीबों को एंपावर करने पर है ताकि वे देश की प्रगति में पूरी शक्ति के साथ योगदान दे सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से चार दशक पहले तब के पीएम राजीव गांधी ने कहा था कि वेलफेयर के लिए 1 रुपये दिल्ली से भेजते हैं तो 15 पैसे मिलते हैं। हमारी सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में डायरेक्ट स्कीम के तहत 28 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है। अब एक रुपया दिल्ली से निकलता है तो 100 के 100 पैसे जरूरतमंद के पास पहुंचते हैं। पीएम ने कहा कि कभी नेहरू जी ने कहा था कि जिस दिन हर भारतीय के पास टॉयलेट की सुविधा होगी, उस दिन हम जान जाएंगे कि देश विकास की एक नई ऊंचाई पर है। नेहरू जी को भी समस्या का पता था लेकिन समाधान की तत्परता नजर नहीं आई। जब हमें सेवा करने का मौका मिला तो देश के ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 40 पर्सेंट से भी कम था। हमने इतने कम समय में दस करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाए, स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया। आज ग्रामीण इलाकों में सैनिटेशन कवरेज 100 पर्सेंट तक पहुंच गया है, यह भी रीइमेजिन का परिणाम है।
पीएम ने कहा कि 2014 में देश में 100 से ज्यादा ऐसे जिले थे, जिन्हें बैकवर्ड समझा जाता था लेकिन अब इन जिलों की तस्वीर बदल चुकी है। पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की ताकत को समझा नहीं नहीं गया था। आज भारत ने इसके डिवेलपमेंट का नया मॉडल रखा है। 9 साल में देश में छह लाख किमी से ज्यादा का ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है। 2013-14 में देश का ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 11 लाख करोड़ रुपये था जबकि 2023-24 में 33 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहने की उम्मीद है। टैक्सपेयर का नंबर बढ़ा है और सरकार ने लोगों पर विश्वास किया है। लोगों को ये विश्वास है कि उनका टैक्स का पैसा देश के विकास में लग रहा है।
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