EPFO news: कर्मचारियों को मिल सकता है होली गिफ्ट! पीएफ की ब्याज दर पर फैसले के लिए बैठक शुरू h3>
नई दिल्ली: ईपीएफओ (EPFO) के मेंबर्स को होली से पहले खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (central board of trustees) की दो दिन की बैठक गुवाहाटी में शुरू हो चुकी है। इसमें 2021-22 के लिए प्रॉविडेंट फंड डिपॉजिट्स पर ब्याज दर (interest rate) को फाइनल किया जाएगा। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2020-21 और इससे पिछले वित्त वर्ष में 8.5 फीसदी ब्याज दिया था।
सीबीटी द्वारा ब्याज दर पर फैसला लेने के बाद इसे वित्त मंत्रालय की अनुमति के लिए भेजा जाता है। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने पीएफ जमा पर ब्याज दर को घटाकर 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत कर दिया था जो इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है। 2018-19 में ईपीएफओ पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया गया था। ईपीएफओ ने 2016-17 और 2017-18 में भी 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया था। वहीं, 2015-16 में ब्याज दर 8.8 फीसदी, 2013-14 और 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत थी।
घटेगी या बढ़ेगी ब्याज दर
जानकारों की मानें तो मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या इसे स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। सूत्रों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। इससे कमाई प्रभावित हो सकती है। ऐसे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है। लेकिन इसमें कटौती की भी संभावना है।
साथ ही इस बैठक में ईपीएफओ के पास पड़ी बिना दावे वाली राशि से 100 करोड़ रुपये वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर करने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से 2015 में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, ईपीएफ, पीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं में पड़ी बिना दावों की रकम को सात साल बाद वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाए। सरकार ने ईपीएफओ की इन्क्रीमेंटल इनकम में से पांच फीसदी तक ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (AIF) में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। इस मीटिंग में भी इस पर चर्चा होगी।
क्या है एजेंडा
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) में सरकार, वर्कर्स और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और इसके फैसले ईपीओएफओ के लिए बाध्यकारी हैं। इसकी अगुवाई लेबर मिनिस्टर करते हैं। सीबीटी की पिछली बैठक में चार सब-कमेटीज बनाई गई थीं जो गुवाहाटी बैठक में अपनी सिफारिश सौंप सकती हैं। इनमें से दो कमेटियों के अध्यक्ष श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली हैं जबकि दो की अगुवाई लेबर सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल कर रहे हैं।
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सीबीटी द्वारा ब्याज दर पर फैसला लेने के बाद इसे वित्त मंत्रालय की अनुमति के लिए भेजा जाता है। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने पीएफ जमा पर ब्याज दर को घटाकर 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत कर दिया था जो इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है। 2018-19 में ईपीएफओ पर 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया गया था। ईपीएफओ ने 2016-17 और 2017-18 में भी 8.65 प्रतिशत का ब्याज दिया था। वहीं, 2015-16 में ब्याज दर 8.8 फीसदी, 2013-14 और 2014-15 में भी 8.75 प्रतिशत थी।
घटेगी या बढ़ेगी ब्याज दर
जानकारों की मानें तो मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए सीबीटी चालू वित्त वर्ष में ब्याज दरों में कमी या इसे स्थिर रखने का फैसला रख सकता है। सूत्रों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई है। इससे कमाई प्रभावित हो सकती है। ऐसे में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है। लेकिन इसमें कटौती की भी संभावना है।
साथ ही इस बैठक में ईपीएफओ के पास पड़ी बिना दावे वाली राशि से 100 करोड़ रुपये वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर करने के लिए भी प्रस्ताव पेश किया जाएगा। वित्त मंत्रालय की ओर से 2015 में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, ईपीएफ, पीपीएफ और अन्य बचत योजनाओं में पड़ी बिना दावों की रकम को सात साल बाद वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष में ट्रांसफर कर दिया जाए। सरकार ने ईपीएफओ की इन्क्रीमेंटल इनकम में से पांच फीसदी तक ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड्स (AIF) में निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। इस मीटिंग में भी इस पर चर्चा होगी।
क्या है एजेंडा
ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) में सरकार, वर्कर्स और कर्मचारियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और इसके फैसले ईपीओएफओ के लिए बाध्यकारी हैं। इसकी अगुवाई लेबर मिनिस्टर करते हैं। सीबीटी की पिछली बैठक में चार सब-कमेटीज बनाई गई थीं जो गुवाहाटी बैठक में अपनी सिफारिश सौंप सकती हैं। इनमें से दो कमेटियों के अध्यक्ष श्रम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली हैं जबकि दो की अगुवाई लेबर सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल कर रहे हैं।
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