Elon Musk को करना होगा यह काम, तभी Tesla को भारत में मिलेगी एंट्री, देखे लेटेस्ट डिटेल h3>
टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। इससे पहले कंपनी सरकार से अपनी गाड़ियों को भारत में बेचने के लिए आयात शुल्क (Import Duty) में कटौती की मांग कर रही थी। जिसपर सरकार टेस्ला के भारत में फैक्ट्री लगाने के आश्वासन पर अड़ी हुई थी। लेकिन अब ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला देश में इंपोर्ट टेक्स में छूट पाने के लिए उसे 500 मिलियन डॉलर के लोकल ऑटो कंपोनेंट को खरीदना होगा।
ये चाहते हैं Elon Musk
Elon Musk चाहते हैं कि भारत सरकार टेस्ला की कारों पर आयात शुल्क (Import Duty) को कम करे, जिससे वो विदेशों में बनी Tesla की कारों को आसानी से भारतीय बाजारों में बेच सके। लेकिन भारत सरकार इस बात को लेकर बिल्कुल तैयार नहीं है। पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि एलन मस्क के दबाव का कोई असर नहीं होने वाला है।
पहले भारत में बनाएं फिर छूट की बात करें
टेस्ला भारत में कार निर्माण करने की बजाय यहां आयातित कारें बेचना चाहती है। टेस्ला ने कई मंचों से अपनी यह बात कही है कि भारत सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क कम करे। हालांकि, भारी उद्योग मंत्रालय टेस्ला को खरी-खरी बोल चुका है कि टेस्ला भारत में आकर पहले कार बनाए फिर किसी छूट पर विचार होगा। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टेस्ला को छूट देकर पूरे उद्योग को वह गलत संदेश नहीं देना चाहती क्योंकि कई देसी कंपनियों ने यहां भारी निवेश किया है।
टेस्ला के लिए आसान नहीं भारतीय बाजार
वाहन बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में मुकाबला करना आसान नहीं है। यहां टाटा और महिन्द्रा जैसी देसी कंपनियों के साथ मारुति, हुंडई, एमजी, मर्सिडिज,ऑडी और जेएलआर जैसी कंपनियां पहले से ही बाजार में अपने उत्पाद के साथ मौजूद हैं। ऐसे में एक या दो मॉडल के दम पर टेस्ला के लिए भारतीय बाजार बेहद चुनौती भरा है।
तेजी से बढ़ रहा भारतीय बाजार
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में कंपनियों का आकर्षण उसकी तेज रफ्तार है। मोरडोर इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार वर्ष 2026 तक बढ़कर 47 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट के बावजूद भारत सरकार की नीतियों की वजह से यहां इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को उम्मीद से तेज वृद्धि हो रही है।
टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर फिर बड़ा अपडेट सामने आया है। इससे पहले कंपनी सरकार से अपनी गाड़ियों को भारत में बेचने के लिए आयात शुल्क (Import Duty) में कटौती की मांग कर रही थी। जिसपर सरकार टेस्ला के भारत में फैक्ट्री लगाने के आश्वासन पर अड़ी हुई थी। लेकिन अब ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार चाहती है कि टेस्ला देश में इंपोर्ट टेक्स में छूट पाने के लिए उसे 500 मिलियन डॉलर के लोकल ऑटो कंपोनेंट को खरीदना होगा।
ये चाहते हैं Elon Musk
Elon Musk चाहते हैं कि भारत सरकार टेस्ला की कारों पर आयात शुल्क (Import Duty) को कम करे, जिससे वो विदेशों में बनी Tesla की कारों को आसानी से भारतीय बाजारों में बेच सके। लेकिन भारत सरकार इस बात को लेकर बिल्कुल तैयार नहीं है। पिछले दिनों केंद्र सरकार की ओर से कहा गया था कि एलन मस्क के दबाव का कोई असर नहीं होने वाला है।
पहले भारत में बनाएं फिर छूट की बात करें
टेस्ला भारत में कार निर्माण करने की बजाय यहां आयातित कारें बेचना चाहती है। टेस्ला ने कई मंचों से अपनी यह बात कही है कि भारत सरकार इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क कम करे। हालांकि, भारी उद्योग मंत्रालय टेस्ला को खरी-खरी बोल चुका है कि टेस्ला भारत में आकर पहले कार बनाए फिर किसी छूट पर विचार होगा। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टेस्ला को छूट देकर पूरे उद्योग को वह गलत संदेश नहीं देना चाहती क्योंकि कई देसी कंपनियों ने यहां भारी निवेश किया है।
टेस्ला के लिए आसान नहीं भारतीय बाजार
वाहन बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में मुकाबला करना आसान नहीं है। यहां टाटा और महिन्द्रा जैसी देसी कंपनियों के साथ मारुति, हुंडई, एमजी, मर्सिडिज,ऑडी और जेएलआर जैसी कंपनियां पहले से ही बाजार में अपने उत्पाद के साथ मौजूद हैं। ऐसे में एक या दो मॉडल के दम पर टेस्ला के लिए भारतीय बाजार बेहद चुनौती भरा है।
तेजी से बढ़ रहा भारतीय बाजार
भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन के बाजार में कंपनियों का आकर्षण उसकी तेज रफ्तार है। मोरडोर इंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार वर्ष 2026 तक बढ़कर 47 अरब डॉलर पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना संकट के बावजूद भारत सरकार की नीतियों की वजह से यहां इलेक्ट्रिक वाहन बाजार को उम्मीद से तेज वृद्धि हो रही है।